कैल्शियम की अधिकता से हो सकता है हृदय और किडनी रोग

अतिरिक्त कैल्शियम से आपको कोई फायदा नहीं होता। और जरूरत से ज्यादा कैल्शियम का सेवन करने से किडनी में पथरी होने की आशंका होती है।
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कैल्शियम की अधिकता से हो सकता है हृदय और किडनी रोग

कैल्शियम को सेहतमंद आहार का हिस्सा माना जाता है। खासतौर पर महिलाओं को मेनोपोज के बाद, आहार विशेषज्ञ, डॉक्टर और सभी उन्हें कैल्शियम खाने की सलाह देते हैं।

जानकारों का कहना है कि पचास की उम्र से कम के महिलाओं और पुरुषों को रोजाना एक हजार मिलीग्राम कैल्शियम का सेवन करना चाहिये। और  70 वर्ष से अधिक उम्र के पुरुषों में और मेनोपॉज के बाद महिलाओं में यह आवश्यकता 1200 मिलीग्राम तक पहुंच जाती है। इस दौरान एस्ट्रोजन के कारण हड्डियां कमजोर हो जाती हैं।
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तो हमारे समाज में जहां ज्यादा को बेहतर माना जाता है यह सवाल उठना लाजमी है कि अगर 1200 मिलीग्राम कैल्शियम लेना अच्छा है, तो क्या 2000 मिलीग्राम कैल्शियम का सेवन करना बेहतर होगा। आपमें से कई लोगों के जेहन में यह सवाल आता है कि हो सकता है कि अधिक के सेवन से आपको ज्यादा लाभ मिले। लेकिन, आपने वह कहावत तो सुनी होगी कि अति हर चीज की बुरी होती है।

अतिरिक्त कैल्शियम से आपको कोई फायदा नहीं होता। और जरूरत से ज्यादा कैल्शियम का सेवन करने से किडनी में पथरी होने की आशंका होती है। इसकी बड़ी वजह यह है कि हमारा शरीर एक बार में 600 मिलीग्राम से ज्यादा कैल्शियम को नहीं संभाल सकता। अतिरिक्त कैल्शियम रक्त प्रवाह का हिस्सा बनने लगता है। इससे किडनी में पथरी बनने लगती है।


कैल्शियम की अधिकता से किडनी में पथरी होने की बात तो काफी समय से कही जा रही है। कैल्शियम की अधिकता से कई और स्वास्थ्य समस्यायें भी हो सकती हैं। इससे आपको कोरोनेरी हार्ट डिजीज भी हो सकती हैं, जो आगे चलकर हृदयाघात की वजह बन सकती है।


यूनिवर्सिटी ऑफ कोलोरेडो के कार्डियोलॉजिस्ट और एंडोक्रिनोलॉजिस्ट रॉबर्ट एक्केल, जो अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष भी रह चुके हैं, ने कहा कि हालांकि इस दिशा में हुए शोध अभी शुरुआती दौर में हैं और अभी इस पर काफी काम किये जाने की जरूरत है, लेकिन अब तक हुए शोध यह सवाल तो उठाते हैं कि क्या काउंटर पर आसानी से मिलने वाली कैल्शियम सप्लीमेंट से स्वास्थ्य को कोई खतरा हो सकते हैं, जिनका सेवन आहार के जरिये कैल्शियम से अधिक होता है।

इस वक्त तो केवल इतना ही कहा जा सकता है कि इससे कुछ सवाल तो उठते हैं, लेकिन निश्चित रूप से इस बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता। और साथ ही एक्केल आसानी से मिलने वाले कैल्शियम सप्लीमेंट को बंद ही करने के हिमायती हैं। ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि कैल्शियम हमारी हड्डियों के लिए बेहद जरूरी होता है।

स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना कि अगर आप नाश्ते में एक गिलास दूध पीते हैं, तो उससे आपको 200 से 300 मिलीग्राम कैल्शियम मिलता है। दोपहर में दही की कटोरी से आपको और 200 से 300 मिलीग्राम कैल्शियम मिल जाता है और 30 ग्राम पनीर आपको 200 से 300 मिलीग्राम कैल्शियम और मिल जाता है। 50 की उम्र से कम के ज्यादातर स्वस्थ वयस्कों के लिए इतना कैल्शियम काफी होता है।
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अगर आप डेयरी उत्पादों का सेवन नहीं करते तो कई अन्य ऐसे आहार हैं जिनसे आप कैल्शियम प्राप्त कर सकते हैं। ब्रोकली, शलजम का साग जैसी सब्जियों में कैल्शियम काफी मात्रा में होता है। इसके आलावा संतरा, अंजीर, सालमन मछली और सार्डिन आदि में भी रोजमर्रा की जरूरत को पूरा करने लायक कैल्शियम होता है। दालें और सोया मिल्क भी कैल्शियम के उच्च स्रोत हैं। इतना ही नहीं इनमें विटामिन डी भी होता है, जो शरीर को कैल्शियम के अवशोषण में मददगार होता है।

तो अपने आहार से कैल्शियम के सेवन का अंदाजा लगायें। और इसके बाद देखें कि क्या आपको वाकई सप्लीमेंट लेने की जरूरत है। हो सकता है कि  आपको कभी अतिरिक्त 300 से 600 मिलीग्राम कैल्शियम की जरूरत है और वह भी आपको रोज लेने की जरूरत नहीं है।

 

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