युवा महिलाओं में गर्भाशय के कैंसर का खतरा

आधुनिक जीवनशैली के कारण युवा महिलाओं में ओवेरियन कैंसर के मामलों में बढ़ोतरी हो रही है, दुनियाभर में हर वर्ष लगभग दो लाख महिलायें इस रोग के कारण अपनी जान गंवाती हैं।
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युवा महिलाओं में गर्भाशय के कैंसर का खतरा

आधुनिक जीवनशैली के कारण युवा महिलाओं में ओवेरियन कैंसर यानी गर्भाशय कैंसर के मामलों में बढ़ोत्तरी हो रही है। गर्भाशय कैंसर की समस्‍या विकासशील देशों में लगातार बढ़ रही है।

Risk of Ovarian Cancerगर्भाशय कैंसर, सर्विक्स, यानी गर्भाशय के प्रवेश द्वार पर स्थित होता है जो विषाणु के संक्रमण को गर्भाशय में पहुंचने से रोकता है। यह कैंसर वंशानुगत नहीं होता। गर्भाशय कैंसर ह्यूमन पैपिलोमेवायरस (एचपीवी) विषाणु के संक्रमण द्वारा होता है जो सर्विक्स को संक्रमित करता है। यह सामान्य विषाणु है तथा जननांग के संपर्क से संचरित होता है। इस विषाणु संक्रमण की रोकथाम अब टीकाकरण द्वारा संभव है।


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कुछ आंकड़ें

एक अनुमान के मुताबिक विकासशील देशों में करीबन 85 प्रतिशत महिलाओं को गर्भाशय के कैंसर का खतरा होता है और गर्भाशय के कैंसर के कारण प्रतिवर्ष लगभग 2 लाख से अधिक महिलाओं की मृत्यु होती है। विकासशील देशों में गर्भाशय कैंसर मृत्यु का एक प्रमुख कारण है। कोई महिला यदि कंट्रासेप्टिव पिल्‍स के साथ पंप जांच नियमित रूप से करवा रही हो, तो उसके गर्भाशय के कैंसर में सुधार आने की संभावना होती है। दुनियाभर की महिलाओं के लिए गर्भाशय का कैंसर, कैंसर से संबंधित एक महत्वपूर्ण बीमारी है और अविकसित देशों में महिलाओं की मृत्यु का यह एक प्रमुख कारण है।

युवा महिलायें और गर्भाशय कैंसर

युवा महिलाओं में गर्भाशय कैंसर का खतरा बढ़ रहा है। इसका प्रमुख कारण है कम उम्र की महिलाओं में एचपीवी विषाणु संक्रमण के खतरे की अधिकतम संभावना होती है जो भविष्य में उन्हें गर्भाशय कैंसर की ओर ले जा सकता है। हालांकि, सभी महिलाओं में ओवेरियन कैंसर का खतरा किसी भी उम्र में हो सकता है। इसलिए, बेहतर यह है कि लड़कियों को समय रहते इससे बचाएं।

 

रात की शिफ्ट में काम करना

रात में काम करने वाली युवा महिलाओं में गर्भाशय कैंसर का खतरा बढ़ा है। अमेरिकी अनुसंधानकर्ताओं ने इस पर शोध किया। शोध में पाया गया कि रात की शिफ्ट में काम करने वाली महिलाओं में दिन में काम करने वाली महिलाओं की तुलना में कैंसर का खतरा 49 प्रतिशत तक बढ़ जाता है। अनुसंधानकर्ताओं का कहना है कि नींद के लिए जिम्‍मेदार हार्मोन मिलेटोनिन में गड़बड़ी इसका कारण हो सकता है।

इंटरनेशनल एजेंसी फॉर कैंसर रिसर्च ने भी इस बात को माना है कि शिफ्ट में काम करने से शरीर की सामान्य प्रणाली गड़बड़ा जाती है और ये कैंसर की वजह हो सकती है। ये शोध 25 साल से 40 साल की महिलाओं पर किया गया जो रात के शिफ्ट में काम कर रही थीं।

धूम्रपान के कारण

युवा महिलाओं में धूम्रपान करने की ललक बढ़ रही है, जो ओवेरियन कैंसर कारण भी है। धूम्रपान और ओवेरियन कैंसर से संबंध को लेकर ऑक्‍सफोर्ड यूनिवर्सिटी ने एक शोध भी किया। आक्सफोर्ड यूनिविर्सटी द्वारा स्थापित कोलेबोरेटिव ग्रुप आन एवीड़ोलोजिकल स्टडीज ऑफ ओवेरियन कैंसर ने इस पर शोध किया। शोध के अुनसार धूम्रमान की वजह से महिलाओं में एक विशेष प्रकार के ओवेरियन कैंसर म्यूसिनायड ट्यूमर से सीधा-सीधा संबंध है। इसके कारण महिलाओं में होने वाले ओवेरियन कैंसर में 15 प्रतिशत मामले म्यूसिनायड ट्यूमर के ही हैं।



कंट्रासेप्टिव पिल्‍स, अस्‍वस्‍थ खानपान भी युवा महिलाओं में गर्भाशय कैंसर के खतरे को बढ़ाते हैं। ग्रीन टी पीने, फल और सब्जियों के सेवन, रोज एक्सरसाइज से इसकी संभावना को कम किया जा सकता है।

 

 

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