
भारतीय मूल की 12 साल की लीडिया सेबेस्टियन यूके के मेन्सा आईक्यू टेस्ट में 162 का संभावित सर्वाधिक स्कोर हासिल करके एलबर्ट आइन्सटाइन और स्टीफन हॉकिंग को भी पीछे छोड़ते हुए चर्चा का विषय बनी हुई हैं।
भारतीय मूल की 12 साल की लीडिया सेबेस्टियन यूके के मेन्सा आईक्यू टेस्ट में 162 का संभावित सर्वाधिक स्कोर हासिल करके एलबर्ट आइन्सटाइन और स्टीफन हॉकिंग को भी पीछे छोड़ते हुए चर्चा का विषय बनी हुई हैं। चलिये जानें कि मात्र 12 साल की लीडिया ने किस तरह से आइंसटीन से तेज दिमाग लड़की होने का खिताब हांसिल किया।
इन टेस्ट्स को किया पास
लीडिया ने यूके के मेन्सा आईक्यू टेस्ट के अलावा 'Cattell 3' बी पेपर में सर्वाधिक नंबर पाने वाले एक प्रतिशत परीक्षार्थियों में भी अपना नाम शुमार करा लिया है। आपको बता दें कि यह पेपर सबसे ज्यादा आईक्यू वाले लोगों की मेन्सा सोसायटी की निगरानी में कराया जाता है। लीडिया ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि वह शुरूआत में तो बहुत नर्वस थीं लेकिन एक बार पेपर शुरू होते ही उन्हें सब आसान लगने लगा और फिर उनको खबराहट नहीं हुई। अंग्रेज़ी अख़बार गार्डियन के अनुसार लिडिया ने बताया कि इस परिक्षा में उसकी भाषा के साथ-साथ उसके तार्किक पक्ष का भी आकलन किया गया।
लीडिया के पिता अरुण सेबेस्टियन ने पेपर को उन्होंने बताया कि उनकी बेटी ने आईक्यू टेस्ट में खुद से ही रुचि दिखाई और फिर उनकी पत्नी से इस बारे में उनसे बात की। अरुण सेबेस्टियन लंदन के ही एक अस्पताल में रेडियोलॉजिस्ट हैं। इसके अलावा लीडिया ने हैरी पॉटर की सातों किताबों को लगातार तीन बार पढ़ा है। यही नहीं, चार साल की उम्र से लीडिया वायलन बजाती हैं। लाडिया के अभिभावकों के अनुसार लाडिया ने छः महीने की उम्र से ही बोलना शुरू कर दिया था।
माना जाता है कि हॉकिंग और आइंसटीन का आईक्यू 160 था और मेनसा को दुनिया की सबसे बड़ी और पुरानी आईक्यू सोसायटी माना जाता है।
Image Source - thelogicalindian
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