सर्दियों में सिर की स्किन काफी ज्यादा ड्राई और शुष्क होने लगती है, जिसमें कई तरह की बीमारियां होने का खतरा रहता है। सिर की स्किन यानि स्कैल्प का स्वस्थ रहना हमारे बालों की ग्रोथ और मजबूत बाल के लिए बहुत ही जरूरी होता है। ऐसे में अगर सिर की स्किन पर किसी तरह की परेशानी होने लगे, तो इससे आपके बाल भी कमजोर और बेजान हो सकते हैं। इसलिए कोशिश करें कि स्कैल्प को स्वस्थ रखें। सिर की स्किन पर कई तरह की बीमारी जैसे- डैंड्रफ, स्कैल्प रिंगवर्म, एक्जिमा, सेबोरिक डर्माइटिस, स्कैल्प सोरायसिस हो सकती हैं। आज हम इस लेख में सिर की त्वचा के रोग के बारे में विस्तार से जानेंगे।
सिर की त्वचा के रोग ( Head Skin Disease )
स्कैल्प पर कई तरह के रोग जैसे- एक्जिमा, सेबोरिक डर्माइटिस, डैंड्रफ, स्कैल्प रिंगवर्म इत्यादि हो सकते हैं। आइए विस्तार से जानते हैं इस समस्या के बारे में-
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1. डैंड्रफ ( Dandruff )
सर्दियों में सिर की त्वचा पर डैंड्रफ की परेशानी काफी आम है। दरअसल, इस सीजन में सिर में तेल रहने से सिर की त्वचा काफी चिपचिपी हो जाती है, जिसकी वजह से स्किन पर गंदगी जमा होने लगती हैं। धीरे-धीरे सिर की त्वचा पर यह गंदगी डैंड्रफ को बढ़ावा देने लगती है। इसकी वजह से आपके बाल काफी ज्यादा टूट सकते हैं। इतना ही नहीं, कुछ लोगों ऑयली खाना काफी ज्यादा खाते हैं, जिसकी वजह से भी उन्हें डैंड्रफ की परेशानी होने लगती है। स्कैल्प पर डैंड्रफ होने से बालों में काफी ज्यादा खुजली होती है। साथ ही इससे आपके बाल काफी ज्यादा टूटने लगते हैं।
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2. सेबोरिक डर्माइटिस (seborrheic dermatitis)
सिर की त्वचा पर सेबोरिक डर्माइटिस होता है। यह आमतौर पर सिर की स्किन की त्वचा को काफी प्रभावित करता है। इसकी वजह से सिर में लाल या भूरे रंग के चकत्ते बनने लगते हैं। जिसकी वजह से आपके सिर में खुजली की शिकायत हो सकती है। बहुत अधिक सिर को खुजलाने से स्कैल्प को कई तरह के नुकसान जैसे- खुलजी, जलन, रैशेज हो सकते हैं। साथ ही इससे आपके बाल कमजोर भी हो सकते हैं।
3. लिचेन प्लेनोपाइलेरिस (Lichen Planus)
सिर की त्वचा पर यह समस्या काफी आम होती है। खासतौर पर महिलाओं को लिचेन प्लेनोपाइलेरिस की परेशानी काफी ज्यादा होती है। इस समस्या से पीड़ित व्यक्ति के सिर में काफी ज्यादा खराश सी बन जाती है। इसकी वजह से आपके बाल काफी ज्यादा गुच्छों में गिरने लगते हैं। इसके लक्षण भले ही आपको डैंड्रफ जैसे लगे, लेकिन यह परेशानी डैंड्रफ की दवाओं से दूर नहीं हो सकते हैं। बल्कि इसके लिए आपको डॉक्टर से सही परामर्श की आवश्यकता होती है।
4. सिर में जूएं (Head Lice)
बच्चों को सिर में जुएं होना काफी आम बात है। क्योंकि वह कई ऐसी गतिविधि जैसे- अन्य बच्चों के साथ खेलान, कंघी और टोपी जैसी चीजों को शेयर करना करते हैं। ऐसे में उन्हें जुएं की समस्या हो सकती है। सिर में जब जुएं हो जाते हैं, तो यह बच्चों के सिर से रक्त को अवशोषित कर सकते हैं। साथ ही एक माथा जुएं कई अंडे को जन्म देती है, जिससे आपके या फिर आपके बच्चे के सिर में काफी ज्यादा जुएं हो सकते हैं। हालांकि, यह किसी गंभीर समस्या का कारण नहीं बनते हैं। लेकिन इसकी वजह से सिर में काफी ज्यादा खुजली होती है, जिसके कारण सिर की त्वचा पर रैशेज और लालिमा की शिकायत हो सकती है।
5. रिंगवॉर्म ( Ringworm )
शरीर के अन्य हिस्सों की तरह स्कैल्प पर भी रिंगवॉर्म की समस्या हो सकती है। यह संक्रमण की वजह से होता है, जो सिर की त्वचा पर गोल, पपड़ीदार, लाल चकत्ते और बालों के झड़ने के धब्बे छोड़ सकता है। सिर की त्वचा पर दाद 3 से 7 साल की उम्र के बच्चों में काफी आम है, लेकिन यह वयस्कों को भी प्रभावित कर सकता है। यह समस्या आमतौर पर टोपी, कपड़े, तौलिये और कंघी शेयर करने से हो सकता है। कुछ मामलों में पालतू जानवरों के साथ ज्यादा खेलने से भी इस तरह की समस्या हो सकती है।
6. फॉलिकुलिटिस ( Folliculitis )
फॉलिकुलिटिस वह समस्या है, जिसमें आपके स्किन की त्वचा पर सूजन या संक्रमण हो सकता है। यह सिर के पोर्स में होने वाली समस्या है। आमतौर पर बैक्टीरिया (आमतौर पर स्टेफिलोकोकस) के कारण यह परेशानी होती है। शेविंग, मेकअप या कपड़ों से भी रोमछिद्रों में बैक्टीरिया प्रवेश कर सकता है, जिसकी वजह से आपके रोमछिद्रों में जलन हो सकती है। कुछ लोगों को हॉट टब में नहाने से भी फॉलिकुलिटिस हो सकता है।
7. सोरायसिस (Psoriasis)
सोरायसिस की समस्या स्किन पर कहीं भी हो सकती है। कई लोगों को स्कैल्प पर भी यह परेशानी होती है। यह स्किन पर नई त्वचा कोशिकाओं का अधिक निर्माण की वजह से बनता है। इसकी वजह से सिर की त्वचा पर पपड़ीदार, खुलजी, रैशेज और लालिमा जैसे लक्षण दिखते हैं। अगर स्किन पर सोरायसिस की परेशानी होती है, तो इसका इलाज स्टेरॉयड क्रीम या मलहम से किया जा सतता है। लेकिन सिर की त्वचा पर सोरायसिस की परेशानी होने पर सैलिसिलिक एसिड वाले शैंपू भी मददगार साबित होते हैं। इसके अलावा डॉक्टर आपको कुछ दवाइयां और इंजेक्शन भी दे सकते हैं।
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सिर की त्वचा के रोग से कैसे करें बचाव (Scalp Disease Prevention)
सिर की त्वचा पर कई तरह की परेशानियां हो सकती हैं। इस परेशानियां का कारण हमारी खराब लाइफस्टाइल है। ऐसे में आप स्कैल्प की परेशानियों को रोकना या फिर कम करना चाहते हैं, तो कुछ आसान से उपायों को फॉलो कर सकते हैं। आइए जानते हैं इन उपायों के बारे में-
- बालों में हेयर ड्रायर का सीमित मात्रा में इस्तेमाल करें। अगर आप ज्यादा हेयर ड्रायर यूज करते हैं, तो इससे आपके सिर के स्कैल्प को नुकसान पहुंच सकता है।
- बालों पर कभी भी ज्यादा गर्म पानी का इस्तेमाल न करें। कोशिश करें कि हमेशा गुनगुना या फिर ठंडे पानी से बाल धोएं। ज्यादा गर्म पानी के इस्तेमाल से आपके बालों की नमी खराब हो सकती है। साथ ही स्कैल्प को इससे नुकसान पहुंचता है, जिससे डैंड्रफ और अन्य तरह की परेशानी होने का खतरा रहता है।
- सप्ताह में दो बार बाल धोएं। ज्यादा बाल सोने से आपको स्कैल्प की नमी कम हो सकती है। जिससे बालों में रुखापन बढ़ सकता है।
- बालों को हाइड्रेट रखें। इसके लिए बालों को धोने से पहले अच्छे से तेल की मालिश करें।
- हमेशा अपनी ही कंघी और ब्रश का उपयोग करें। कभी भी दूसरों के साथ कंघी और ब्रश को शेयर न करें।
- केमिकल युक्त उत्पादों का इस्तेमाल बालों में न करें। इससे आपके बाल और स्कैल्प पर बुरा असर पड़ सकता है।
स्कैल्प पर कई तरह की परेशानियां हो सकती हैं। इन परेशानियों से बचने के लिए हमेशा अपने बालों को धोएं। गंदगी जमा न होने दें। साथ ही अगर आपकी परेशानी काफी ज्यादा बढ़ रही है, तो डॉक्टर या फिर हेयर एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें।