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Peripheral Hypertension: लंबे समय तक ब्लड प्रेशर का इलाज न करना हो सकता है खतरनाक, जानें इसके जोखिम

ब्लड प्रेशर का लंबे समय तक इलाज न करने की वजह से आपको पेरिफेरियल हाइपरटेंशन हो सकता है। आगे जानते हैं इसके लक्षण और इलाज का तरीका। 
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Peripheral Hypertension: लंबे समय तक ब्लड प्रेशर का इलाज न करना हो सकता है खतरनाक, जानें इसके जोखिम


भारत में हाई बीपी के रोगियों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है। दरअसल, खानपान की बदलती आदतों और लाइफस्टाइल में शारीरिक गतिविधियों में आई कमी के चलते लोगों को हाई ब्लड प्रेशर और डायबिटीज की समस्या का सामना करना पड़ता है। यही कारण है कि हर वर्ष ब्लड प्रेशर के मरीजों को संख्या लगातार बढ़ रही है। पेरिफेरियल हाइपरटेंशन एक ऐसी स्थिति है जो तब होती है जब लंबे समय तक हाई ब्लड प्रेशर का इलाज नहीं किया जाता है। इसे हाई ब्लड प्रेशर के रूप में भी जाना जाता है, यह नसों में रुकावट करके ऊपरी और निचले अंगों पर अतिरिक्त दबाव डालता है। ऐसे में नसें डैमेज हो सकती है, जो हृदय रोगों का भी कारण बन सकता है। इस समस्या में व्यक्ति को कई तरह के लक्षण महसूस होते हैं। आगे धर्मशिला नारायणा अस्पताल के इंटरनल मेडिसिन सीनियर कंसल्टेंट डॉ. गौरव जैन से जानते हैं कि पेरिफेरियल हाइपरटेंशन के लक्षण और जोखिम कारक (Peripheral Hypertension symptoms and Risk Factor) क्या हो सकते हैं?

पेरिफेरियल हाइपरटेंशन के लक्षण - Symptoms Of Peripheral Hypertension In Hindi

पैरों में दर्द

इस समस्या में व्यक्ति को चलने या व्यायाम के दौरान पैरों में दर्द और ऐंठन होती है, जो आराम करने पर कम हो जाती है। इस दर्द को क्लॉडिकेशन (claudication) कहा जाता है। यह तब होता है जब मांसपेशियों तक पर्याप्त रक्त नहीं पहुंच पाता।

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हाथ-पैर ठंडे होना

हाई ब्लड प्रेशर में ब्लड सर्कुलेशन प्रभावति होता है। ऐसे में हाथ और पैरों में ठंडक महसूस होती है। यह समस्या मुख्य रूप से पैरों की उंगलियों में महसूस होती है। कई बार उंगलियों के रंग में बदलाव भी नजर आता है।

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त्वचा और नाखूनों में बदलाव

पेरिफेरियल हाइपरटेंशन में पैरों की त्वचा सूखी और चमकीली हो सकती है, जबकि नाखून मोटे और टूटने लगते हैं। यह रक्त संचार में कमी के कारण होता है।

कमजोरी और थकान

शरीर में रक्त प्रवाह में होने वाले बदलाव के चलते व्यक्ति को कमजोरी और थकान महसूस हो सकती है। शरीर के अंगों तक रक्त न पहुंचने से उनके कार्य करने की क्षमता में कमी आती है। ऐसे में व्यक्ति थोड़े से काम के बाद ही थकान व कमजोरी महसूस करता है।

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चोट का धीमी गति से ठीक होना

हाई ब्लड प्रेशर के कारण ब्लड सर्कुलेशन में कमी के चलते व्यक्ति की चोट व घाव को भरने में ज्यादा समय लगता है। व्यक्ति को पैरों में छोटे-छोटे घाव व फफोले हो सकते हैं। जिनमें इंफेक्शन होने की संभावना अधिक होती है।

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