कोरोना वायरस एक गंभीर बीमारी है, लेकिन इसका सामना डटकर किया जाए तो इसे आसानी से हराया भी जा सकता है। ऐसा कहना है पटेल नगर में रहने वाले हरिओम गौड़ का। जिन्होंने होम आइसोलेशन में ऑक्सीजन लेवल कम होने पर भी हिम्मत नहीं हारी और प्रोनिंग पॉजिशन से खुद को ठीक कर दिया। हरिओम को 12 अप्रैल को कोरोना के लक्षण नजर आए थे, तभी उन्होंने अपना टेस्ट करवाया और खुद को आइसोलेट कर दिया। 15 अप्रैल को हरिओम की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव निकली। इसके बाद उन्होंने अपने डॉक्टर से कंसल्ट किया और अपनी देखभाल की। कई परेशानियों का सामना करके 21 दिन बाद हरिओम कोरोना नेगेटिव हो गए। इस दौरान हरिओम जरा भी पैनिक नहीं हुए और वायरस को मात दे दी।
हरिओम गौड़ कहते हैं कि 12 अप्रैल को मुझे बुखार आया था और खांसी-जुकाम हुआ। इसके बाद मुझे सांस लेने में थोड़ी बहुत दिक्कत होने लगी। मैं समझ गया था कि ये कोरोना के ही लक्षण हैं। इसलिए मैंने 13 अप्रैल को अपना कोरोना टेस्ट करवाया। मैंने रैपिड एंटीजन और आरटी-पीसीआर दोनों टेस्ट करवाएं। रैपिड टेस्ट में मेरी रिपोर्ट नेगेटिव थी, लेकिन 15 अप्रैल को आरटी-पीसीआर टेस्ट पॉजिटिव निकली। लेकिन मैंने 12 से ही खुद को होम आइसोलेट कर दिया था। क्योंकि मुझे में कोरोना के सारे लक्षण नजर आ रहे थे और घर पर मेरे भाई-बहन भी हैं। इसलिए जैसे ही मुझे लक्षण नजर आए, मैं होम आइसोलेट हो गया। मैं अपनी वजह से दूसरों को संक्रमित नहीं करना चाहता था, इसलिए रिपोर्ट आने से पहले की आइसोलेट हो गया।
कब हुए कोरोना पॉजिटिव (When Did Corona Positive)
हरिओम बताते हैं कि मुझे कोरोना के सारे लक्षण नजर आ रहे थे। इसलिए जैसे ही मुझे खांसी-जुकाम और बुखार महसूस हुआ, मैंने अपना टेस्ट करवा लिया। 13 अप्रैल को मेरी रेपिड रिपोर्ट नेगेटिव आई थी। लेकिन 15 अप्रैल को आरटी-पीसीआर रिपोर्ट पॉजिटिव आ गई। मैं होम आइसोलेशन में पहले से ही था और सभी नियमों का पालन भी कर रहा था। अभी मुझमें थोड़े बहुत पोस्ट कोविड लक्षण नजर आ रहे हैं। इसमें मैं थकान और कमजोरी महसूस कर रहा हूं।
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ये थे शुरुआती लक्षण (Early Symptoms of Corona Virus in Hariom)
हरिओम बताते हैं कि मुझे अचानक से ही सारे लक्षण महसूस हुए थे। एक ही दिन में मुझे तेज बुखार, खांसी-जुखाम, सीन में दर्द और सांस लेने में दिक्कत जैसी परेशानी होनी लगी। इसके अलावा मुझे शरीर में दर्द और थकावट भी काफी महसूस हो रही थी। ऐसे में पहले तो मैं घबरा गया लेकिन फिर हिम्मत रखी और अपना टेस्ट करवाकर खुद को आइसोलेट कर लिया। होम आइसोलेशन के एक हफ्ते बाद मुझे सांस लेने में काफी प्रॉब्लम होने लगी। मैं सांस भी नहीं ले पा रहा था। दरअसल, मुझे टीबी की समस्या भी थी। उसके दवाइयों का कोर्स कंप्लीट हो चुका था, लेकिन अभी मैं पूरी तरह से रिकवर नहीं हो पाया हूं। इसलिए हो सकता है कि मुझे होम आइसोलेशन के समय मुझे ज्यादा परेशानियों का सामना करना पड़ा हो।
प्रोनिंग पॉजिशन से बढ़ाया ऑक्सीजन लेवल (Hariom Did Increase Oxygen Level From Position)
मेरी सेहत शुरुआत में ही खराब हो रही थी। लेकिन मैंने अपनी डाइट का ध्यान रखा और फिजिकली एक्टिव भी रहता था। होम आइसोलेशन के एक हफ्ते बाद मुझे सांस लेने में दिक्कत होने लगी। मेरा ऑक्सीजन लेवल डाउन हो रहा था। हालत इतने गंभीर थे कि अस्पताल ही एक सहारा था। लेकिन इन दिनों अस्पतालों में भी बैड की भारी कमी है। मेरे दोस्तों और परिवार वालों ने अस्पताल में बैड ढ़ूढ़ने की कोशिश भी की, लेकिन हमें नहीं मिल पाया। ऐसे में मैंने सोचा कि मैं अस्पताल नहीं जाउंगा और घर पर ही ठीक हो कर रहूंगा। फिर मैंने प्रोनिंग पॉजिशन एक्सरसाइज करना शुरू किया। मैं दिनभर में इसे 4 बार (सुबह, दोपहर, शाम और रात) इस एक्सरसाइज को करता था। लेकिन शरीर में उस समय काफी कमजोरी थी, इसलिए मैं इसे हर बार 5-6 मिनट ही कर पाता था। 3 दिन लगातार करने के बाद मैं आसानी से सांस लेने लगा और धीरे-धीरे रिकवर होने लगा।
क्या कहते हैं डॉक्टर (What Says Doctor)
वॉकहार्ट हॉस्पिटल, मुबंई सेंट्रल के कंसल्टेंट चेस्ट फीजिशियन और इंटरवेंशनल पल्मोनोलॉजिस्ट डॉक्टर जीनम शाह कहते हैं कि ऑक्सीजन लेवल बढ़ाने के लिए प्रोनिंग पॉजिशन काफी फायदेमंद हो सकती है। इसे पेट के बल लेट कर किया जाता है, जिससे ऑक्सीजन को फेफड़ों तक पहुंचने में मदद मिलती है। इसे सभी लोग आसानी से कर सकते हैं। इसमें आपको बार-बार अपनी करवट भी बदलती रहनी चाहिए। कोरोना मरीज अपने ऑक्सीजन लेवल को बढ़ाने के लिए इस एक्सरसाइज का सहारा ले सकते हैं।
ऐसी थी मेरी डाइट (This Was My Diet)
हरिओम कहते हैं कि होम आइसोलेशन के दौरान मैंने अपनी डाइट पर बहुत ध्यान दिया था। मैं रोज सुबह उठकर अदरक और लौंग का पानी पीता था। मैं रोटी और दाल को मिक्स करके खाता था, क्योंकि सिंपल रोटी खाने में मुझे परेशानी होती है। मैं रोटी को निगल नहीं पाता था। जैसे-जैसे मेरी तबियत में सुधार हुआ, वैसे-वैसे मैंने अपनी डाइट को भी बढ़ाना शुरू कर दिया। इसके बाद में सब्जी, चावल और रोटी खाने लगा। होम आइसोलेशन के दो हफ्ते बाद मैंने नॉनवेज खाना शुरू किया। इसके साथ ही मैं रोज काढ़ा भी पीता था। मेरी बहन मुझे पपीते के सूखे पत्तों, काली मिर्च, लौंग, अदरक, इलायची का काढ़ा बनाकर देती थीं। होम आइसोलेशन के दौरान मैंने सीजनल फल ज्यादातर पपीते, तरबूज का सेवन किया। गर्म पानी और नींबू पानी खूब पीता था। रात को सोत समय मैं हल्दी वाला दूध पीता था।
इन दवाइयों का किया सेवन (Intake of These Medicines)
कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद मैंने डॉक्टर से कंसल्ट किया। उन्होंने मुझे बुखार, खांसी की दवाईयां खाने को दी। इसके साथ ही डॉक्टर ने कुछ मल्टीविटामिंस भी खाने की सलाह दी। मैं इस समय भी अपनी डाइट का पूरा ध्यान रख रहा हूं, क्योंकि अभी कमजोरी और थकावट बहुत होती है। मैंने डॉक्टर की सलाह पर ही सारी दवाईयों का सेवन किया था। अगर आपको भी इस दौर से गुजरना पड़े, तो डॉक्टर की सलाह पर ही दवाईयों का सेवन करें।
मैं घबराया नहीं (I Did Not Panic)
हरिओम बताते हैं मुझे सांस लेने में काफी दिक्कत हो रही थी, ऐसे में भी घर पर ही रिकवर होना आसान नहीं था। मैं स्ट्रांग बना रहा और खुद को कमजोर नहीं होने दिया। मैंने खुद को पॉजिटिव रखा और बिल्कुल भी पैनिक नहीं हुआ। जब मेरा ऑक्सीजन लेवल कम हुआ तो मैं डर गया था, लेकिन मैंने सोचा कि मुझे ठीक होना है और मैं ठीक हो सकता हूं।
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हरिओम में नजर आ रहे हैं पोस्ट कोविड लक्षण (Post Covid Symptoms in Hariom)
हरिओम बताते हैं कोरोना पॉजिटिव होने के बाद मैंने अपनी डाइट का पूरा ध्यान रखा था। मैं 20-21 दिन बाद रिकवर हुआ था। लेकिन अभी भी मैं कमजोरी महसूस कर रहा हूं। मुझे जरा सा काम करने में ही थकावट होने लगती है। मेरा पूरा शरीर दर्द करता है। मैं अभी अपने पोस्ट कोविड लक्षणों से रिकवर होने की कोशिश कर रहा हूं। जैसे ही मैं पूरी तरह से ठीक हो जाउंगा तो मैं प्लाज्मा जरूर डोनेट करना चाहता हूं। मैं प्लाज्मा डोनेट करके दूसरे लोगों की मदद करना चाहता हूं।
हिम्मत रखें लोग-कमजोर न पड़े (Have Courage People Don't Get Weak Suggestion Gave by Hariom to People)
हरिओम कहते हैं कि होम आइसोलेशन के दौरान मेरी तबियत काफी ज्यादा खराब हुई थी। मैं सामान्य तरीके से ठीक नहीं हुआ हूं। उस दौरान मुझे काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा था। मुझे सांस लेने में दिक्कत होने लगी, ऑक्सीजन लेवल गिर गया। लेकिन हिम्मत नहीं हारी। भले ही देर से लेकिन रिकवर हो गया। अगर आपके साथ भी यह समस्या हो तो आपको अपने लिए पॉजिटिव विचार रखने हैं। स्ट्रांग बनकर इसे हराने की कोशिश करनी है। मैं भी स्ट्रांग बना रहा, तभी कोरोना पॉजिटिव से नेगेटिव हो पाया हूं। मैं लोगों से यही कहना चाहता हूं कि अगर आपको कोरोना हो भी जाता है, तो बिल्कुल भी डरिए मत। डरने से आप ठीक नहीं हो सकते हैं, आपको अपनी विल पॉवर मजबूत रखनी है और घबराना नहीं है। क्योंकि मानसिक रूप से कमजोर पड़ने पर आपकी इम्यूनिटी कमजोर पड़ सकती है, जो सेहत के लिए ठीक नहीं होता है।
जिस तरह से हरिओम ने घर पर रहकर ही कोरोना से जंग जीती है, वैसे ही आप भी जीत सकते हैं। बस कोरोना पॉजिटिव होने पर घबराने या डरने की जरूरत नहीं है। पॉजिटिव होने के बाद खुद को होम आइसोलेशन में रखें और डॉक्टर के संपर्क में रहें। आप भी हिम्मत दिखाकर हरिओम की तरह घर पर रहकर ही कोरोना से ठीक हो सकते हैं। ध्यान रखें घबराना नहीं है। सेफ रहें और सुरक्षित रहें।
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