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Third Trimester of Pregnancy in Hindi - गर्भावस्‍था की तीसरी तिमाही के लक्षण, शिशु का विकास और सावधानियां

गर्भावस्था की तीसरी तिमाही के दौरान शिशु के विकास, गर्भावस्था के लक्षण, परीक्षण के बारे में जानने के लिए इस लेख को पूरा पढ़ें
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Third Trimester of Pregnancy in Hindi - गर्भावस्‍था की तीसरी तिमाही के लक्षण, शिशु का विकास और सावधानियां

Third Trimester Pregnancy in Hindi: गर्भावस्था या प्रेग्नेंसी के आखिरी तीन महीनों को तीसरी तिमाही कहा जाता है। आपको बता दें कि गर्भावस्था 40 सप्ताह की होती है। 28वें हफ्ते से लेकर 40वें हफ्ते तक तीसरी तिमाही रहती है। इस दौरान महिलाओं को कई तरह के शारीरिक और मानसिक बदलावों का सामना करना पड़ता है। साथ ही, इस तिमाही में शिशु का विकास भी तेजी से होता है और आखिर सप्ताह तक शिशु पूरी तरह विकसित हो जाता है। तीसरी तिमाही के आखिरी महीने में शिशु किसी भी समय जन्म ले सकता है। अगर आप भी प्रेग्नेंसी की तीसरी तिमाही में हैं, तो यह लेख आपके लिए ही है। तो आइए, फोर्टिस हॉस्पिटल की सीनियर कंसल्टेंट और प्रसूति एवं स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. बंदना सोढ़ी से जानते हैं प्रेग्नेंसी की तीसरी तिमाही में कौन-से लक्षण महसूस होते हैं। साथ ही, इस दौरान शिशु का विकास कैसा होता है और महिलाओं को कौन-सी सावधानियां अपनाना चाहिए।

प्रेग्नेंसी की तीसरी तिमाही में लक्षण- Pregnancy Third Trimester Symptoms in Hindi

  • मांसपेशियों में दर्द होना: इस दौरान गर्भाशय ग्रीवा को नरम और चौड़ा करता है, जिससे शरीर प्रसव के लिए तैयार होता है। इस दौरान मांसपेशियों को ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है। इससे पीठ और पैरों में दर्द महसूस हो सकता है।
  • नींद न आने की समस्या: तीसरी तिमाही में आपको अनिद्रा की परेशानी भी हो सकती है। साथ ही, इस दौरान आपको बार-बार पेशाब आने की समस्या हो सकती है। इससे नींद प्रभावित हो सकती है।
  • पेट में जलन: तीसरी तिमाही के दौरान आपको पेट में एसिडिटी की समस्या हो सकती है। इसकी वजह से आपको पेट और सीने में जलन का अनुभव हो सकता है।
  • बार-बार पेशाब आना: इस दौरान आपको बार-बार पेशाब आने का लक्षण भी महसूस हो सकता है। थोड़ा-सा हंसने, खांसने या झुकने पर भी पेशाब आ सकती है।
  • सूजन: इस दौरान शरीर में रक्त की मात्रा बढ़ जाती है। इसकी वजह से आपको हाथों, पैरों, टखनों और चेहरे पर सूजन दिख सकती है।

प्रेग्नेंसी की तीसरी तिमाही में कौन-से बदलाव नजर आते हैं?

  • प्रेग्नेंसी की तीसरी तिमाही में आपको त्वचा में बदलाव नजर आ सकते हैं। इस दौरान आपको स्तनों, पेट और जांघों पर खिंचाव के निशान दिख सकते हैं। 
  • तीसरी तिमाही में वैरिकोज वेन्स (सूजी हुई नसें) भी दिख सकते हैं। सूजी हुई नसें नीली हो सकती हैं। पैरों में वैरिकोज वेन्स नजर आना सबसे आम है।
  • इस तिमाही में गर्भाशय का आकार बढ़ जाता है। इसकी वजह से आपको चलने-फिरने में थोड़ी दिक्कत हो सकती है।
  • तीसरी तिमाही तक आते-आते आपका वजन पहले से कई ज्यादा बढ़ जाता है। इस दौरान वजन बढ़ना सामान्य है। 
  • प्रेग्नेंसी की तीसरी तिमाही तक स्तनों का विकास हो जाता है। जिससे महिलाएं शिशु को आसानी से स्तनपान करा सके।
  • इस दौरान शिशु की गतिविधियां भी काफी बढ़ जाती है। 
 
baby growth in third trimester

प्रेग्नेंसी की तीसरी तिमाही में शिशु का विकास- Baby Growth in Pregnancy Third Trimester in Hindi

प्रेग्नेंसी की तीसरी तिमाही यानी सातवां, आठवां और नौवां महीना। जैसे-जैसे समय बितता है, शिशु का विकास भी पूरा होने लगता है। नौवें महीने तक शिशु जन्म लेने के लिए तैयार हो जाता है।

  • प्रेग्नेंसी का सातवां महीना: इस महीने के आखिर तक बच्चे में फैट बनने लगता है। शिशु लगभग 36 सेमी लंबा हो जाता है। साथ ही, उसका वजन 900-1800 ग्राम तक हो जाता है। इस महीने तक शिशु के सुनने की क्षमता भी विकसित हो जाती है।
  • प्रेग्नेंसी का आठवां महीना: तीसरी तिमाही के आठवें महीने में शिशु 48 सेमी लंबा हो जाता है। वहीं, उसका वजन 2.27 किलोग्राम तक पहुंच जाता है। इस महीने में शिशु ज्यादा बार लात मारता है। उसके मस्तिष्क का विकास भी तेजी से होता है। फेफड़े भी विकसित हो जाते हैं।
  • प्रेग्नेंसी का नौवां महीना: नौवां महीना यानी तीसरी तिमाही का आखिरी महीना। इस महीने में शिशु बढ़ता है और उसके फेफड़ों का विकास पूरा हो चुका होता है। इस दौरान शिशु आंखें बंद कर सकता है, सिर को घुमाना शुरू कर देता है और आवाज भी सुनने लगता है। इस महीने में शिशु किसी भी समय जन्म ले सकता है।

प्रेग्नेंसी की तीसरी तिमाही में कौन-से टेस्ट करवाने चाहिए? 

  • अल्ट्रासाउंड: तीसरी तिमाही में अल्ट्रासाउंड कराया जाता है। इसमें शिशु के विकास की जांच की जाती है। शिशु के वजन, आकार और अंगों के विकास की जांच की जाती है। इससे प्लेसेंटा की जांच भी की जाती है।
  • ग्लूकोज टेस्ट: प्रेग्नेंसी में डायबिटीज होने का जोखिम बना रहता है। ऐसे में गर्भावधि मुधमेह की जांच के लिए समय-समय पर ग्लूकोज टेस्ट किया जाता है। 
  • ग्रुप बी स्ट्रेप टेस्ट: प्रेग्नेंसी के 35वें और 37वें सप्ताह के बीच ग्रुप बी स्ट्रेप टेस्ट करवाया जाता है। इसमें जीबीएस बैक्टीरिया की जांच करने के लिए किया जाता है, जो शिशुओं में संक्रमण का कारण बन सकता है।
pregnancy third trimester

प्रेग्नेंसी की तीसरी तिमाही में बरतें ये सावधानियां 

  • प्रेग्नेंसी की तीसरी तिमाही में आपको भारी वजन उठाने से बचना चाहिए। 
  • इस दौरान आपको धीरे-धीरे चलना चाहिए। ज्यादा तेजी या दौड़ने से बचें। 
  • तीसरी तिमाही में ज्यादा ट्रैवल करने से भी परहेज करें। 
  • इस दौरान अपनी डाइट का खास ख्याल रखें। अपनी डाइट में फलों और सब्जियों को शामिल करें।
  • प्रेग्नेंसी की तीसरी तिमाही में आपको अनाज, प्रोटीन और दूध का सेवन करना चाहिए।
  • इस दौरान आपको ज्यादा काम करने से बचना चाहिए और आराम करें। 
  • शराब और धूम्रपान का सेवन करने से बचें।
  • नॉर्मल डिलीवरी के लिए आपको योग और एक्सरसाइज का अभ्यास भी करना चाहिए।

Pregnancy Week and Trimester in Hindiवीक और ट्राइमेस्टर में गर्भावस्था की संपूर्ण जानकारी के लिया ये यहाँ पढ़े

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