प्लेसेंटा प्रिविआ, गर्भावस्था संबंधित समस्या है। इस समस्या के होने पर महिलाओं को आराम की सलाह दी जाती है क्योंकि इसका कोई विशिष्ट इलाज अभी तक मौजूद नहीं है।
प्लेसेंटा प्रिविआ कोई बीमारी नहीं है। डॉक्टरों की मानें तो वे ऐसी अवस्था महिलाओं को कम से कम गतिविधि, भारी सामान उठाने व सेक्स ना करने की सलाह देते हैं। प्लेसेंटा प्रिविआ की अवस्था पर निर्भर करता है कि महिलाओं को किस प्रकार का उपचार दिया जाए।
प्लेसेंटा प्रिविआ के दौरान महिला को रक्तस्राव की समस्या हो सकती है। अगर रक्तस्राव कम हो रहा है तो इसे आराम करके कंट्रोल किया जा सकता है लेकिन अगर ब्लीडिंग तेज है और कंट्रोल नहीं हो रही है तो तुरंत सी-सेक्शन के जरिए बच्चे को बाहर निकाला जाता है।
प्लेसेंटा प्रिविआ का इलाज
- प्लेसेंटा प्रिविआ की समस्या होने पर महिला को खास देखभाल की जरूरत होती है। इस दौरान तेज गति से रक्तस्राव होने के कारण मां व होने वाले बच्चे दोनों की जान को खतरा हो सकता है। इसलिए थोड़ी सी भी लापरवाही घातक हो सकती है।
- प्लेसेंटा प्रिविआ से ग्रस्त महिला को सी-सेक्शन की जरूरत होती है। अगर प्लेसेंटा के कारण सर्विक्स का पूरा हिस्सा कवर हो गया हो तो ऐसे में वजाइनल डिलवरी से काफी ब्लड लॉस हो सकता है। यह मां व बच्चे दोनों के लिए खतरनाक स्थिति हो सकती है।
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कुछ सलाह
- गतिविधि कम करने की सलाह।
- बेड रेस्ट या ज्यादा से ज्यादा आराम करना चाहिए।
- सेक्स ना करें।
इलाज के तरीके
- रक्त संचारण के जरिए।
- समय से पहले प्रसव को रोकने के लिए दवाएं।
- गर्भावस्था को कम से कम 36 हफ्तों तक जारी रखने की दवा।
- स्टेरॉयड शॉट्स एक प्रकार का इंजेक्शन है जिससे होने वाले बच्चे के फेफड़ों को परिपक्व होने में मदद मिलती है।
- अगर रक्तस्राव कंट्रोल नहीं हो रहा है तो इमरजेंसी सी-सेक्शन किया जा सकता है।
उपचार देने से पहले
- कितनी ब्लीडिंग हो रही है। अगर ब्लीडिंग कंट्रोल नहीं हो रही है तो सी-सेक्शन या रक्त संचारण की मदद ली जाती है।
- महिला की शारीरिक स्थिति की जांच जैसे ज्यादा रक्तस्राव के कारण महिला के शरीर में खून की कमी तो नहीं है।
- गर्भ में पल रहे भ्रूण का विकास के बारे में जानना जरूरी है।
यादि महिला की हालत गंभीर है तो आपको चिकित्सक की निगरानी में अस्पताल में रख जा सकता है, यहां पर महिला और बच्चे की देखभाल अच्छे से की जा सकती है।
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