
Nutrients Deficiency: जब आपका खानपान ठीक नहीं होता है या संतुलित आहार नहीं लेते हैं, तो इससे शरीर में पोषक तत्वों की कमी हो जाती है। शरीर मे पोषक तत्वों की कमी से शरीर में कई रोग पैदा होने लगते हैं। साथ ही आप पूरा दिन थका हुआ और कमजोर महसूस करते हैं। शरीर को पर्याप्त पोषण प्रदान करना बहुत जरूरी है। आपके शरीर में हर एक कार्य के लिए कोई ना कोई पोषक तत्व जिम्मेदार होता है। साथ ही हर एक पोषक तत्व अन्य किसी अन्य तत्व के अवशोषण के लिए जरूरी होता है। उदाहरण के लिए जब शरीर में विटामिन डी की कमी जाती है, तो इससे शरीर में कैल्शियम का अवशोषण भी रूक जाता है और आप थकान, कमजोर हड्डियों और जोड़ों संबंधी समस्याओं का सामना करते हैं।
अगर हम अपने आहार से पर्याप्त मात्रा में पोषक तत्व, विटामिन और मिनरल्स नहीं करते हैं तो शरीर में कुपोषण की स्थिति पैदा हो जाती है और आप बीमार पड़ जाते हैं। साथ ही कई अन्य गंभीर रोगों के चपेट में आने लगते हैं। इसलिए शरीर को पर्याप्त पोषण प्रदान करना बहुत जरूरी है। लेकिन अक्सर यह देखने को मिलता है कि लोग अपने आहार से पर्याप्त पोषण नहीं ले पाते हैं, इस स्थिति में पोषक तत्वों के अन्य विकल्पों पर ज्यादा निर्भर रहते हैं जैसे सप्लीमेंट्स लेना। लेकिन क्या शरीर में पोषक तत्वों की कमी पूरा करने के लिए सिर्फ सप्लीमेंट्स लेना पर्याप्त है (Taking Supplements For Deficiencies Enough Or Not In Hindi)? इस लेख में हम आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉ. अर्पणा पद्मानाभन (BAMS,MD,PhD Ayurveda) से इसके बारे में विस्तार से जानेंगे।
क्या पोषक तत्वों की कमी पूरी करने के लिए सप्लीमेंट्स का सेवन सही है? (Taking Supplements For Deficiencies Enough Or Not In Hindi)
डॉ. अर्पणा की मानें तो बहुत से लोग शरीर को पर्याप्त पोषण प्रदान करने के लिए सप्लीमेंट्स का सहारा लेते हैं। लेकिन सप्लीमेंट्स लेने के बाद भी वे अस्वस्थ, सूजन, ब्लोटिंग अन्य पेट संबंधी समस्याओं, खराब पाचन तंत्र, धीमा मेटाबॉलिज्म, बाल और त्वचा संबंधी समस्याएं साथ ही कई रोगों से भी ग्रस्त रहते हैं। लेकिन ऐसा क्यों होता है? यह समझना महत्वपूर्ण हैं। डॉ. अपर्णा की मानें तो ऐसा कुछ स्थितियों में होता है जब हमारा...
- मेटाबॉलिज्म धीमा होता है
- शरीर में टॉक्सिन्स भरे होते हैं
- अच्छी और पर्याप्त नहीं लेते हैं
- चिंता और तनाव जैसी स्थितियों का अधिक सामना करते हैं।
इन स्थितियों के चलते हमारा शरीर भ्रमित हो जाता है और पेट से मस्तिष्क तक पहुंचने वाले संकेत या जानकारियों को संसाधित करना बंद कर देता है। इन जानकारियों और संकेतों में भोजन से जुड़े संकेत, भावनाएं, विचार, तनाव, धूप, तापमान आदि शामिल हो सकते हैं।
उदाहरण के लिए घंटों धूप में खड़े रहने के बाद भी हमारा शरीर यह भूल जाता है कि सूरज की रोशनी से विटामिन डी कैसे बनता है। खाना खाने के बाद भी शरीर यह भूल जाता है कि भोजन को सही तरीके से कैसे पचाना है, यह भूल जाता है कि भावनाओं और विचारों को कैसे संसाधित किया जाए।
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सप्लीमेंट्स लेने के बाद भी शरीर में कुपोषण की स्थिति क्योंं बनती है
डॉ. अर्पणा की मानें तो जब शरीर की सेलुलर इंटेलिजेंस (Cellular Intelligence) बाधित हो जाती है आपके शरीर यह याद रखने में विफल रहता है कि इसे कैसे सुधारा जाए। यहां सप्लीमेंट्स लेने से कुछ समय के लिए मदद मिल सकती है, लेकिन जब स्ट्रेस लोड,टॉक्सिन लोड ज्यादा हो जाता है और मेटाबॉलिज्म धीमा रहता है, तो वे वैल्यूज जिन्हें आपने सप्लीमेंट्स लेकर फिर से नॉर्मल किया था, वापस गिरना शुरू हो जाती हैं।
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एक्सपर्ट के अनुसार क्या है इसका समाधान?
इस बात को समझने या आत्मनिरीक्षण की कोशिश करें कि आपके शरीर में पहली बार में पोषण कमी क्यों हुई। अपने पाचन, मेटाबॉलिज्म को सुधारें और तनाव को प्रबंधित रखें। इन बुनियादी बातों में सुधार के बाद आपको कमियों को दूर करने के लिए ऊतक विशिष्ट कायाकल्प और पोषण प्रोटोकॉल की आवश्यकता की भी आवश्यकता हो सकती है। इसमें एक आयुर्वेदिक चिकित्सक आपकी मदद कर सकता है।
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