आज का समय इंटरनेट का है और इंटरनेट के इस युग में दुनिया के सबसे बड़े सोशल मीडिया यानि फेसबुक का बोलबाला है। आज कोई व्यक्ति जब इंटरनेट का इस्तेमाल करना शुरू करता है तो फेसबुक पर अपना प्रोफाइल सबसे पहले बनाता है। यहां तक कि अगर वह खुद से अपना प्रोफाइल नहीं बना सकता तो वो दूसरों से बनवाता है। निसंदेह फेसबुक हमारे लिए काफी उपयोगी है, इसके द्वारा हम मित्र-रिश्तेदारों से बहुत आसनी से कम्यूनिकेट कर पाते हैं। लेकिन आज फेसबुक की लत लोगों को इतनी लग गई है कि वह हर थोड़ी देर में अपना फेसबुक प्रोफाइल चेक करते रहते हैं। अगर आपको भी ऐसी ही लत है तो सावधान हो जाएं, क्योंकि आपकी यह आदत आपको दुखी और अस्वस्थ बना सकती है।
इसे भी पढ़ें : फेसबुक के अजीबोगरीब स्टेट्स देखकर लोगों के स्वभाव पर पड़ता है असर
क्या कहता है शोध
जी हां एक नए शोध के अनुसार अगर आप भी बार-बार अपना फेसबुक प्रोफाइल चेक करते हैं, तो सावधान हो जाएं, क्योंकि आपकी यह आदत आपके दिमाग पर असर करती है। दरअसल, एक शोध में पाया गया है कि ऐसे लोगों के उन लोगों की तुलना में ज्यादा दुखी और अस्वस्थ रहने की आशंका होती है, जो कभी-कभी फेसबुक चेक करते हैं। अमेरिका में सैन डिएगो, कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी 'यूसीएसडी' के शोधकर्ताओं ने साल 2013 से 2015 के बीच 5,208 लोगों से उनके फेसबुक इस्तेमाल करने के बारे में आंकड़े जमा किए।
शोधकर्ताओं ने फेसबुक गतिविधि और शारीरिक स्वास्थ्य, मानसिक स्वास्थ्य, जीवन में संतुष्टि और बॉडी मास इंडेक्स के साथ वास्तविक दुनिया की सोशल नेटवर्क गतिविधि की जांच की। आंकड़ों का अध्ययन करने के बाद शोधकर्ताओं ने पाया कि फेसबुक का अधिक इस्तेमाल करना सामाजिक, शारीरिक और मनोवैज्ञानिक स्वास्थ्य से समझौता करने से जुड़ा है।
इसे भी पढ़ें : फायदेमंद है फेसबुक और अन्य सोशल नेटवर्क से नाता तोड़ना
यूसीएसडी में सहायक प्रोफेसर हॉली शाक्या ने कहा कि जो लोग सोशल नेटवर्क वेबसाइट का ज्यादा इस्तेमाल करते हैं, वे कभी कभार इसका इस्तेमाल करने वालों के मुकाबले खुश और स्वस्थ नहीं होते। अध्ययन में शामिल में अमेरिका के येल यूनिवर्सिटी की निकोलस क्रिसटाकिस ने कहा कि फेसबुक का इस्तेमाल करना मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों से जुड़ा हुआ है।
शोधकर्ताओं ने कहा कि यहां तक कि यदि यूजर औसत के अधिक अपने प्रोफाइल को अपडेट कर रहे हैं और लाइक्स कर रहे हैं, तो उनके मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के होने का खतरा अधिक होता है। यह शोध अमेरिकी पत्रिका एपिडेमियोलॉजी में प्रकाशित हुआ है।
ऐसे अन्य स्टोरीज के लिए डाउनलोड करें: ओनलीमायहेल्थ ऐप
Article Source : IANS
Image Source : Shutterstock.com
Read More Articles on Mental Health in Hindi