28 दिनों के अंतर पर लोगों को कोरोनावायरस (Covid-19) महामारी के खिलाफ बना टीका (vaccine) लगेगा। इसका असर टीके के 14 दिन बाद से शरीर में दिखना शुरू होगा। यह जानकारी स्वास्थ्य मंत्रालय ने दिन मंगलवार को दी है। इस विषय पर केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने लोगों से अनुरोध करते हुए कहा है कि वे आप लोग महामारी से जुड़े प्रोटोकॉल का पूरी ईमानदारी से पालन करें। और अगर आप पालन कर रहे हैं तो इसे जारी रखें। बता दें कि टीके का पहला चरण 16 जनवरी से शुरू होने जा रहा है, जिसमें लगभग तीन करोड़ स्वास्थ्य कर्मियों और फ्रंट योद्धाओं को ये टीका लगेगा।
आने वाले समय में 4-5 टीके होंगे मौजूद
बीते सोमवार को मुख्यमंत्रियों के साथ प्रधानमंत्री ने एक बैठक की थी, जिसमें उन्होंने बताया था कि पहले चरण के दौरान उपयोग में आने वाली वैक्सीन का खर्चा केंद्र सरकार वहन करेगी। इस विषय पर कुछ राज्यों के वरिष्ठ अधिकारियों ने मोदी से मांग की कि वैक्सीन का पूरा बजट केंद्र सरकार उठाए। तो इस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ योजना को साझा करते हुए कहा कि आने वाले 2 से 3 महीने में हमारे पास चार से पांच वैक्सीन मौजूद होंगी। उस वक्त हम फिर उनकी कीमत पर आप लोगों के साथ चर्चा करेंगे।
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नीति आयोग की सदस्य डॉ. वीके पॉल ने कहा
डॉ. वीके पॉल जो कि नीति आयोग के सदस्य हैं उन्होंने वैक्सीन को सुरक्षित बताते हुए कहा कि इन दिनों कई लोगों पर वैक्सिन का टेस्ट चल रहा है, जिससे यह परिणाम सामने आया है कि वैक्सीन (कोविशील्ड, कोवैक्सीन) से किसी को कोई खतरा नहीं है। ऐसे में दोनों टीको को मंजूरी देना गलत निर्णय नहीं है यह एक सुरक्षित फैसला है। इसके साइड इफेक्ट नहीं है और ना ही कोई बड़ा खतरा है।
2 टीकों को मिलने वाली है मंजूरी
आने वाले कुछ समय में सरकार दो टीकों को मंजूरी दे सकती हैं। बता दें कि उनके सामने दो वैक्सीन पेश हुई हैं। एक वैक्सीन जाइडस कैडिला कंपनी की है जो स्वदेशी है। वहीं दूसरी वैक्सीन रूस की स्पूतनिक-5 है। इन दोनों वैक्सीन का अंतिम परीक्षण चल रहा है जो कुछ समय में पूरा भी होने वाला है।
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मार्च-अप्रैल तक आ जाएंगे ये 4 टीके
1- फाइजर (Pfizer)
फाइजर टीका अंतिम अनुमति के लिए सरकार के पास मौजूद है। लेकिन इसे मंजूरी देने से पहले विशेषज्ञ समिति ने जांच से जुड़े दस्तावेज की मांग की है, जिसके आधार पर इसकी मंजूरी दी जाए।
2- जाइकोव डी (ZyCov-D)
यह जायस कैडिला (Zydus Cadila) का दूसरा स्वदेशी टीका है। बता दें कि इसका थर्ड स्टेज टेस्ट शुरू हो चुका है। ऐसे में ये उम्मीद जताई जा रही है कि इस टीके को फरवरी के महीने तक अनुमति मिल जाएगी।
3- स्पूतनिक-5 (sputnik-v vaccine )
यह टीका रूस का है, जिसका परीक्षण भारत में दोनों चरणों पर हो रहा है। ये परीक्षण 1600 लोगों पर किया जाना है। दूसरे चरण की बात करें तो 100 लोगों पर ये परीक्षण हो चुका है। और जो 1500 लोग बचे हैं उन पर तीसरा चरण का परीक्षण होगा। जिस तरीके से इसके परिणाम सकारात्मक नजर आ रहे हैं उससे उम्मीद है कि फरवरी तक इस टीके को भी मंजूरी मिल जाएगी।
4- mRNA नोवेल वैक्सीन
बता दें कि बायोलॉजिकल ई नोवल वैक्सीन का अभी दूसरा चरण चल रहा है। ऐसे में इसमें करीब दो महीने लग जाएंगे।
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