डायाबिटीज से लेकर कैंसर में सहायक है पान का पत्ता, जाने इसके अन्य स्वस्थ्य लाभ

हमारे पूर्वज अक्सर खाना खाने के बाद पान खाया करते थे। लेकिन आज कल शहर में रहने वाले लोग न केवल इसके उपयोग से अनजान हैं, बल्कि ऐसा मानते हैं कि इसके सेवन से मुंह के कैंसर का खतरा बढ़ सकता है। पान का पत्ता वास्तव में कई उपचारों में लाभदायक होता है। आइए इसके बारे में जानते हैं।
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डायाबिटीज से लेकर कैंसर में सहायक है पान का पत्ता, जाने इसके अन्य स्वस्थ्य लाभ


भारत में तम्बाकू या उसके बिना भीगे हुए चूने के साथ पान खाने की परंपरा काफी समय से चलती आ रही है। हमारे देश में पान और सुपारी का उपयोग धार्मिक अनुष्ठानों और प्रार्थनाओं में भी किया जाता है क्योंकि इसे शुभ माना जाता है। पान के पत्तियां विटामिन सी, थायमिन, नियासिन, राइबोफ्लेविन और कैरोटीन जैसे विटामिन से भरपूर होते हैं और इसे कैल्शियम का एक बड़ा स्त्रोत भी माना जाता हैं। हालांकि ये जरूर है कि पान के पत्ते को तंबाकू और अन्य कैंसर पैदा करने वाले सामग्रियों के साथ खाने से मुंह के कैंसर का खतरा भी बढ़ सकता है। एक अध्ययन के अनुसार ये होंठ, मुंह, जीभ और ग्रसनी के कैंसर के खतरे को बढ़ाते हैं। केवल पान का पत्ता खाना स्वस्थ्य के लिए फायदेमंद होता है और इससे स्वस्थ्य पर कोई भी हानिकारक प्रभाव नही पड़ता है। आइए जानते हैं इसके सेवन से हमें क्या-क्या लाभ मिल सकता है।

paan

कैंसर और डायाबिटीज को रोकने में मददगार


पान के पत्ते में फाइटोकेमिकल्स, फ्लेवोनोइड, टैनिन, अल्कलॉइड, स्टेरॉयड और क्विनोन जैसे शक्तिशाली एंटीऑक्सिडेंटस और एंटी इंफ्लेमेटरी यौगिक शामिल हैं। जो कैंसर और डायाबिटीज जैसे खतरनाक बामारियों को रोकने में आपकी मदद करता है। कुछ आयुर्वेदिक अध्ययनों के अनुसार ये कार्डियोवस्कुलर रोग, उच्च कोलेस्ट्रॉल और उच्च रक्तचाप की रोकथाम में भी काफी मददगार होता है।

सर्दी और खांसी को कम करे

लोग पान के पत्ते का उपयोग काफी लंबे समय से सर्दी और खांसी को दूर करने के लिए करते आ रहे हैं। पत्तियों को पहले सरसों के तेल में भिंगा कर गर्म किया जाता है और फिर उसे छाती पर लगाया जाता है इससे फेफड़ों में जमे कफ से काफी राहत मिलता है। बच्चों को कफ और गीली खांसी से छुटकारा दिलाने के लिए पान के पत्तों का जूस बना कर उसमें थोड़ी मात्रा में शहद डालकर दिया जा सकता है।

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घाव भरने में मददगार

हाय ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस यानी फ्री रेडिकल्स आपके शरीर में घाव भरने में देरी कर सकते हैं। घाव भरने में देरी टाइप 1 डायाबिटीज में देखी जाने वाली गंभीर समस्याओं में से एक है। पान का पत्ता घावों को भरने में आपकी मदद करता है। इसमें पॉलीफेनोल्स पाये जाते हैं जिनमें भरपूर एंटीऑक्सीडेंटस गुण होते हैं। यह आपके शरीर में फ्री रेडिकल्स, सुपरऑक्साइड डिसम्यूटेज और कैटेलेज जैसे शरीर के लिए घातक एंजाइमों को नष्ट कर देते हैं। पान के पत्ते को पीस कर इसे घाव पर लगाने से घाव को जल्द भरने में मदद मिलता है।

सूजन कम करने में मददगार

पान के पत्ते में एंटीऑक्सिडेंट्स और एंटी इंफ्लेमेटरी यौगिक पाये जाते हैं जो आपके मसूड़े में गांठ या फिर सूजन हो जाने पर दर्द से राहत दिलाने में मददगार होते हैं। पान में ऐसे पोषक तत्व पाये जाते हैं जो सूजन को कम करने का काम करते हैं।

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आंखों के लिए पान

थकान, नींद न आना या फिर आंखों में किसी कारण से समस्या होने पर, जब आंखें लाल हो जाती है। तब आप पान के पत्ते को उबाल लें और उसे ठंडा करके, पानी के छींटे आंखों पर मारें इससे आपके आंखों को काफी राहत मिलती है और शरीर का थकान भी दूर हो जाता है।

लेखक: धीरज सिंह राणा

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