प्रेगनेंसी में अक्सर महिलाओं को अनेक बदलावों का सामना करना पड़ता है। ऐसे ही कुछ महिलाएं प्रेगनेंसी के दौरान खर्राटे लेना शुरू कर देती हैं। अब सवाल यह है कि क्या यह समस्या आम है और इसके पीछे के कारण क्या हैं? बता दें कि प्रेगनेंसी के दौरान खर्राटे लेने के कारण कभी-कभी महिलाओं की नींद भी प्रभावित हो जाती है। ऐसे में इसके पीछे के जरूरी कारणों को जानना जरूरी है। आज का हमारा लेख इसी विषय पर है। आज हम आपको अपने इस लेख के माध्यम से बताएंगे कि प्रेगनेंसी के दौरान महिलाएं खराटे क्यों लेती हैं। साथ ही इसके बचाव के बारे में भी जानेंगे। पढ़ते हैं आगे...
बता दें कि प्रेगनेंसी के दौरान खराटे लेना बेहद आम बात है। वही इस पर कुछ शोध भी हुए हैं जो यह साबित करते हैं कि यह समस्या गर्भावस्था की अंतिम तिमाही तक 14% तक बढ़ सकती है। हालांकि इसकी शुरुआत पहली तिमाही से हो सकती है। इससे संबंधित शोध पढ़ने के लिए यहां पर क्लिक करें...
प्रेगनेंसी में खर्राटे लेने के कारण
आमतौर पर खर्राटे तब आते हैं जब व्यक्ति की नाक और मुंह के जरिए जाने वाली हवा में रुकावट आती है। इस परिस्थिति के दौरान जब व्यक्ति सांस लेता है तो गले की दीवार में कंपन महसूस होती है और इस कंपन के साथ आवाज भी उत्पन्न होती है, जिस खराटे कहा जाता है। ऐसे में प्रेगनेंसी के दौरान यह समस्या निम्न कारणों से हो सकती है।
1 - जब गर्भावस्था के दौरान महिलाओं का हार्मोनल बदलाव होते हैं तब भी यह समस्या हो सकती है।
2 - आपने देखा होगा गर्भावस्था के दौरान महिलाओं का वजन बढ़ने लगता है। ऐसे में अगर शुरुआत में महिलाओं का बीएमआई यानी बॉडी मास इंडेक्स अधिक हो जाता है तब भी यह समस्या हो सकती है।
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3 - राइनाइटिस एक ऐसी समस्या है जो नाक से जुड़ी सूजन का संकेत देती है। ऐसे में जब प्रेगनेंसी के दौरान यह समस्या होती है तो इसके कारण महिलाओं की नाक बंद हो जाती है, जिसके कारण खर्राटे जैसी स्थिति पैदा हो सकती है।
4 - कुछ विकार ऐसे होते हैं जो नींद से जुड़े होते हैं। इन विकारों में बार-बार सास बंद और शुरू होती है। ऐसा ही एक विकार है स्लीप डिसऑर्डर ब्रीथिंग। इस समस्या के दौरान प्रेगनेंसी में खराटे आ सकते हैं।
5 - गर्भावस्था में मोटापा भी एक बड़ी समस्या होता है, जिसके कारण महिलाओं के वायु मार्ग पर दबाव पड़ने लगता है और खर्राटे की समस्या हो सकती है।
6 - गर्भावस्था के अंतिम महीने में वायु मार्ग से जुड़े टीशू में सूजन आना शुरू हो जाती है, जिसके कारण खराटे की समस्या उत्पन्न हो सकती है।
7 - जब महिलाओं के मुंह के ऊपरी भाग में सूजन आनी शुरू हो जाती है तब भी खर्राटों की समस्या पैदा हो सकती है।
8 - जब महिलाएं किसी एलर्जी या जुकाम का शिकार हो जाती हैं तब खराटे आना आम बात है।
9 - व्यक्ति के शरीर में नाक के छिद्रों को विभाग विभाजित करने वाली हड्डी होती है जो मुड़ना शुरू हो जाती है। इस समस्या को नसल सेप्टम कहते हैं, जिसके कारण महिलाएं खर्राटे लेना शुरू कर देते हैं।
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प्रेगनेंसी के दौरान खर्राटों से बचाव
अगर महिलाएं अपनी दिनचर्या में थोड़ा सा बदलाव करें तो इस समस्या से बचा जा सकता है जानते हैं इन बदलावों के बारे में-
1 - महिलाएं प्रेगनेंसी के दौरान शराब का सेवन ना करें।
2 - महिलाएं प्रेगनेंसी के दौरान धूम्रपान के सेवन से बचें।
3 - महिलाएं गर्भावस्था में संतुलित आहार का सेवन जरूर करें।
4 - प्रेगनेंसी के दौरान महिलाएं पेट के बल सोने से बचें और कोशिश करें कि वह केवल एक करवट लेकर सोएं।
5 - प्रेगनेंसी के दौरान महिलाएं अगर नाक बंद जैसी समस्या महसूस करती हैं तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
6 - अपने बेडरूम को ज्यादा शुष्क और नम ना रखें।
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7 - प्रेगनेंसी के दौरान अपना वजन भी संतुलित रखें। मोटापा बढ़ने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
नोट - ऊपर बताए गए बिंदुओं से पता चलता है कि प्रेगनेंसी के दौरान महिलाएं खर्राटे की समस्या का शिकार हो सकती हैं। हालांकि इसके पीछे कुछ गंभीर और कुछ आम कारण भी छिपे हो सकते हैं। ऐसे में सबसे पहले इन कारणों का पता होना जरूरी है। वहीं महिलाएं खराटे की समस्या से बचने के लिए ऊपर बताए गए बचावो को अपना सकती हैं। ध्यान रखें महिलाएं प्रेगनेंसी के दौरान अपनी डाइट में किसी भी चीज को जोड़ने से पहले या अपनी डाइट में बदलाव करने से पहले एक बार एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें।
इस लेख में इस्तेमाल की जानें वाली फोटोज़ Freepik से ली गई हैं।
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