तकनीक के कारण किशोर हो रहे हैं दर्द के शिकार

तकनीक ने हमें बहुत सुविधायें दी हैं, लेकिन इसके कारण हमें कई परेशानियों का सामना भी करना पड़ रहा है। युवाओं में मोबाइल फोन, टैबलेट और कंप्‍यूटर आदि के ज्‍यादा और गलत तरीके के इस्‍तेमाल के कारण रीढ़ की हड्डी पर ज्‍यादा और बेवजह दबाव पड़ रहा है।
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तकनीक के कारण किशोर हो रहे हैं दर्द के शिकार

मोबाइल फोन, टैबलेट और कंप्‍यूटर आदि आज की पीढ़ी के सबसे करीबी दोस्‍त हैं। लेकिन, क्‍या आप इस बात से वाकिफ हैं कि इनका अधिक और गलत तरीके से इस्‍तेमाल इस युवा पीढ़ी को पीठ, कमर, गर्दन और कंधों में दर्द जैसी शिकायतें दे रहा है। एक अनुमान के अनुसार चालीस फीसदी बच्‍चों और किशोरों में कमर और गर्दन में दर्द की मुख्‍य वजह इन इलेक्‍ट्रॉनिक उपकरणों का इस्‍तेमाल करते समय गलत पॉश्‍चर में रहना है।
 
ब्रिटिश किरोप्रेक्टिक एसोसिएशन (बीसीए) ने अपने शोध में साबित किया है कि कंप्‍यूटर और मोबाइल किशोरों में कमर दर्द की समस्‍या में इजाफा कर रहे हैं। यह 'टेक्‍नॉलोजी और टीन्‍स' नाम के जागरुकता अभियान के तहत बताया गया।

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यूनाइटेड किंगडम में 84 फीसदी युवाओं में आईफोन, आईपैड और अन्‍य मोबाइल उपकरणों के कारण कमर और पीठ दर्द की शिकायत होती है। यह बात सही है कि लगभग हर देश में आंकड़े डराने वाले हैं। अमेरिका में कमर दर्द सबसे सामान्‍य न्‍यूरोलॉजिकल समस्‍या है, जो महिलाओं और पुरुषों दोनों को समान रूप से प्रभावित करती है।

क्‍या है भारत की तस्‍वीर

भारत में तस्‍वीर कुछ अलग नहीं है। क्‍यूआई स्‍पाइन क्लिनिक की स्‍पाइन विशेषज्ञ डॉक्‍टर गरिमा आनंदनी ने बताया कि कम उम्र के बच्‍चे भी अब इस बीमारी के शिकार हो रहे हैं। डॉक्‍टर गरिमा ने बताया कि उनके पास 16 17 वर्ष की उम्र के ऐसे बच्‍चे बड़ी तादाद में आते हैं, जिन्‍हे नियमित रूप से कमर दर्द की शिकायत रहती है। इसमें डिस्‍क ब्‍लज यानी डिस्‍क में उभार आना सबसे सामान्‍य है। हालांकि पॉश्‍चर में सुधार इस समस्‍या को काफी हद तक कम किया जा सकता है।

आईपॉश्‍चर की कड़वी सच्‍चाई

कमर और पीठ में दर्द की बड़ी वजह गलत पॉश्‍चर में बैठकर मोबाइल फोन इस्‍तेमाल करना है। एक हालिया शोध में यह बात सामने आयी कि लोग  कंप्‍यूटर, टैबलेट और स्‍मार्टफोन आदि इस्‍तेमाल करने में दिन का बड़ा वक्‍त खर्च करते हैं। इस शोध में सभी आयुवर्ग के लोग शामिल थे। इस वजह से लगभग आधी आबादी को गर्दन और लोअर बैक में दर्द से परेशान हैं। कुछ लोगों ने इसे 'र्आईपॉश्‍चर' नाम दिया है। यह एक चिकित्‍सीय डिवाइस का भी नाम है जो लोगों को गलत पॉश्‍चर में बैठते पर अलर्ट करती है।

क्‍या आप हैं 'टैक्‍स्‍ट नेक' के शिकार

मोबाइल फाने का ज्‍यादा इस्‍तेमाल न केवल आपकी कमर में दर्द कार कारण बनता है, साथ ही इसका असर गर्दन पर भी पड़ता है। ऐसे में टैक्‍स्‍ट नेक नाम की नयी परिस्‍थिति भी सामने आयी है। क्‍योंकि यह उन लोगों को अधिक हाती है जो घंटों मोबाइल फोन और टैबलेट पर सिर झुकाकर देखते रहते हैं। जो लोग मोबाइल से बहुत ज्‍यादा मैसेज भेजते हैं या फिर चैट आदि करते हैं उन्‍हें अंगूठे और कलाई में भी दर्द हो सकता है।

 

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रीढ़ अतिसंवेदनशील हिस्‍सा है

रीढ़ कई छोटी-छोटी हड्डियों से जुड़कर बनती है। हड्डियों का ढांचा आपस में गुंथे हुए कशेरुकी डिस्‍क की तरह होता है। ये हड्डियां शॉक अर्ब्‍जारवर की तरह काम करती हैं। गलत इस्‍तेमाल से इन पर बेवजह जोर पड़ने लगता है जिससे रीढ़ की हड्डी कमजोर हो जाती है।

सरवाइकल स्‍पोंडेलाइटिस और गर्दन दर्द अथवा गर्दन की अकड़न की समस्‍या भी आजकल आम हो चली है। यह भी मोबाइल फोन और कंप्‍यूटर के अधिक इस्‍तेमाल के कारण होने वाली एक सामान्‍य समस्‍या है।

लक्षण

इसके लक्षणों में गर्दन, कंधे और पीठ में दर्द होने लगता है। यह दर्द आगे चलकर कंधों से बाजुओं, हथेलियों और उंगलियों तक भी पहुंच सकता है। यह दर्द लगातार या रुक-रुक कर भी हो सकता है।

कमजोर पीठ के कारण

अस्‍वास्‍थ्‍य जीवनशैली, अनियंत्रित वजन और पूरा आराम न करना पीठ कमजोर हो सकती है। इसके अलावा आहार में विटामिन डी, विटामिन बी12, कैल्शियम और प्रोटीन आदि तत्‍वों का अपर्याप्‍त मात्रा में सेवन करने से भी यह पीठ कमजोर हो जाती है।

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पुरानी पीढ़ी थी ज्‍यादा फिट

लोअर बैक पेन आमतौर पर बुजुर्गों में अधिक देखी जाती है। लेकिन, गलत पॉश्‍चर के कारण हम 18 से 24 वर्ष के युवाओं में भी यह समस्‍या देख रहे हैं।
हैरानी की बात यह है कि हमारे बुजुर्ग याद करते हैं कि कैसे उन्‍हें गलत पॉश्‍चर में चलने, बैठने और लेटने से मना किया जाता था। आजकल दो-तिहाई अभिभावक यह मानते हैं कि वे अपने बच्‍चों को इस तरह की सलाह नहीं देते।

सही समय पर करें ईलाज

ब्रिटिश शिष्‍टाचार विशेषज्ञ जीन ब्रोक-स्मिथ, का कहना है कि हमें पुराने जमाने की अच्‍छी आदतों को फिर से आजमाने की जरूरत है। आपको इस बात का खयाल रखने की जरूरत है कि मोबाइल और स्‍मार्टफोन पर काम करते समय झुककर और कूबड़ निकालकर बैठना अच्‍छा नहीं है। अपनी इस बुरी आदत पर काबू पाकर ही आप आधी से ज्‍यादा समस्‍याओं को दूर कर सकते हैं। बाकी आधी समस्‍या को दूर करने के लिए जरूरी है कि आप हमेशा अपनी कमर को सीधा रखें और उपकरण को अपनी आंखों के सामने एक सुविधाजनक हाइट पर रखें।

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