खुद को बेकार या किसी काम का ना समझते की भावना कभी ना कभी किसी ना किसी परिस्थिति में लोगों के मन में आती ही है। ऐसे में व्यक्ति के सामने दो राहें होती हैं। या तो वह डट कर इस समस्या का सामना कर सकता है या फिर इस समस्या के सामने हार मान कर खुद को बेकार और मायूस महसूस करवा सकता है। हालांकि कुछ तरीकों को अपनाकर व्यक्ति वर्थलेस फीलिंग से छुटकारा पा सकता है। आज का हमारा लेख उन्हीं तरीकों पर है। आज हम आपको अपने इस लेख के माध्यम से बताएंगे कि खुद को बेकार और किसी काम का ना समझने की भावना से बाहर कैसे निकलें। इसके लिए हमने गेटवे ऑफ हीलिंग साइकोथेरेपिस्ट डॉ. चांदनी (Dr. Chandni Tugnait, M.D (A.M.) Psychotherapist, Lifestyle Coach & Healer) से भी बात की है। पढ़ते हैं आगे...
1 - खुद से करें बातें
खुद से बातें करने से मतलब है अपने आप को समझना। सबसे पहले व्यक्ति को अपने स्वभाव, व्यवहार, अपनी भावनाओं और अपनी पसंद नापसंद के बारे में जानना जरूरी है और उसे यह भी पता होना चाहिए कि अगर किसी चीज से उसे फर्क पड़ता है तो वह क्यों पड़ रहा है और उसके अंदर नकारात्मक विचार किस वजह से पैदा हो रहे हैं। ऐसे में वह न केवल अपने अंदर नई नई चीजों को तलाश पाएगा बल्कि अपने अंदर से हीन भावना को भी दूर रख सकेगा।
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2 - अपना कल बनाएं सुनहरा
बर्थलेस फीलिंग आने पर व्यक्ति अपने आने वाले कल के बारे में ना सोचकर अपने उन पलों के बारे में सोचता है, जिसमें उसने सबसे बुरा प्रदर्शन किया है। ऐसे में व्यक्ति को इस सोच से बाहर निकालने के लिए भविष्य की योजनाएं काम आ सकती हैं। ऐसे समय में व्यक्ति कुछ ऐसी योजनाएं बनाएं, जिसे करने में ना केवल मजा आए बल्कि उसके भविष्य पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़े।
3 - लोगों की लें मदद
अगर आपको ऐसा महसूस हो रहा है कि आप एकदम बेकार हैं या आप किसी के काम में बेहतर नहीं है तो ऐसे में आप अपने आसपास मौजूद दोस्त या परिवारजनों की मदद लें और उनसे यह जानें कि आपके अंदर क्या-क्या खूबियां हैं और क्या-क्या खामियां। ऐसे में आप अपनी खूबियों पर काम करें और अपनी खामियों को दूर करने की कोशिश करें। ऐसा करने से भी आपके अंदर पैदा हो रही हीन भावना से छुटकारा मिल सकेगा।
4 - दूसरों से तुलना करें बंद
कुछ लोगों की आदत होती है कि वे अपनी तुलना दूसरों के साथ करते हैं और इस कारण भी उनके अंदर वर्थलेस वाली फीलिंग आ सकती है। ऐसे में खुद से तुलना करना बंद करें और यह सोचें कि हर इंसान अपने आप में अलग और उसकी इच्छाएं भी एक दूसरे से अलग होती है। ऐसे में यदि आप किसी काम में अच्छे नहीं हैं या फिलहाल आपके पास कोई खास उद्देश्य नहीं है तो ऐसे में तुलना करने के बजाय आप अपना ध्यान उद्देश्य पर लगाएं और अपने लक्ष्य को तैयार करें।
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5 - प्रेरक कहानियां आएंगी काम
हमारे देश में न जानें ऐसे कितने महान लोग रहे हैं, जिन्होंने देश के प्रति न केवल अपने प्राण न्योछावर कर दिए बल्कि उसके गौरव के लिए अपनी इच्छाओं की भी कुर्बानी दी है। ऐसे में आप महान महापुरुषों की कहानियां पढ़ें। ऐसा करने से न केवल आपके अंदर आत्मविश्वास मजबूत होगा बल्कि आपके अंदर पैदा हो रही हीन भावना भी दूर हो सकती है।
नोट - ऊपर बताए गए बिंदुओं से पता चलता है कि खुद के प्रति नकारात्मक विचार या खुद को कम आंकना गलत है। इससे ना केवल व्यक्ति का आत्मविश्वास कमजोर हो सकता है बल्कि इससे उसके व्यक्तित्व पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। ऐसे में व्यक्ति को कुछ तरीकों को अपना कर अपने अंदर से बर्थलेस फीलिंग को दूर रखना जरूरी है।
इस लेख में फोटोज़ Freepik से ली गई हैं।
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