एक शोध के अनुसार, प्रारंभिक चरण में स्तन कैंसर से पीड़ित महिलाएं, जोकि वैकल्पिक चिकित्सा ले रही होती हैं, को कीमोथेरेपी ना कराने की सलाह दी जा सकती है। शोधकर्ताओं ने बताया कि शोध में हालांकि अध्ययन में भाग लेने वाली 300 से अधिक महिलाओं को अंत में कीमोथेरेपी करवाने की सलाह दी गई थी, जबकि 11 प्रतिशत को कीमो ना कराने को कहा गया। चलिये विस्तार में इस विषय पर चर्चा करते हैं और जानते हैं कि ब्रेस्ट कैंसर के कई मरीजों को कीमो की जरूरत क्यों नहीं होती है।
क्या कहते हैं पहले के शोध
न्यूयॉर्क शहर के यूनिवर्सिटी मैलमन स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ में एपिडेमियोलॉजी असिस्टेंट प्रोफेसर व प्रमुख शोधकर्ता हीथर ग्रीनली बताती हैं कि, "पिछले अध्ययन बताते हैं कि स्तन कैंसर कीमोथेरेपी को समय से शुरू कर देने पर स्तन कैंसर से बचने के बेहतर मौके पैदा होते हैं।" वे बताती हैं कि, निष्कर्ष बताते हैं कि वे महिलाएं जो कीमोथेरेपी आरंभ नहीं करती हैं, उनके पूरक आहार (dietary supplements) लेने की अधिक संभावना होती है और वे पूरक और वैकल्पिक चिकित्सा के कई अलग अलग तरीकों को एक साथ अपनाती हैं।
ग्रीनली कहती हैं कि, स्तन कैंसर के रोगियों और उनके डॉक्टरों को कीमोथेरेपी से जुड़ी उम्मीदों और चिंताओं पर चर्चा करने की जरूरत है, तथा वैकल्पिक चिकित्सा के उपयोग, उनके परिणामों और लक्ष्यों के बारे में भी बात करनी चाहिए।

नए शोध के परिणाम
कीमोथेरेपी का फैसला लेने के बजाए वैकल्पिक चिकित्सा उपयोग के प्रभाव को निर्धारित करने के लिए, ग्रीनली तथा उनके सहयोगियों ने 70 साल से कम उम्र की, स्तन कैंसर के प्रारंभिक चरण वाली लगभग 700 महिलाओं पर अध्ययन किया। शोधकर्ताओं ने वैकल्पिक उपचार के पांच प्रकारों को देखा, जैसे विटामिन और खनिज सप्लीमेंट, जड़ी बूटियां और बॉटेनिकल, अन्य प्राकृतिक उत्पाद (जैसे मछली का तेल या मेलाटोनिन), तम-मन व आत्म-अभ्यास (जैसे योग और ध्यान), तथा एक्यूपंक्चर जैसी क्रियाएं।
शोधकर्ताओं ने पाया कि सभी, 306 महिलाओं को कीमोथेरेपी कराने के लिए कहा गया था। एक साल बाद, इन महिलाओं में से 89 प्रतिशत ने उपचार शुरू कर दिया था। दूसरी औरत के बीच, जिनके लिए कीमो वैकल्पिक थी, में से केवल 36 प्रतिशत ने उपचार कराया। परिणामों से पता चला कि अध्ययन में सभी महिलाओं में से 87 प्रतिशत महिलाओं ने बताया कि उन्हें वैकल्पिक चिकित्सा के किसी न किसी प्रकार को प्रयोग किया, आमतौर पर सबसे अधिक पूरक आहार तथा तन-मन पर आधारित थेरेपी। कई महिलाओं को दो वैकल्पिक चिकित्सा का इस्तेमाल किया तथा 38 प्रतिशत ने तीन या अधिक वैकल्पिक चिकित्साओं का इस्तेमाल किया।
जांचकर्ताओं ने पाया कि पूरक आहार (dietary supplements) लेने का फैंसला कीमोथेरेपी लेने या न लेने से जुड़ा था, जबकि तन-मन पर आधारित थेरेपी का कीमोथेरेपी के शुरू होने से कोई संबंध नहीं था। लेकिन अध्ययन यह बात साबित नहीं कर सका है, कि वैकल्पिक चिकित्सा का प्रयोग कर इन महिलाओं को कीमोथेरेपी कराने की जरूरत नहीं पड़ी।
यह रिपोर्ट जर्नल जामा ऑन्कोलॉजी में ऑनलाइन मई 12 प्रकाशित की गई थी।
Fact Source - Health.com
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