मॉनसून का मौसम आते ही अस्थमा के मरीजों की समस्या बढ़ने लगती है। मॉनसून के मौसम में अस्थमा के मरीजों को सांस लेने में दिक्कत जैसी परेशानियां ज्यादा होने लगती हैं। मॉनसून में कई बार बारिश के बाद ठंडक रहने के कारण अस्थमा मरीजों में अटैक की संभावना काफी बढ़ जाती है। इस समय स्किन एलर्जी और फंगस जैसी परेशानिया भी काफी बढ़ जाती हैं। ऐसे में अस्थमा मरीज कुछ बातों का ध्यान रखकर मॉनसून में आने वाली परेशानियों से बच सकते हैं। आइए जानते हैं मॉनसून में अस्थमा मरीज अस्थमा अटैक से बचाव के लिए कौन सी सावधानियां अपनाएं।
ठंडी चीजें खाने से बचें
मॉनसून में मौसम बहुत जल्दी-जल्दी बदलता है। इस मौसम में कभी तेज बारिश होती है, तो कभी धूप खिल जाती है। ऐसे में इस मौसम में ठंडी चीजें खाने से परहेज करें। ठंडी चीजें खाने से अस्थमा मरीजों की दिक्कत काफी बढ़ सकती है। इस मौसम में ठंडा पानी, आइसक्रीम, दही, छाछ, मट्ठा, मूंग की दाल और ठंडी तासीर वाली अन्य चीजों से परहेज करें।
घर में सीलन को न रहने दें
अस्थमा मरीजों को घर और दीवारों में सीलन चेक करते रहना चाहिए क्योंकि कई बार ये सीलन अस्थमा अटैक का कारण भी बन सकती है। मॉनसून में लगातार बारिश रहने से घर में सीलन की समस्या काफी बढ़ जाती है। इस समस्या से निपटने के लिए घर को सूखा रखने की कोशिश करें।
पालतू जानवरों से दूरी बनाएं
अस्थमा मरीजों को मॉनसून के मौसम में पालतू जानवरों से दूरी बनाकर रखनी चाहिए। इस मौसम में अस्थमा मरीजों में एलर्जी जल्दी फैलती है। जानवरों के बालों से भी एलर्जी हो सकती है, जो अस्थमा अटैक का कारण बन सकता है। ऐसे में कोशिश करें कि पालतू जानवरों के साथ न खेलें और अगर घर में कोई पातलू जानवर है, तो उसे अपने कमरे से दूर रखें।
तेज गंध से दूर रहें
अस्थमा मरीजों को घर पर सफाई करने वाले फिनाइल, पेंट और मच्छर- कॉकरोच मारने वाले स्प्रे की स्मेल से दूर रहना चाहिए क्योंकि कई बार इनमें इस तरह की स्मेल होती है, जो अस्थमा के अटैक को बढ़ावा दे सकती है। अगर आपके घर की मरम्मत हो रही है या फिनायल वाला पोंछा लगा हुआ है, तो आप खुद को इस तरह की गंध से दूर रखें।
घर को रखें साफ
कई बार पुरानी चीजों पर चढ़ी धूल मिट्टी के कण अस्थमा के मरीजों में अटैक का कारण बनते हैं। ये बारीक धूल कण नाक में घुस जाते हैं, जो अस्थमा के मरीजों की परेशानी बढ़ा सकते हैं। इस समस्या से निपटने के लिए घर को साफ रखें। ध्यान रखें घर को आप खुद साफ न करें क्योंकि सफाई करने के दौरान भी ये कण आपके नाक में जा सकते हैं और आपकी समस्या बढ़ सकती है।
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अस्थमा के मरीजों को मॉनसून के मौसम में काफी बचकर रहना चाहिए। सही समय पर दवाइयों का सेवन करें और इनहेलर का इस्तेमाल करें। परेशानी होने पर डॉक्टर को अवश्य दिखाएं।
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