कोरोनाकाल में क्या है डॉक्टर्स की डाइट, जानें चिकित्सकों से

कोरोनाकाल में यह जानना दिलचस्प है कि डॉक्टर इस वक्त क्या खा रहे हैं। डॉक्टरों की डाइट आपके लिए भी मददगार साबित हो सकती है। 
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कोरोनाकाल में क्या है डॉक्टर्स की डाइट, जानें चिकित्सकों से

कहा जाता है कि डॉक्टर भगवान से कम नहीं होते और यह बात कोरोनाकाल में साबित हो गई है। एक ऐसा समय जब सभी लोग घरों में कैद हैं, तब डॉक्टर मरीजों का इलाज करने के लिए घर से बाहर जा रहे हैं। मरीजों को जीवनदान दे रहे हैं। कोरोना से बचने के लिए सरकार से लेकर अन्य संस्थाएं खानपान और इम्युनिटी बढ़ाने पर जोर दे रही हैं। ऐसे में यह जानना दिलचस्प होगा कि जिन मरीजों की जान डॉक्टर्स बचा रहे हैं वे खुद अपने डाइट प्लान में क्या शामिल करते हैं। लोगों को कोविड न हो उसके लिए वे मरीजों को डाइट बताते हैं, लेकिन आज हम ओन्ली माई हेल्थ के माध्यम से जानेंगे कि आखिर मरीजों की सेहत का ख्याल रखने वाले डॉक्टर कोरोनाकाल में अपनी सेहत का ख्याल रखने के लिए क्या खा रहे हैं? इस बारे में जानने के लिए हमने बात की राजकीय हृदय रोग संस्थान, जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज, कानपुर में कार्यरत वरिष्ठ प्रोफेसर ऑफ कार्डियोलॉजी डॉ. अवधेश शर्मा और गुरुग्राम के अवेकनिंग रिहैब में मनोचिकित्सक डॉक्टर प्रज्ञा मलिक से। 

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लिक्विड डाइट पर करते हैं फोकस

हृदय रोग विशेषज्ञ डॉक्टर अवधेश शर्मा का कहना है कि अस्पताल में लंबे समय पीपीई किट पहनकर काम करना पड़ता है। जिस वजह से शरीर में डिहाइड्रेशन हो जाता है। इसलिए वे लिक्विड डाइट पर फोकस करते हैं। ये है डॉक्टर अवधेश शर्मा की डाइट-

ब्रेकफास्ट

डॉक्टर शर्मा का कहना है कि वे सुबह उठकर पहले हल्की एक्सरसाइज और योगा करते हैं। फिर पानी या नींबू पानी पीते हैं। हेल्दी ब्रेकफास्ट लेते हैं। ऐसा ब्रेकफास्ट लेते हैं जो आसानी से पच जाए। 

दोपहर का लंच

अस्पताल से घर आने पर नहाते हैं। फिर दोपहर के लंच में सबसे पहले खूब पानी पीते हैं। जूस या दही लेते है। कुछ देर बाद दाल, रोटी खाते हैं। 

रात का डिनर

रात के डिनर में दाल, चावल और रोटी लेते हैं। सोते समय दूध पीते हैं। डॉक्टर शर्मा का कहना है कि हरी सब्जियां, फल और लिक्विड पर ज्यादा फोकस करते हैं। कोशिश करते हैं कि दिन में दो लीटर पानी पी लें। 

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मनोचिकित्सक की डाइट

कोरोनाकाल में मनोचिकित्सकों की जररूत ज्यादा पड़ रही है। कोरोना महामारी ने मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा असर डाला है। इसलिए मनोचिकित्सक की डाइट जानना जरूरी है।

काढ़े के साथ सुबह की शुरूआत

डॉक्टर प्रज्ञा मलिक ने बताया कि उन्हें वैकल्पिक दिनों में मरीजों को देखने के लिए क्लिनिक में जाना पड़ रहा है और इमरजेंसी केस होने पर ऑनलाइन काउंसलिंग भी करती हैं। उनका कहना है कि रोज मरीजों को देखने के लिए पहले खुद की डाइट अच्छी रखनी पड़ती है। सुबह उठते ही वे पहले काढ़ा पीती हैं। काढ़े में तुलसी, अदरक, दालचीनी, अर्जुन की छाल और गिलोय की टहनी को उबाल कर, ठंडा करके गुड़ या शक्कर और नींबू मिलाती हैं। फिर उसे पी लेती हैं। इसके एक घंटे बाद फल खाती हैं। फिर एक घंटे बाद नाश्ता करती हैं। नाश्ते में कोशिश करती हैं कि ऑइली फूड कम हो। उसमें इडली, डोसा, पोहा आदि लेती हैं। उन्होंने बताया कि पराठा या पूरी-कचौरी अभी के लिए नुकसानदायक है। यहां तक की ब्रेड वगैरह भी न लें। इसके दो घंटे के अंतराल के बाद नींबू-पानी लेती हैं।

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दोपहर का लंच

दोपहर के लंच में हरी सब्जियां लेती हैं। इसके दो घंटे बाद जूस या शेक लेती हैं, जैसे बनाना शेक, मिल्क फ्रूट जूस आदि। शाम के वक्त में योगा करती हैं। योगा के बाद गुनगुना पानी पीती हैं।

डिनर

रात के खाने में दाल और रोटी खाती हैं। सोते समय हल्दी वाला दूध पी रहे हैं।

कोरोनाकाल में डॉक्टर्स की इम्युनिटी स्ट्रांग होना बहुत जरूरी है। क्योंकि अगर डॉक्टर बीमार पड़े तो मरीजों का इलाज कौन करेगा। इस लेख के माध्यम से आप भी अपनी डाइट में परिवर्तन कर सकते हैं। अच्छा खाएं और कोरोना को भगाएं।

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