कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए वैज्ञानिक बना रहे च्युइंग गम, जानें वायरस को फैलने से कैसे रोकेगा ये

अमेरिकी वैज्ञानिक कोरोनावायरस संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए एक च्यूइंग गम को विकसित कर रहे हैं, जानें इसके बारे में।
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कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए वैज्ञानिक बना रहे च्युइंग गम, जानें वायरस को फैलने से कैसे रोकेगा ये

दुनियाभर में कोरोना वायरस के नए वैरिएंट ओमिक्रोन के बढ़ते संक्रमण की वजह से वैज्ञानिकों और हेल्थ एक्सपर्ट्स की चिंता बढ़ गयी है। ओमिक्रोन वैरिएंट के बढ़ते संक्रमण को लेकर दुनियाभर में तमाम शोध और अध्ययन किये जा रहे हैं। भारत में भी कोरोना के नए वैरिएंट के मामले लगातार मिल रहे हैं और यह माना जा रहा है कि अगर इस नए वैरिएंट ओमिक्रोन का संक्रमण तेजी से फैला तो यह भारत में संभावित तीसरी लहर का कारण भी हो सकता है। दुनियाभर में कोरोना संक्रमण के खिलाफ चल रहे शोध और इससे निपटने के लिए दवाओं की खोज के बीच ऐसी खबर आई है जो राहत भरी हो सकती है। अमेरिका में वैज्ञानिक एक ऐसा च्यूइंग गम (Chewing Gum) बना रहे हैं जो कोरोनावायरस (SARs-Cov2) के संक्रमण को कम कर सकता है। ऐसा दावा किया गया है कि पौधों के जरिए प्रोटीन से तैयार किये जाने वाले इस च्यूइंग गम को चबाने से कोरोना संक्रमण को रोकने में सहायता मिल सकती है। आइये विस्तार से जानते हैं इसके बारे में।

अमेरिकी वैज्ञानिक बना रहे कोरोना संक्रमण को रोकने वाला च्यूइंग गम (Scientists Developing Chewing Gum To Reduce Covid 19 Transmission)

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अमेरिकी वैज्ञानिक पौधों के प्रोटीन के इस्तेमाल से एक ऐसा च्यूइंग गम विकसित कर रहे हैं जिसको चबाने से आप कोरोना के संक्रमण को फैलने से रोक सकते हैं। रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका के पेन्सिलवेनिया विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक कोरोनावायरस संक्रमण के लिए जाल का काम करने वाला एक च्यूइंग गम बना रहे हैं जो संक्रमण को घटाने का काम कर सकता है और कोरोना संक्रमण से बचाव में आपकी मदद कर सकता है। वैज्ञानिकों के मुताबिक ऐसा देखा जा रहा है कि जिन लोगों ने कोरोना से बचाव के लिए वैक्सीन की दोनों डोज ले ली है उनमें भी कोरोना संक्रमण होने का खतरा रहता है। ऐसे में इस च्यूइंग गम के इस्तेमाल से आप कोरोना के संक्रमण को रोकने में कामयाब हो सकते हैं। अमेरिका स्थित पेन्सिलवेनिया विश्वविद्यालय के शोधकर्ता हेनरी डेनियल के मुताबिक, "कोरोना संक्रमण (SARs-Cov2) हमारे लार की ग्रंथियों में अपनी प्रतिकृति बनाता है और जब कोई व्यक्ति छींकता है या खांसता है तो यह दूसरों में भी पहुंच सकता है। यह च्यूइंग गम लार में वायरस के वायरल लोड को कम करने का काम करता है।" इस तरह से ये च्यूइंग गम खांसने, छींकने और बोलने पर संक्रमण के फैलने के खतरे को का कर सकता है।

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पौधों के प्रोटीन के इस्तेमाल से बनाया जायेगा च्यूइंग गम 

कोरोना वायरस महामारी से पहले पेन्सिलवेनिया विश्वविद्यालय के शोधकर्ता हेनरी डेनियल और उनके सहयोगी हाई ब्लड प्रेशर की समस्या के लिए एक प्रोटीन हॉर्मोन के बारे में अध्ययन कर रहे थे। इस दौरान उन्होनें लैब में एसीई2 प्रोटीन (ACE2) समेत कई दूसरे प्रोटीन भी विकसित किये जिनका इस्तेमाल बीमारियों के इलाज के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। इस प्रोटीन को बनाने के लिए उन्होनें पौधों का इस्तेमाल किया था। अब रिसर्च के दौरान यह पाया गया है कि एसीई2 का इंजेक्शन कोरोना वायरस से संक्रमित गंभीर संक्रमण वाले मरीजों में वायरल लोड को कम कर सकता है। इसका परीक्षण करने के लिए शोधकर्ताओं की टीम ने पौधों में एसीई2 प्रोटीन तैयार किया और इसके बाद उसे च्यूइंग गम के रूप में परिवर्तित किया। हेनरी डेनियल ने बताया कि इंसान की कोशिकाओं पर ACE2 के लिए रिसेप्टर SARS-CoV-2 के स्पाइक प्रोटीन को बांधने का काम करता है। इससे पहले किये गए शोध से पता चला है कि ACE2 के इंजेक्शन गंभीर संक्रमण वाले लोगों में वायरल लोड को कम कर सकते हैं।

ओमिक्रोन वैरिएंट को माना जा रहा है अधिक संक्रामक 

दुनियाभर के 30 से अधिक देशों में ओमिक्रोन वैरिएंट का संक्रमण पहुंच चुका है। भारत में भी ओमिक्रोन के 23 मामले दर्ज किये गए हैं। वैज्ञानिकों और हेल्थ एक्सपर्ट्स का मानना है कि यह वैरिएंट पहले की तुलना में अधिक संक्रामक है। ओमिक्रोन वैरिएंट के स्पाइक प्रोटीन के जीन में 30 से ज्यादा म्यूटेशन हुए हैं जिससे इसकी संक्रमण क्षमता अधिक बताई जा रही है। दुनियाभर में इसके संक्रमण से बचाव के लिए नए नियम बनाए जा रहे हैं। कुछ देशों में हाई रिस्क वाले देशों से आने वाली अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। वहीं भारत में कंट्री एट रिस्क वाले देशों से आने वाले यात्रियों की कड़ी निगरानी की जा रही है। एअरपोर्ट पर उनकी कोरोना जांच के बाद उन्हें आइसोलेशन में भी भेजा जा रहा है।

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