Ber Fruit Benefits in High Uric Acid: खानपान में गड़बड़ी और खराब जीवनशैली के कारण शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ सकती है। यूरिक एसिड बढ़ने के कारण जोड़ों में दर्द, हड्डियों में सूजन समेत कई तरह की परेशानियों का खतरा रहता है। इसकी वजह से गठिया, अर्थराइटिस समेत हड्डियों से जरूरी कई गंभीर परेशानियां हो सकती हैं। दरअसल यूरिक एसिड शरीर में मौजूद कार्बनिक पदार्थ है जो किडनी द्वारा फिल्टर कर शरीर से बाहर निकल जाता है। कई बार शरीर की कुछ स्थितियों के कारण शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ जाती है। यूरिक एसिड बढ़ने पर पेशाब करने में दिक्कत होने से लेकर कई अन्य समस्याएं हो सकती हैं। शरीर में बढ़े यूरिक एसिड को कम करने के लिए बेर का सेवन बहुत फायदेमंद होता है। आइए इस लेख में विस्तार से जानते हैं, हाई यूरिक एसिड में बेर खाने के फायदे और तरीका।
हाई यूरिक एसिड में बेर खाने के फायदे- Ber Fruit Benefits in High Uric Acid in Hindi
बेर फल अनेक प्रकार के औषधीय और पौष्टिक तत्वों जैसे विटामिन, खनिज और शर्करा से युक्त होता है। यह फल भारत के साथ-साथ चीन, यूरोप और रूस के अलावा दुनिया के कई देशों में उगाया जाता है। इस फल का उपयोग खाने के अलावा दवाइयों के निर्माण में भी किया जाता है। आरोग्यं हेल्थ सेंटर के क्लीनिकल डाइटिशियन डॉ वीडी त्रिपाठी कहते हैं, "बेर में प्रमुख रूप से विटामिन, राइबोफ्लेविन और थायमिन जैसे तत्व पाए जाते हैं और इसके साथ बेर प्रोटीन, पोटेशियम और कैल्शियम समेत कई पोषक तत्वों का भण्डार माना जाता है। यह विटामिन सी का अच्छा स्रोत माना जाता है। इसका नियमित रूप से सेवन खून को फिल्टर करने और शरीर में बढ़े यूरिक एसिड को कम करने में मदद मिलती है।"
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हाई यूरिक एसिड के लक्षण- High Uric Acid Symptoms in Hindi
शरीर में यूरिक एसिड बढ़ने पर ये लक्षण दिखाई देते हैं-
- जोड़ों में गंभीर दर्द और सूजन
- जोड़ों को छूने पर दर्द होना
- किडनी से जुड़ी गंभीर समस्याएं
- किडनी स्टोन की समस्या
- पीठ में गंभीर दर्द
- बार-बार पेशाब आना
- उठने-बैठने में परेशानी होना
- उंगलियों में सूजन आना
शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ने पर आपको खानपान और जीवनशैली में सुधार जरूर करना चाहिए। शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ने पर प्यूरीन से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए। ऐसे फूड्स जिनमें प्यूरीन की मात्रा अधिक होती है उसका सेवन बहुत कम मात्रा में करना चाहिए। गठिया या जोड़ों से जुड़ी समस्या में मरीज को खानपान के साथ एंटी-इंफ्लेमेटरी ड्रग्स और स्टेरॉयड आदि के सेवन की सलाह दी जाती है।
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