Pranayama for Asthma: दुनियाभर में अस्थमा के मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। इस परेशानी को दूर करने के लिए लोग तरह-तरह के उपायों का सहारा ले रहे हैं। अस्थमा होने के कई कारण हो सकते हैं। कई बार ये जेनेटिक भी होता है। अगर समय रहते अस्थमा का इलाज न किया जाए, जो काफी खतरनाक साबित हो सकता है। हालांकि, इलाज के साथ-साथ प्राणायाम से भी अस्थमा की समस्या से निजात पाने में काफी मददगार साबित हो सकता है। चलिए जानते हैं कौन से प्राणायाम करके अस्थमा से छुटकारा पाया जा सकता है-
1. भस्त्रिका
इस प्राणायाम को करने से शरीर में ऑक्सीजन का अच्छे से सर्कुलेशन होता है। जिससे सांस न आने या रुक-रुक कर सांस आने की समस्या से निजात मिलता है। इस योगासन को करने के लिए पालथी मारकर बिलकुल सीधे बैठ जाएं। इसके बाद बिना शरीर के किसी अंग को हिलाए नाक से आवाज करते हुए सांस अंदर लें और फिर आवाज के साथ ही सांस को बाहर छोड़ें। रोज सुबह को 1 से 3 मिनट तक ये आसन करना चाहिए।
2. कपालभाति
कपालभाति से न केवल अस्थमा की समस्या दूर होती है, बल्कि इससे 100 से भी ज्यादा बीमारियों में भी फायदा मिलता है। इसे करने से इम्यूनिटी बढ़ती है, साथ ही मेटाबॉलिज्म भी अच्छा रहता है। इस आसन को करने के लिए सुखासन में बैठकर दोनों हथेलियों को ध्यान की मुद्रा में घुटनों पर रखें। फिर गहरी सांस अंदर की ओर लेकर झटके से सांस बाहर छोड़ें। सांस छोड़ते वक्त पेट को अंदर की ओर खींचें।
3. भ्रामरी
ये आसन चिंता और क्रोध को दूर करने के साथ ही अस्थमा में भी काफी फायदेमंद माना जाता है। इस आसन को करने के लिए सबसे पहले सुखासन में बैठ जाएं।फिर गहरी सांस अंदर लेकर दोनों हाथों की उंगलियों को माथे पर लगाएं। फिर तीन उंगलियों को आंखों पर रख अंगूठे को कान पर लगाएं। इस दौरान 'ऊं' का उच्चारण करते रहें। इस प्राणायाम को रोज सुबह 5 से 7 बार तक करना चाहिए।
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4. अनुलोम विलोम
अनुलोम-विलोम से पूरे शरीर में ऑक्सीजन पहुंचाने के साथ ही फेफड़ों को स्वस्थ रखने का काम करते हैं, जिससे अस्थमा की समस्या से आराम मिलता है। इस योग को करने के लिए सबसे पहले सुखासन में बैठ जाएं। फिर बाएं हाथ से ध्यानमुद्रा बनाएं और दाएं हाथ के अंगूठे से नासिका के दाएं भाग को बंद कर बाएं भाग से सांस लें सांस को कुछ समय तक अंदर रोके रखें फिर बाएं भाग को बंद कर दाई नासिका से सांस को बाहर छोड़े। इस क्रिया को फिर दूसरी नासिका से करें। ऐसा 5 मिनट तक करना चाहिए।
5. सूर्य नमस्कार
सूर्य नमस्कार से पूरा शरीर फिट रहता है। यह तनाव, अनिद्रा और पाचन की समस्याओं के साथ-साथ अस्थमा की समस्या को दूर करने में भी काफी फायदेमंद होता है। इस आसन को करने के लिए सूरज की तरफ सीधे खड़े हो जाएं। इसके बाद दोनों हाथों को एक साथ जोड़कर सीने के सामने लाएं और नमस्कार की मुद्रा बनाएं। सूर्य नमस्कार का ये सबसे आसान तरीका है। इसके अलावा भी कई तरह से सूर्य नमस्कार किया जाता है। इस आसन को आराम-आराम से रोज 5 से 10 मिनट तक करें।
6. उद्गीथ
ब्लड प्रेशर और नर्वस सिस्टम को ठीक रखने के साथ-साथ उद्गीथ प्राणायाम करने से फेफड़ें भी स्वस्थ रहते हैं, जिससे अस्थमा में लाभ मिलता है। इस प्राणायाम को करने के लिए सबसे पहले सुखासन की स्थिति में पूर्व की दिशा में मुंह करके बैठ जाएं। फिर अपनी पीठ को सीधा रखें, लेकिन किसी अंग में तनाव नहीं होना चाहिए। फिर अपने दोनों हाथों की तर्जनी उंगली और अंगूठे को जोड़कर ध्यान की मुद्रा बनाएं और आंखे बंद कर मन को शांत करें। इसके बाद एक लंबी सांस ले और फिर धीरे से छोड़ें। सांस को लेते और छोड़ते समय ऊं का उच्चारण करें। इस क्रिया को 5 से 11 बार करें।
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अस्थमा की परेशानी को दूर करने के लिए आप इन प्राणायाम का सहारा ले सकते हैं। लेकिन ध्यान रखें कि अगर आपकी परेशानी बढ़ रही है, तो इस स्थिति में तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
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