Steam Rooms Vs Saunas: स्टीम रूम और सोना बाथ में क्या अंतर है, जानिए दोनों के फायदे और नुकसान

स्टीम रुम और सोना, दोनों तकनीकों का प्रयोग शरीर को आराम देने और कुछ बीमारियों को प्राकृतिक रूप से ठीक करने के लिए किया जाता है। 
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Steam Rooms Vs Saunas: स्टीम रूम और सोना बाथ में क्या अंतर है, जानिए दोनों के फायदे और नुकसान

यह कोई नई तकनीक नहीं है। अगर इनका इतिहास देखा जाए तो काफी पुराने समय में भी स्टीम बाथ या सोना बाथ तरीका अपनाया जाता था। चाहे स्टीम रूम हो या सोना दोनों तकनीकों का प्रयोग शरीर को रिलैक्स करने और बहुत सी बीमारियों का इलाज करने में किया जाता है। वैसे तो दोनों ही एक सी तकनीक हैं। बस कुछ अंतर है। दरअसल यह दोनों एक प्रकार के स्नान  हैं। यदि आप जिम जाते हैं या फिर किसी ऐसे काम में जुड़े हुए हैं जो आपको बहुत थका देता है तो आपको स्टीम रूम या सोना बाथ अवश्य ट्राई करना चाहिए। इससे आप स्वयं को बहुत रिलैक्स व फ्रेश महसूस करेंगे। तो आइए जानते हैं क्या होता है स्टीम रूम व सोना बाथ और इन दोनों में क्या अंतर है?

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सोना बाथ क्‍या है? 

यह एक पुरानी रोमन तकनीक है। पारम्परिक तौर से एक गर्म चट्टान या पत्थर पर पानी के टकराने से गर्म भाप बनती हैं। इसमें थोड़ी बहुत नमी भी होती है और इसका तापमान 180 से 200 डिग्री के बीच होता है। परंतु इसके नए व मॉडर्न तरीके को इन्फ्रारेड सोना कहा जाता है। इस तरीके में हीटिंग को इन्फ्रारेड किरणों में बदल दिया जाता है। यह आपके शरीर के तापमान को बढ़ाता है जिससे आपको पसीना आता है।

सोना बाथ के स्वास्थ्य लाभ (Sauna Bath Health Benefits)

यह आपके पूरे शरीर को रिलैक्स करता है। सोना की वजह से आपकी रक्त कोशिकाएं फैल जाती हैं। जिससे रक्तचाप और पल्स रेट कम हो जाता है। नियमित रूप से यह बाथ लेने से इम्यून सिस्टम मजबूत होता है क्योंकि शरीर का तापमान तेजी से बढ़ता है, और इस वजह से बैक्टीरिया और वायरस नष्ट हो जाते हैं। व शरीर से रोग दूर होते है। मांसपेशियों का दर्द, गठिया का दर्द, जुखाम या फ्लू में सोना लेना फायदेमंद है। यही नहीं सोना के दौरान काफी पसीना निकलने से फैट और कार्बोहाइड्रेट का अत्याधिक एनर्जी में बदलने से  वजन आसानी से घटता है।  

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रिस्क (Risk)

आपको सोना बाथ में 15 या 20 मिनट से अधिक नहीं रहना चाहिए क्योंकि इससे आपको डिहाइड्रेशन की समस्या हो सकती है। यदि आपको हाइपरटेंशन है और आपको चक्कर, उल्टी या सीने में दर्द, बेचैनी महसूस हो रही है तो फौरन बाहर आ जाएं। बीपी ज्यादा हो तो इस प्रक्रिया से गुजरने से पहले डॉक्टर की सलाह लें। यदि आप हाल में ही किसी सर्जरी या दिल की बीमारी से गुजरे हैं तो, भी सोना लेना उचित नहीं। डिहाइड्रेशन की समस्या से बचने के लिए सोना से पहले खूब पानी पिएं। सबसे जरूरी बात कि जब आप सोना लेने वाले हैं तो उस से 2 घंटे पहले हल्का ही खाएं। वरना सोना के समय परेशानी हो सकती है, क्योंकि ब्लड सर्कुलेशन में बदलाव होने से इस दौरान खाना पचने में दिक्कत होती है। सिर पर तोलिया बांध कर रखें, वरना शरीर का तापमान एकदम से बढ़ेगा।

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स्टीम रूम क्‍या है? 

यह एक तुर्की पद्धति का स्नान है। जो शरीर को नमी से परिपूर्ण गरमी देता है। व कमरे की सारी नमी अपने अंदर सोख लेता है। ऐसा एक जेनरेटर कि सहायता से होता है जो कि उबले हुए पानी से भरा रहता है। जब आप एक स्टीम रूम के अंदर प्रवेश करते हैं, तो आपको हल्का दवाब सा महसूस होगा और हवा भारी लगेगी। इस रूम का तापमान 100 से 150 डिग्री होता है। परन्तु नमी की वजह से ज्यादा गरमी भी नहीं लगती। 

स्टीम रूम के स्वास्थ्य लाभ (Steam Rooms Health Benefits)

यह आपके ब्लड प्रेशर को  नियंत्रित करता है व स्ट्रेस उत्पन्न करने वाले हार्मोन्स को कम करता है। प्रदूषण की वजह से होने वाली मृत त्वचा/सेल्स व अन्य त्वचा की बुराइयों को दूर करने में भी स्टीम रूम बाथ बहुत सहायक है। हृदय की श्लेष्मा झिल्ली (mucous membrane) को गरम करता है जो आपके फेफड़ों में फसे गंद को साफ करने में सहायक है। हालांकि यदि आप बीमार हैं तो आपको स्टीम बाथ नहीं लेना चाहिए। आप को वर्क आउट के बाद जो थकावट और शरीर में दर्द महसूस होता है उसे ठीक करने के लिए भी आप स्टीम बाथ का सहारा ले सकते हैं। आप स्टीम बाथ से वॉटर वेट लॉस करते हैं। इसकी वजह से आपको पानी भरपूर मात्रा में पीना चाहिए ताकि आप को डिहाइड्रेशन की समस्या न हो। 

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रिस्क 

हालांकि स्टीम बाथ ढेर सारे स्वास्थ्य लाभ उपलब्ध कराता है। परन्तु यदि आप इसका प्रयोग अधिक मात्रा में करते हैं तो यह खतरनाक भी सिद्ध हो सकता है। आपको 15 से 20 मिनट का स्टीम बाथ ही लेना चाहिए। यदि आप एक प्रेगनेंट महिला, या ऐसे व्यक्ति जिसकी इम्यूनिटी कमजोर है या आपकी हाल ही में कोई सर्जरी हुई हो तो आपको स्टीम बाथ लेने से बचना चाहिए। नाजुक अंगों को ढक कर रखना चाहिए नहीं तो वहां फफोले पड़ सकते हैं। 

जब आप स्टीम लेने वाले हो तो फौरन एकदम स्टीम रूम में ना जायें। पहले 15 मिनट के लिए अपने शरीर को रिलैक्स करें फिर एक ठंडे पानी से बाथ लें। उसके बाद ही स्टीम रूम में जायें। अपना तौलिया और साबुन का प्रयोग करें। ऐसे समय में अल्कोहल के प्रयोग से बचें।

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