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नहाने के दौरान अपनाएं आयुर्वेद में बताए गए ये 5 नियम, दिनभर रहेंगे एक्टिव और एनर्जेटिक

Bathing Tips As Per Ayurveda: आयुर्वेद में नहाने के लिए नियम बताए गए हैं, जो दिन भर एनर्जेटिक रहने में मदद कर सकते हैं। आइये जानें इनके बारे में।   
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नहाने के दौरान अपनाएं आयुर्वेद में बताए गए ये 5 नियम, दिनभर रहेंगे एक्टिव और एनर्जेटिक

What Does Ayurveda Say About Bathing: अपने शरीर की सफाई करना दिनचर्या का अहम हिस्सा माना जाता है। इससे न सिर्फ इंफेक्शन और बीमारियों का खतरा कम होता है, बल्कि शरीर एनर्जेटिक भी बना रहता है। लेकिन कुछ लोगों को नहाने के बाद भी थकावट और सुस्ती महसूस होती है। इस समस्या का समाधान आयुर्वेद में कुछ नियमों द्वारा बताया गया है। जिस तरह सेहत के लिए खाने का सही तरीका होना जरूरी है, उसी तरह नहाने का सही तरीका होना भी जरूरी है। इस बात को विस्तार से समझाते हुए एमिल हेल्थ केयर की डायरेक्टर और आयुर्वेदिक एक्सपर्ट डॉ निकिता कोहली ने अपने इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट शेयर किया है। आइये इस लेख के माध्यम से जाने आयुर्वेद में बताए गए नहाने के नियम। 

right way to bath

आयुर्वेद के अनुसार नहाने के नियम- Rules of Bathing As Per Ayurveda

दिन में दो बार नहाएं

आयुर्वेद के अनुसार दिन में दो बार नहाना फायदेमंद माना जाता है। पहला, सुबह सूरज निकलने से पहले जिससे शरीर को एक्टिव रहने में मिलती है। इस स्नान के बाद रात भर की थकावट और सुस्ती से राहत मिलती है। दूसरा, जब सूरज निकलने के दौरान। इस दौरान गुनगुने पानी से नहाना फायदेमंद माना जाता है। इस स्नान के बाद तनाव से राहत मिलती है और मसल्स और नर्व को रिलैक्स होने में मदद मिलती है। 

पर्याप्त मात्रा में पानी इस्तेमाल करें

कुछ लोग कम पानी से नहाना पसंद करते हैं लेकिन आयुर्वेद में गज स्नान करने की सलाह दी जाती है। यानी आपको अपने शरीर को साफ करने के लिए पर्याप्त पानी का इस्तेमाल करना चाहिए। इससे बॉडी को रिलैक्स होने और ज्यादा एक्टिव रहने में मदद मिलती है। 

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नहाने से पहले तेल से मसाज करें

नहाने से पहले तेल मसाज करना आयुर्वेद में फायदेमंद माना जाता है। इसके लिए तिल का तेल या नारियल तेल इस्तेमाल करना असरदार माना जाता है। तेल मसाज के बाद साबुन की जगह हर्बल पाउडर से नहाना ज्यादा बेहतर हो सकता है। 

हर्बल पाउडर तैयार करने के लिए आप मूंग दाल, हल्दी, गुलाब की पंखुड़ियों का पाउडर, चंदन पाउडर और नीम की पत्तियों के पाउडर को बराबर मात्रा में मिलाकर नहाने के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं। 

पानी के तापमान का ध्यान रखें

नहाने के लिए पानी का तापमान भी ठीक होना मान्य रखता है। आयुर्वेद के अनुसार नहाने के लिए गुनगुने पानी का इस्तेमाल करना फायदेमंद होता है। लेकिन ध्यान रखें कि गुनगुने पानी का इस्तेमाल आप बालों या चेहरा पर न करें। क्योंकि इससे त्वचा और बालों को नुकसान हो सकता है। अपने चेहरे और बालों के लिए सादे पानी का इस्तेमाल करें। 

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खाने के तुरंत बाद न नहाएं

कुछ लोगों को खाने के बाद नहाने की आदत आदत होती है, खासकर जिन लोगों को घर से काम करना पड़ता हैं। लेकिन खाने के तुरंत बाद नहाना आयुर्वेद में भी नुकसानदायक माना जाता है। दरअसल, नहाने के बाद शरीर ठंडा हो जाता है। ऐसे में खाने के तुरंत बाद नहाने से पाचन क्रिया धीमी हो सकती है। 

आयुर्वेद में बताई इन टिप्स के जरिए आप दिन भर एक्टिव रह सकते हैं। अगर आपको यह लेख पसंद आया हो, तो इसे शेयर करना न भूले। 

 

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