
आयुर्वेद में कई ऐसी औषधीय जड़ी बूटियों का एक समृद्ध भंडार है। जिसमें कि हर समस्या के लिए कुछ न कुछ है, उन्हीं औषधीय जड़ी बूटियों में से एक है, ट्रिबुलस टेरेस्ट्रिस या गोक्षुर या गोखरू का एक छोटा पौधा है। जिसमें कई बड़े औषधीय लाभ हैं, इस जड़ी बूटी का उपयोग मुख्य रूप से पुरुषों में बांझपन या इनफर्टिलिटी के इलाज में किया जाता है। लेकिन इसके और भी कई फायदे हैं। यह लिवर के कामों में सुधार, त्वचा की बीमारियों का इलाज, बालों का गिरना, मासिक धर्म की समस्याओं को कम करना, सिरदर्द आदि समस्याओं में भी मददगार हैं। आइए इस औषधी के कुछ उपयोग और फायदों के बारे में पड़ें।
1. PCOS और महिला बांझपन में सहायक
महिलाओं में बांझपन का मुख्य कारण PCOS यानि पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (पीसीओएस) है। यह एक ऐसी स्थिति है, जो कुछ अन्य समस्याओं जैसे जल प्रतिधारण (वॉटर रिटेंशन) और ग्लूकोज असहिष्णुता को भी ट्रिगर करती है, जो डायबिटीज का कारण बनती है। गोक्षुर बांझपन की संभावना को रोकने के लिए वॉटर रिटेंशन को रोकने में मदद करता है। इसके अलावा, और यह मासिक धर्म के दर्द को भी कम करता है और महिलाओं में मेनोपॉज के लक्षणों को कम करता है।
2. किडनी स्टोन के लिए
आयुर्वेद के अनुसार, गोक्षुर या गोखरू गुर्दे पथरी या किडनी स्टोन को खत्म करने और उसके इलाज में सहायक है। पथरी के इलाज में गोक्षुर पौधे की जड़ों और फलों दोनों का उपयोग किया जाता है। क्योंकि इसमें मूत्रवर्धक, शीतलन और लिथोट्रिप्टिक गुण हैं इसलिए यह किडनी, यूरिनेशन और ब्लैडर के साथ वात और पित्त दोष में भी मददगार है। इस पौधे का उपयोग आयुर्वेदिक दवाओं में यूरीन रिटेंशन, बुखार और गुर्दे की पथरी के लिए किया जाता है।
3. टेस्टोस्टेरोन बूस्टर
यह जड़ी बूटी टेस्टोस्टेरोन हार्मोन बूस्टर के रूप में लोकप्रिय है। क्योंकि यह प्राकृतिक रूप से पुरुष हार्मोन बूस्टर के लिए बड़े पैमाने पर उपयोग की जाती है। यह पुरुष कामेच्छा, स्तंभन दोष आदि से जूझ रहे और अन्य पुरुष मुद्दों में मददगार है। इस जड़ी बूटी के नियमित सेवन से लाभ प्राप्त किये जा सकते हैं। कुल मिलाकर, यह जड़ी बूटी पुरुषों में प्रजनन क्षमता को बढ़ावा देती है।
4. मूत्रवर्धक गुण
खराब जीवन शैली और खाने की आदतों के कारण इन दिनों मूत्रवर्धक बीमारियां बहुत आम हैं। मूत्राशय को साफ करके मूत्र रोगों के उपचार में यह आयुर्वेदिक जड़ी बूटी अत्यधिक प्रभावी है। गोक्षुर या गोखरू के लिथोट्रिप्टिक गुण मूत्र कार्यों को विनियमित करने में मदद करती है।
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5. हृदय संबंधी समस्याओं में मददगार
यह जड़ी बूटी आपके हृदय स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में भी मदद कर सकती है। एक व्यक्ति जो नियमित रूप से इस जड़ी बूटी की खुराक लेता है, उसे अपने दिल को स्वस्थ रखने में मदद मिलती है। गोक्षुर का सेवन दिल की बीमारियों की संभावना को कम करता है और इसके साथ ही, यह कोलेस्ट्रॉल, ब्लड शुगर और ब्लड प्रेशर को भी कम करता है।
6. मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ावा दे
गोक्षुर में MAO इनहिबिटर हैं, जो शारीरिक और मानसिक कल्याण को बढ़ावा देने के लिए शरीर में सेरोटोनिन हार्मोन को नियंत्रित करते हैं। इस जड़ी बूटी के नियमित सेवन से सिरदर्द का इलाज, तनाव से राहत और अन्य मानसिक विकारों का प्रबंधन किया जा सकता है।
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7. उम्र बढ़ने को संकेतों को धीमा करे
यह जड़ी बूटी भी उम्र बढ़ने के संकेतों में देरी कर सकती है। यह उम्र से कम दिखने और महसूस करने के लिए शरीर और त्वचा को फिर से जीवंत करती है। इसके अलावा, यह जड़ी बूटी जीवन शक्ति को बढ़ाती है और त्वचा के मामले में यह जड़ी बूटी झुर्रियों, फाइन लाइन्स और अन्य उम्र बढ़ने के संकेतों को नियंत्रित करने में मदद करती है।
गोक्षुर या गोखरू का सेवन कैसे करें करें?
- आप गोक्षुर या गोखरू के पाउडर को पानी में मिलाकर रोजाना पी सकते हैं।
- गोक्षुर या गोखरू पौधे की पत्तियों को उबालें और इसे पिएं, यह यूटीआई की समस्याओं में सहायता करेगा।
- आप आधा चम्मच गोक्षुर पाउडर के साथ शहद मिलाकर इसे सोने से पहले इसका सेवन करें।
- आप खाने में भी इस जड़ी बूटी को शामिल कर सकते हैं, जो सबसे आसान तरीकों में से एक है।
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