कोरोना के इस काल में एक तरफ जहां सभी मेडिकल सुविधाओं की कमी हो रही है तो ऐसे में गर्भवती महिलाएं अपनी परेशानियों का हल खुद से ही घर पर या डॉक्टर से बात करके निकाल रही हैं। कोरोना में पूरा जोर इम्युनिटी बढ़ाने (Immunity boosting during corona) पर है। गर्भवस्था में चुकंदर खाना (beetroot eating during pregnancy) चाहिए या नहीं, इस पर महिलाओं में असमंजस रहती है। चुकंदर में विटामिन सी व ऐसे एंटी-ऑक्सीडेंट होते हैं जो इम्युनिटी को बढ़ाने में मदद करते हैं। कई कोविड मरीज जो होम आइसोलेशन में अपना इलाज कर रहे हैं वे अपनी डाइट में चुकंदर भी शामिल कर रहे हैं। ऐसे में गर्भवती महिलाओं के लिए भी चुकंदर खाना फायदेमंद है। पर ध्यान रहे कि इसकी सीमित मात्रा का ही उपभोग करें। ज्यादा चुकंदर खाने से उल्टी, दस्त, गुर्दे की पथरी आदि परेशानियां हो सकती हैं। आज के इस लेख में हम जानेंगे कि क्या गर्भावस्था में चुकंदर खाना सही है। इसे खाने के क्या फायदे होते हैं।
चुकदंर के पोषक तत्त्व
- कैल्शियम
- आयरन
- विटामिन-सी
- विटामिन-ए
- पानी
- एनर्जी
- शुगर
- प्रोटीन
- फैट
- फाइबर
प्रेग्नेंसी में चुकंदर खाने के फायदे (Benefits of eating chukandar during pregnancy)
खून की कमी को करे पूरा
ज्यादातर महिलाओं में खून की कमी होती है। गर्भावस्था के दौरान यह कमी और बढ़ जाती है। यही कारण है कि गर्भावस्था में महिलाओँ में एनीमिया का खतरा बढ़ जाता है। चुकंदर में आयरन होता है और रक्त में हिमोग्लोबीन की मात्रा को बढ़ाता है। इस वजह से प्रेग्नेंसी में चुकंदर खाने से फायदा मिलता है।
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इम्युनिटी बढ़ाता है चुकंदर
कोरोनाकाल में गर्भवती महिलाओं को अपना ख्याल रखने की ज्यादा जरूरत है। ऐसे में चुकंदर उनके बहुत काम आ सकता है। अगर प्रेग्नेंट महिलाएं अपनी डाइट में चुकंदर शामिल करती हैं तो उनकी इम्युनिटी ठीक रहती है। चुकंदर में एंटी-ऑक्सीडेंट्स पाए जाते हैं, जो इम्युनिटी को बूस्ट करने में मदद करते हैं।
डायबिटिज का खतरा करे कम
प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं को जेस्टेशनल डायबीटिज होने का खतरा रहता है। इसलिए चुकंदर का सेवन इस खतरे को कम करता है। चुकंदर खून में देर से ऑब्जर्ब होता है, इसलिए डायबिटीज का खतरा कम होता है।
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सूजन को करे कम
गर्भावस्था के दौरान शरीर में कई बार सूजन आ जाती है। इस सूजन से बचाने के काम भी चुकंदर करता है। एंटी-इंफ्लामेंटरी एजेंट होते हैं जो सूजन को कम करने में मदद करते हैं। इसके अलावा चुकंदर जोड़ों के दर्द को भी खत्म करता है।
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शिशु के विकास में सहायक
गर्भावस्था में एक महिला जो भी खाती है उसके खाने का चुनाव उसके बच्चे के विकास पर असर डालता है। सिर्फ खाना ही नहीं बल्कि उसका सोचना, उसका उठना बैठना, उसके कपड़े पहनना, सब कुछ बच्चे के विकास से जुड़ा है। शिशु के विकास में डाइट का अहम रोल है। चुकंदर में विटामिन ए और विटामिन-ई होता है जो शिशु के विकास में सहायक हैं। इस अवस्था में आप चुकंदर का जूस, हलवा या कच्चा भी खा सकते हैं।
पाचन संबंधी परेशानी रहें दूर
गर्भावस्था में महिलाओँ को कब्ज की शिकायत हो जाती है। ऐसे में चुकंदर सहायक है। चुकंदर में फाइबर की मात्रा अच्छी होती है। यह फाइबर खाने को धीरे-धीरे पकाता है। और पेट में कब्ज की परेशानी को दूर करता है।
कोरोना के समय में हर व्यक्ति अपनी डाइट पर ध्यान दे रहा है। वह कोशिश कर रहा है कि उसे विटामिन सी से भरपूर और प्रोटीन रिच फू मिले। ऐसे में गर्भवती महिलाओं का अपनी डाइट पर ध्यान देना भी बहुत जरूरी है। वे अपनी डाइट में सीमित मात्रा में चुकंदर को शामिल कर सकती हैं। ज्यादा चुकंदर खाने से नुकसान भी हो सकते हैं। प्रेग्नेंसी में चुकंदर खाने को लेकर आप अपनी डॉक्टर से भी सलाह ले सकती हैं।
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