टोक्सोप्लाजमोसिज, टोक्सोप्लाजमा गोंडी नामक परजीवी के कारण होने वाला संक्रमण है, जो कि भ्रूण के स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हो सकता है। यह संक्रमण मिट्टी व कूड़े़ में मौजूद परजीवी से फैलता है। इसके अलावा संक्रमित जानवर के अधपके मांस या अधपके खाने के सेवन से भी हो सकता है। अगर आपको पहले एक बार टोक्सोप्लाजमा संक्रमण हो चुका है तो सामन्यत: इसके दोबारा होने की आशंका कम होती है।
- टोक्सोप्लाज़मोसिज़ के लक्षणों की पहचान कर पाना मुश्किल है, क्योंकि इसके लक्षण आम रोगों की तरह ही होते हैं जैसे बुखार आना, मांसपेशियों में दर्द, चक्कर आना, लिंफ ग्लैंड में सूजन।
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- टोक्सोप्लाज़मोसिज़ का पता लगाने के लिए डॉक्टर ब्लड टेस्ट कराने की सलाह देते हैं जिससे इस संक्रमण की पहचान हो सके। गर्भावस्था के दौरान टोक्सोप्लाज़मोसिज़ का पता चलने पर डॉक्टर एंटीबॉयोटिक्स की मदद से इसका इलाज करते हैं।
- अगर यह रोग शुरुआती अवस्था में है तो दवाओं के जरिए भ्रूण पर पड़ने वाले प्रभावों को रोका जा सकता है। अगर जांच के दौरान यह पाया गया कि भ्रूण भी इस संक्रमण से प्रभावित है तो दो एंटीबॉयोटिक्स के जरिए इसका इलाज किया जा सकता है।
- अमीयोसिनटेसिस जांच के जरिए अमीयोटिक द्रव्य की जांच की जाती है।कोरडोसिनटेसिस जांच में गर्भनाल के रक्त की जांच से संक्रमण के बारे में जाना जा सकता है।अल्ट्रासाउंड के जरिए भ्रूण में संक्रमण के कारण होने वाली असामन्यताओं के बारे में पता किया जा सकता है।
- गर्भवती महिलाओं को इस संक्रमण से बचने के लिए ठीक से पके हुए मांस, खाने का सेवन करना चाहिए। इसके अलावा सब्जियों व फलों को बिना धोएं ना खाएं।गर्भावस्था के दौरान घर की साफ-सफाई का खास खयाल रखें।
- घर के कूड़े को उठाते समय दस्ताने व मास्क पहनना ना भूलें। अगर संभव हो तो गर्भावस्था के दौरान कूड़े को हाथ ना लगाएं। गर्भावस्था के दौरान मांस के सेवन से पहले उसे अच्छे जरूर पकाएं। अधपके मांस में टोक्सोप्लाज़मोसिज़ के परजीवी मौजूद होते हैं।
- जानवरों को छूने के बाद हाथ धोना ना भूलें।घर की बगीचे का काम करने के बाद साबुन से अच्छी तरह से हाथ धोएं।खाने से पहले फल व सब्जियों को अच्छी तरह से धोएं।खाने से पहले हाथ जरूर धोएं।
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