पिंपल्स एक ऐसी समस्या है, जो आपके किए-कराए पर पानी फेर सकती है। जी हां, अगर आप किसी पार्टी या जरूरी काम के लिए ऑफिस जा रहे हैं और सबकुछ आपके प्लान के मुताबिक चल रहा है। जैसे अच्छे कपड़े, सही जूते और अच्छे से कढ़ें बाल आपको आकर्षक लुक दे रहे हैं लेकिन आपके चेहरे पर लाल रंगे का एक पिंपल आपकी सारी मेहनत पर पानी फेर सकता है। ये दिखने में भी उतना ही खराब लगता है, जितना इसको छून में दर्द होता है। पिंपल न सिर्फ स्किनकेयर से जुड़ी एक बड़ी समस्या है बल्कि ये समझना बहुत जरूरी है कि तनाव और सही नींद नहीं ले पाना आपकी स्किन के लिए और गंभीर स्थिति पैदा कर सकता है। पिंपल और मुंहासों के बारे में सबसे बात ये है कि ये लंबे वक्त किशोरों के चेहरे पर बने रहते हैं। क्या आप जानते हैं कि अमेरिकन एकेडमी ऑफ डर्माटोलॉजी के मुताबिक, व्यस्कों में मुंहासों की समस्या लगातार बढ़ रही है? जी हां, 25 साल से ज्यादा की महिलाओं के चेहरे पर मुंहासों सबसे ज्यादा आते हैं।
फूड और मुंहासों के बीच संबंध
बहुत से लोगों का मानना है कि महंगे स्किनकेयर उत्पाद और उपचार में खर्चा करने से साफ और मुंहासों मुक्त त्वचा मिलती है। हालांकि ये समझना बहुत जरूरी है कि मुंहासों जैसी समस्या अक्सर डायटरी गलतियों के कारण ही होती है। ये डायटरी गलतियां पिंपल्स के कारण होनी वाली जलन को बढ़ाने में एक अहम भूमिका निभाती है। आप जो भी खाते हैं उसका आपकी त्वता सहित संपूर्ण शरीरिक गतिविधियों पर बहुत बड़ा प्रभाव पड़ता है। बहुत से हाल के अध्ययनों में डायटरी हेबिट्स और मुंहासों के आने के बीच संबंध पर प्रकाश डाला गया है।
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क्या कहते हैं अध्ययन
आरएमआईटी यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ अप्लाइड साइंसेज द्वारा किए गए अध्ययन के मुताबिक, मुंहासों के आने के पीछे पोषण संबंधी जीवशैली कारक एक अहम भूमिका निभाते हैं। अध्ययन ने हाई प्रोटीन, कम ग्लाइसेमिक वाली डाइट और मुंहासे आने के पीछे एक पारंपरिक, उच्च ग्लाइसेमिक वाली डाइट के प्रभावों की तुलना की। हालांकि, इन प्रारंभिक निष्कर्षों की पुष्टि इसी तरह के अध्ययन से करने की आवश्यकता है। अगर आप ऐसे मुंहासों से बचने की राहत तलाश रही हैं या रहे हैं तो हम आपको ऐसे 3 खाद्य पदार्थों से दूर रहने के बारे में बताने जा रहे हैं, जो पिंपल से आपको दूर रख सकते हैं।
रिफाइन्ड कार्ब और शुगर से रहें दूर
आप कहीं ज्यादा एडड शुगर या फिर रिफाइन्ड कार्ब नहीं खा रहे हैं इसको जांचने के लिए अपने खान-पान की आदतों पर ध्यान रखें। व्हाइट ब्रेड, आलू, सफेद आटे से बना पास्ता, सोडा और शुगर से भरे पेय पदार्थ सहित हाई ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले खाद्य पदार्थों का सेवन आपके ब्लड शुगर को भी बढ़ा सकता है। ये आपकी त्वचा को अधिक तेल उत्पादन का कारण बन सकता है और सूजन भी हो सकती है, जिसके कारण अधिक मुंहासे आ जाते हैं। सटीक सबूतों के लिए अधिक शोध की जरूरत है इसलिए अगर आपके चेहरे पर बार-बार पिंपल या मुहांसे आ जाते हैं तो रिफाइन्ड अनाज और शुगर से दूरी बनाएं।
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दूध और दूध से बने उत्पाद
अगर आप बार-बार चेहरे पर मुंहासों की समस्या से परेशान रहते हैं तो आपको दूध और डेयरी उत्पादों के सेवन पर थोड़ा ब्रेक लगाने की जरूरत है। हालांकि इस संबंध के बीच स्पष्टता की कमी है लेकिन कुछ अध्ययनों में ये बताया गया है कि दूध, आईसक्रीम और अन्य डेयरी उत्पादों के सेवन से मुंहासों बढ़ सकते हैं। गाय का दूध आईजीएफ-1 नाम के इंसुलिन जैसे हार्मोन को बढ़ाता है, जो मुंहासों की गंभीरता से जुड़ा हुआ है।
फ्राइड एंड प्रोसेस्ड फूड
इसमें कोई दो राय नहीं है कि अगर आप मुंहासों से लड़ रहे हैं तो आपको जंक, फ्राइड और प्रोसेस्ड फूड का सेवन सख्ती से बंद कर देना चाहिए। जर्नल ऑफ क्लीनिकल कॉस्मेटिक एंड इंवेस्टीगेश्नल डर्माटोलॉजी में प्रकाशित एक शोध के मुताबिक, सैच्यूरेटेड और ट्रांस फैट से भरे खाद्य पदार्थ तेल को बढ़ाने वाले हार्मोन के उत्पादन को बढ़ाने का काम करते हैं। इसलिए आपको मुंहासों से बचना है तो जंक और प्रोसेस्ड फूड का सेवन तुरंत बंद कर देना चाहिए।
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