कई बार किसी मौसम की विशेष तरह की स्थिती से किसी-किसी इंसान को एलर्जी हो जाती है। जैसे की बारिश में कोई-कोई इंसान बारिश के कारण तुरंत बीमार पड़ जाते हैं। या फिर अधिक गर्मी से किसी को एलर्जी होती है। इसे मौसमी एलर्जी कहते हैं। ये मौसमी एलर्जी आपके दिमाग पर भी दुष्प्रबाव डाल सकती है। हाल ही में हुए एक शोध में ये निष्कर्ष निकाला गया है कि तेज बुखार जैसी मौसमी बीमारियां और एलर्जी दिमाग की प्रतिरोधक कोशिकाओं के साथ-साथ तंत्रिका तंत्र के ऊतकों को काफी धीमा कर देती हैं।
ड्ब्लूएचओ रिपोर्ट के अनुसार पूरी दुनिया में 10 से 30 प्रतिशत लोग मौसमी एलर्जी या बुखार से पीड़ित होते हैं। इस एलर्जी में सूखी खांसी के साथ आने वाले बुखार और कफ शामिल है जिसमें तेज खांसी, लाल आंखें, छीकें, सांस लेने में काफी तकलीफ होती है।
क्या होता है?
दरअसल ये एलर्जिक रिएक्शन विशेष मौसम के दौरान बहुत ज्यादा एक्साइट हो जाता है जिससे विशेष मौसम के दौरान तन्त्रिका कोशिकाओं में वृद्धि होती है और यह शरीर का वही भाग है जो नई स्मृतियों को दिमाग में बनाने के लिए जिम्मेदार होता है। मौसमी एलर्जी के वजह से ये तंत्रिका कोशिकाएं प्रभावित होती हैं जिससे स्मृतियों में भी कई सारे बदलाव होते हैं। ये रिसर्च जनरल फ्रंटियर्स इन सेल्लुलर न्यूसरोसाइंस में प्रकाशित हुई है।
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