Acid Reflux Symptoms In Babies In Hindi: आपने अक्सर नोटिस किया होगा कि शिशु दूध पीने के तुरंत बाद उल्टी कर देते हैं और रोने लगते हैं। ऐसे में अधिकांश मांएं बच्चे की पीठ को ठोककर उसे चुप कराने की कोशिश करती हैं। लेकिन अगर शिशु को बार-बार उल्टी हो, उसका वजन न बढ़ रहा हो या वह बहुत ज्यादा रोता हो, तो आपको इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। दरअसल, ये सभी लक्षण एसिड रिफ्लक्स के हो सकते हैं। आमतौर पर एसिड रिफ्लक्स को बड़ों की बीमारी समझा जाता है। लेकिन शिशुओं में भी एसिड रिफ्लक्स की समस्या होती है। एसिड रिफ्लक्स को गैस्ट्रोएसोफेगल रिफ्लक्स डिजीज या गर्ड भी कहा जाता है। शिशुओं में एसिड रिफ्लक्स होने पर पेट में मौजूद पदार्थ या एसिड फूड पाइप के माध्यम से ऊपर आने लगता है। इससे बच्चे को उल्टी, सीने में जलन या सांस लेने में परेशानी का अनुभव होने लगता है। छोटे बच्चे बोलकर अपनी तकलीफ को बयां नहीं कर पाते हैं, इसलिए रोने लगते हैं। ऐसे में, पेरेंट्स को चाहिए कि वे एसिड रिफ्लक्स के लक्षणों को पहचानकर जरूरी उपाय करें, जिससे बच्चे को राहत मिल सके। आज इस लेख में डॉ आकाश गर्ग, सीनियर कंसलटेंट, मैक्स हॉस्पिटल, नोएडा से जानेंगे शिशुओं में एसिड रिफ्लक्स के लक्षण और बचाव के उपाय -
शिशुओं में एसिड रिफ्लक्स होने के कारण - Acid Reflux Causes In Babies
आमतौर पर, शिशुओं में एसिड रिफ्लक्स की समस्या गैस्ट्रोइंस्टेटाइनल ट्रैक्ट में किसी की वजह से होती है। नैशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन (NCBI) में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, शिशुओं में लोअर एसोफेगल स्फिंक्टर मांसपेशी पूरी तरह से डेवलप नहीं होती है, जिसे एसिड रिफ्लक्स का एक मुख्य कारण माना जाता है। अधिकांश शिशुओं में 1 साल की उम्र के बाद पाचन प्रणाली मजबूत होना शुरू होती है। इसके अलावा, शिशु का जरूरत से ज्यादा वजन, शिशु का पेट के बल ज्यादा लेटना अथवा सोना या कभी-कभी अनुवांशिक कारणों से भी एसिड रिफ्लक्स की समस्या हो सकती है।
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शिशुओं में एसिड रिफ्लक्स के लक्षण - Acid Reflux Symptoms In Babies
- दूध पिलाने के तुरंत बाद उल्टी होना
- लगातार खांसी आना
- डकार लेते समय मुंह से दूध या तरल पदार्थ बाहर निकलना
- दूध पीने के बाद लगातार रोते रहना
- चिड़चिड़ापन
- लगातार वजन कम होना
- सांस लेने में परेशानी होना
- बार-बार चेस्ट इंफेक्शन होना
शिशुओं में एसिड रिफ्लक्स के बचाव के उपाय - Acid Reflux Prevenetion In Babies
- शिशु को दूध पिलाने के तुरंत बाद लिटाएं नहीं।
- अगर दूध पिलाने के बाद बच्चे को लिटा रहे हैं, तो थोड़े समय के लिए उसका सिर किसी ऊंचे तकिए पर रखें।
- दूध पिलाने के बाद शिशु को कम से कम 30 मिनट तक गोद में लेकर सीधा रखें, ताकि एसिड पेट से बाहर न निकल पाए।
- बच्चे को दूध पिलाने के बाद उसे कंधे के सहारे रखें और डकार दिलाने की कोशिश करें।
- शिशु को एक बार में ज्यादा दूध पिलाने के बजाय थोड़ा-थोड़ा दूध पिलाएं। एक बार में ज्यादा फीडिंग करवाने से भी एसिड रिफलक्स की समस्या हो सकती है।
- अगर बच्चे को फॉर्मूला मिल्क दे रहे हैं, तो दूध को थोड़ा गाढ़ा बनाएं।
- अगर बच्चा 6 महीने का हो गया है, तो उसे सॉलिड फूड्स खिला सकते हैं।