मां बनना एक सुखद अनुभव होता है। इसके लिए आपके प्रेग्नेंट होने के बाद बच्चे के जन्म तक आपका स्वस्थ रहना बेहद जरूरी है। इसलिए गर्भावस्था के दौरान आपको कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए।
हर महिला की चाहत होती है कि वह स्वस्थ शिशु को जन्म दें। इसके लिए महिला को अपनी सेहत का ध्यान रखना बहुत जरूरी होता है। गर्भस्थ महिलाओं को यह जानकारी होनी चाहिए कि उन्हें इस दौरान क्या करना है और क्या नहीं। इस लेख के जरिए हम बात करते हैं कि गर्भावस्था के 40 हफ्तों के दौरान आपको किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
गर्भावस्था में स्वस्थ रहने के लिए उचित आहार लेना जरूरी होता है। पौष्टिक आहार के सेवन से महिला के स्वस्थ रहने के साथ ही गर्भ में पल रहे शिशु का भी शारीरिक और मानसिक विकास अच्छा होता है। इस दौरान खाने को लेकर विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। क्या खाया जाएं इससे कहीं ज्यादा जरूरी है यह जानकारी होना कि किन चीजों को खाने से परहेज करना चाहिए। खान- पान और काम-काज से संबंधित कुछ ऐसी बातें है जिनका ध्यान न रखने पर समस्या हो सकती है। इसका असर आपके साथ ही आपके बच्चे के विकास पर भी पड़ सकता है।
- गर्भावस्था के दौरान तला हुआ और मसालेदार खाना न खाएं। ऐसा खाना खाने से गैस, एसिडिटी और जलन की परेशानी हो सकती है। ताजा भोजन करने के साथ ही बाहर का खाना खाने से परहेज करें। बाहर का खाना खाने से इनफेक्शन होने का खतरा बना रहता है।
- गर्भावस्था में डॉक्टर की सलाह के बिना कोई भी दवाई नहीं लेनी चाहिए। बुखार या सर्दी होने पर दवाई का कम सेवन करना चाहिए। इस दौरान अधिक भार न उठाएं और लंबी यात्रा पर जाने से बचें। इस दौरान अधिक सीढि़या चढ़ना भी नुकसानदायक हो सकता है।
- ऑफिस में देर तक काम न करें और ज्यादा तनाव न लें। तंग कपड़ों के साथ ही हील वाले जूते या सैंडल पहनने से बचें। भागदौड़ और उछलकूद वाली एक्सरसाइज न करें। इस दौरान हिंसक या डरावनी फिल्म या धारावाहिक देखने से भी बचें।
फल और सब्जियां जिनसे रहें दूर-
- कोशिश करें कि गर्भावस्था के शुरूआती दिनों में पपीता ना खाएं। पपीता खाने से प्रसव जल्दी होने की संभावना रहती है। गर्भावस्था के तीसरे और अंतिम तिमाही के दौरान पका हुआ पपीता खाना लाभदायक होता है। पपीते में विटामिन सी और अन्य पौष्टिक तत्व होते हैं। स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए दूध के साथ पपीता खाना फायदेमंद रहता है।
- गर्भावस्था के दौरान अनानस का सेवन आपके लिए हानिकारक हो सकता है। अनानास में ब्रोमेलिन पाया जाता है, जो गर्भाशय ग्रीवा की नरमी का कारण बन सकता है। इस कारण जल्दी प्रसव की संभावना बढ़ जाती है।
- डॉक्टर गर्भवती महिलाओं को अंतिम तिमाही में अंगूर खाने से मना करते हैं। अंगूर की तासीर गरम होती है। ज्यादा अंगूर खाने से असमय प्रसव हो सकता है।
- बिना धुलें कोई भी फल या सब्जी न खाएं। कोशिश करें कि फलों को खाने से एक घंटे पहले पानी में भिगो दें।
इससे फलों के ऊपर हुए रसायनों का असर कम हो जाएगा।
- किसी भी तरह की कच्ची अंकुरित चीजें जैसे- अल्फला, तिपतिया घास, मूली और मूंग आदि खाने से बचें।
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