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हर समय बेचैन रहना हो सकता है साइकोटिक ब्रेकडाउन का संकेत, जानें इसके 5 अन्य लक्षण

साइकोटिक ब्रेकडाउन होने पर व्यक्ति का बार-बार मूड स्विंग हो सकता है, वह अकेलेपन का शिकार हो सकता है और उसको हैलूसिनेशन की समस्या भी हो सकती है।
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हर समय बेचैन रहना हो सकता है साइकोटिक ब्रेकडाउन का संकेत, जानें इसके 5 अन्य लक्षण


Signs Of Psychotic Breakdown In Hindi: साइकोटिक ब्रेकडाउन एक तरह का नर्वस ब्रेकडाउन है, जो साइकोसिस के लक्षणों को ट्रिगर कर सकता है। साइकोटिक ब्रेकडाउन होने पर व्यक्ति का वास्तविकता के साथ संपर्क पूरी तरह टूट जाता है। साइकोसिस को अक्सर सिजोफ्रेनिया जैसी मेंटल डिसऑर्डर से जोड़ा जाता है। हालांकि, यह भी सच है कि अगर किसी व्यक्ति का तनाव का स्तर बहुत ज्यादा बढ़ जाए, तो उनमें भी इस तरह के लक्षण नजर आ सकते हैं। इसके अलावा, कुछ अन्य लक्षण भी दिख सकते हैं। आइए, जानते हैं उनके बारे में। इस संबंध में हमने दिल्ली के पटेल नगर स्थित कैलाश नर्सिंग होम और गुड़गांव  स्थित The fame of mind की साइकोलॉजिस्ट ख्याति मलिक से बात की।

बोलने में कंफ्यूजन होना - Pressured Speech

anxiety

साइकोटिक ब्रेकडाउन होने पर व्यक्ति को अक्सर बोलने में कंफ्यूजन महसूस होती है, जिससे ध्यान केंद्रित करने में दिक्कत आती है। हालांकि, साइकोटिक ब्रेकडाउन होने पर व्यक्ति बातचीत के दौरान बहुत तेज आवाज का उपयोग करता है। लेकिन, वह अचानक एक विषय से दूसरे विषय में स्विच कर सकता है और दोनों ही विषयों का आपस में कोई संपर्क नहीं होता है। यही नहीं, बातचीत के दौरान ये लोग बार-बार रुक जाते हैं और बार-बार अपने सेंटेंस बदलते रहते हैं।

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बार-बार मूड बदलना - Frequent Mood changes

साइकोटिक ब्रेकडाउन के दौरान व्यक्ति का बार-बार और बहुत बुरी तरह से मूड स्विंग हो सकता है। साइकोटिक ब्रेकडाउन खासकर उनको हो सकता है, जो सिजोफ्रेनिया और बाइपोलर 2 डिसऑर्डर के मरीज हैं। ऐसे मामलो में देखा जाता है कि इनका मूड बहुत ज्यादा प्रभावित होता है। वे एक क्षण में हाई हो जाते हैं, वहीं दूसरे क्षण में वे लो फील कर सकते हैं।

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सीवियर एंग्जाइटी - Severe Anxiety

जब किसी व्यक्ति को साइकोटिक ब्रेकडाउन होता है, तो व्यक्ति सीवियर एंग्जाइटी हो सकती है। इस तरह की सिचुएशन में, व्यक्ति वास्तवित चीजों से संपर्क खो देता है और नकली चीजों को असली मान बैठ पाता हैं। यही नहीं, इन लोगों की चिंता इतनी ज्यादा बढ़ जाती है कि इनके नींद का पैटर्न बदल जाता है, वे खुद का ख्याल नहीं रख पाता है और उन्हें रोजमर्रा के कामकाज करने में भी दिक्कतें आती हैं।

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अकेलेपन का शिकार होना - Loneliness

loneliness in psychosis breaksdown

साइकोटिक ब्रेकडाउन के कारण व्यक्ति का लोगों के साथ संपर्क खत्म हो जाता है। इतना ही नहीं, इस तरह के लोग अकेले रहने लगते हैं। असल में, इन्हें लगता है कि कोई इन्हें समझेगा नहीं, इसलिए वे दूसरों से खुद को अलग कर लेते हैं। यही नहीं, इस तरह के लोग दोस्तों और रिश्तोंदारों से भी दूर हो जाते हैं। इस तरह की स्थिति इनके तनाव का स्तर और बढ़ा देती है।

हैलूसिनेशन होना - Hallucination

हैलूसिनेशन (मतिभ्रम) यानी ऐसी चीजों पर विश्वास करना, जिसका अस्तित्व ही नहीं है। साइकोसिस ब्रेकडाउन होने पर व्यक्ति को हैलूसिनेशन हो सकता है और उसे ऐसी चीजों दिखाई व आवाजें सुनाई दे सकती हैं, जिसका कोई वजूद नहीं है। यही नहीं, वे ऐसी चीजों की स्पर्श भी महसूस कर सकते हैं और ऐसी महक भी इन्हें महसूस होती है, जो असल में होती ही नहीं हैं।

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