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30 की उम्र के बाद मेटाबॉलिज्म बढ़ाने के लिए अपनाएं ये 4 टिप्स, वजन भी रहेगा कंट्रोल

बढ़ती उम्र के साथ मेटाबॉलिज्म भी धीमा होने लगता है। खासकर 30 की उम्र के साथ यह परेशानी होना शुरू हो जाती है। जानें ऐसे में मेटाबॉलिज्म कैसे बैलेंस रखें।
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30 की उम्र के बाद मेटाबॉलिज्म बढ़ाने के लिए अपनाएं ये 4 टिप्स, वजन भी रहेगा कंट्रोल

How To Speed Up Metabolism After 30: मेटाबॉलिज्म शरीर में होने वाली रसायनिक प्रक्रियाएं हैं। जब हम खाना खाते हैं तो एनर्जी बनाने से लेकर कैलोरी बर्न होने तक का प्रोसेस मेटाबॉलिज्म करता है। अगर आपका मेटाबॉलिज्म अच्छा है, तो आपका पाचन तंत्र हमेशा स्वस्थ रहेगा। इसके कारण आपको सुस्ती, कमजोरी या वजन बढ़ने जैसी समस्याएं भी नहीं होगी। लेकिन वहीं, मेटाबॉलिज्म धीमा होने से बॉडी में अन्य प्रक्रियाएं भी धीमी होने लगती हैं। इसके कारण कैलोरी बर्न होने के बजाय फैट के रूप में शरीर में जमा होने लगती है। वहीं, मेटाबॉलिज्म धीमा होने से डाइजेस्टिव प्रॉब्ल्मस और थकावट रहने जैसी समस्याएं भी होने लगती हैं। बढ़ती उम्र खासकर 30 की उम्र के बाद मेटाबॉलिज्म धीमा होना शुरू हो जाता है। ऐसे में अगर सेहत पर ध्यान न दिया जाए, तो वजन बढ़ने और कई बीमारियों का खतरा बढ़ने लगता है। लेकिन अगर आप कुछ टिप्स को डेली लाइफस्टाइल में फॉलो करते हैं, तो आप मेटाबॉलिज्म बूस्ट कर सकते हैं। हॉलिस्टिक हेल्थ कोच और एक्सरसाइज फिजियोलॉजिस्ट कपिल कनोडिया ने इस बारे में जानकारी देते हुए इंस्टाग्राम पर वीडियो शेयर किया है। आइए लेख के माध्यम से जानें इस बारे में।

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30 की उम्र के बाद मेटाबॉलिज्म बढ़ाने के लिए अपनाएं ये टिप्स- Tips To Increase Metabolism After The Age of Thirty

स्ट्रेस मैनेज करें- Manage Stress

बढ़ती उम्र के साथ जिम्मेदारियों का बोझ भी बढ़ने लगता है। ऐसे में तनाव भी बढ़ने लगता है। लेकिन तनाव आपके मेटाबॉलिज्म का सबसे बड़ा दुश्मन हो सकता है। दरअसल, जब भी हम तनाव में होते हैं तो हमारी बॉडी फाइट एंड फ्लाइट मोड पर चली जाती है। ऐसे में हमारे सेल्स सरवाइवल मोड पर आ जाते हैं और स्ट्रेस मैनेज करने पर काम करते हैं। इसलिए स्ट्रेस कंट्रोल करने पर विशेष ध्यान दें। उन चीजों से दूरी बनाएं जिनके कारण आपको तनाव होता है। हमेशा खुश रहें और माइंड रिलैक्स करने पर काम करें।

प्रोटीन रिच डाइट लें- Protein Rich Diet

प्रोटीन की जरूरत आपको हर उम्र में होती है। प्रोटीन थरमोजेनिक होता है यानि हमारी बॉडी को प्रोटीन डाइजेस्ट करने के लिए ज्यादा कैलोरी बर्न करनी पड़ती है। कैलोरी ज्यादा बर्न करने से बॉडी में एनर्जी डिमांड बढ़ती है जिससे मेटाबॉलिज्म बूस्ट होता है। इसलिए अपने हर मील में पर्याप्त प्रोटीन जरूर लें। ध्यान रखें कि आप अपने बॉडी वेट के मुताबिक दिनभर में प्रोटीन की कमी जरूर पूरी करें।

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सर्केडियन रिदम पर ध्यान दें- Circadian Rhythm

अगर आपकी बॉडी का सर्केडियन रिदम ठीक नहीं होगा, तो आपका मेटाबॉलिज्म उतना ज्यादा स्लो होता जाएगा। सर्केडियन रिदम यानी हमारी बॉडी का नेचुरल लाइट के लिए रिएक्ट करना। अगर आप लेट उठते हैं और लेट सोते हैं, तो इसके कारण मेटाबॉलिज्म धीमा होता जाएगा। शाम होने के साथ ही बॉडी में मेलाटोनिन हार्मोन बनने लगता है। ऐसे में अगर आप समय पर नहीं सोते हैं, तो शरीर में अन्य हार्मोन्स भी इंबैलेंस हो सकते हैं। इसलिए समय से सोने और उठने की आदत बनाएं।

स्ट्रेंथ ट्रेनिंग की आदत बनाएं - Strength Training

बढ़ती उम्र के साथ स्ट्रेंथ ट्रेनिंग करना जरूरी हो जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि बढ़ती उम्र के साथ मसल्स और हड्डियां कमजोर होने लगती है। ऐसे में अगर आप स्ट्रेंथ ट्रेनिंग नहीं करते हैं, तो आपका मेटाबॉलिज्म धीमा हो सकता है। इसके साथ ही, बीमारियों और चोट लगने का खतरा भी बढ़ने लगता है।

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इन टिप्स से आप मेटाबॉलिज्म बढ़ाने पर काम कर सकते हैं। लेख में दी गई जानकारी पसंद आई हो, तो शेयर करना न भूलें।

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