आयुर्वेद के अनुसार किस तरह के बर्तन में पानी भरकर पीने से मिलेंगे ज्यादा फायदे, जानें एक्सपर्ट से

आयुर्वेद के अनुसार कुछ खास तरह के बर्तन में भरकर पानी रखने और पीने से सेहत को ढेर सारे फायदे मिलते हैं। एक्सपर्ट से जानें कैसा पानी पीना चाहिए आपको।
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आयुर्वेद के अनुसार किस तरह के बर्तन में पानी भरकर पीने से मिलेंगे ज्यादा फायदे, जानें एक्सपर्ट से

आमतौर पर हम मानते हैं कि पानी हमारी सेहत को नहीं प्रभावित करता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि पानी में भी कुछ पोषक तत्व मौजूद होते हैं, जो इसे स्टोर करके रखने वाले बर्तन के कारण आते हैं। यही कारण है कि मिट्टी के घड़े, कॉपर (तांबे) के बर्तन, चांद के बर्तन, कांच की ग्लास आदि में रखा पानी पीना सेहत के लिए हेल्दी माना जाता है। यानी पानी किस बर्तन में स्टोर करके रखा गया है, इसका भी प्रभाव आपके सेहत पर पड़ता है। आप वैसे तो पानी को अपनी मर्जी अनुसार स्टोर करके रख सकते हैं। लेकिन आज हम आयुर्वेद द्वारा सुझाया गया पानी स्टोर करने का तरीका बताने वाले हैं। जिससे आपको बहुत अधिक लाभ मिल सकते है। जीवा आयुर्वेद से निदेशक, डॉ प्रताप चौहान, के मुताबिक पानी शरीर के लिए रासायनिक ऊर्जा का स्रोत है। जो शरीर में प्लाज्मा, साइटोप्लाज्म, सीरम, लार, नाक स्राव, सेरिब्रोस्पाइनल द्रव, मूत्र और पसीने के रूप में मौजूद होता है। यही नहीं पानी सभी पोषक तत्वों के अवशोषण और जीवन को बनाए रखने के लिए भी आवश्यक है। इसके बिना हमारी कोशिकाएं जीवित नहीं रहेंगी। इसलिए पानी को सही तरह से स्टोर करना भी जरूरी है। उनके अनुसार पानी को स्टोर करने के लिए मिट्टी या कॉपर से बने मटके का प्रयोग किया जाना चाहिए।

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मिट्टी से बने मटके का पानी पीने से मिलते हैं कई फायदे

हम जो भी खाना खाते हैं वह शरीर में जाकर एसिडिक हो जाता है और टॉक्सिन उत्पन्न करने लगता है। मिट्टी जबकि एल्कलाइन प्रकृति की होती है। वह जब इस एसिडिक फूड के साथ मिलती है तो उसकी वजह से शरीर में पीएच बैलेंस बनता है। जिसकी वजह से शरीर में एसिडिटी और गैस्ट्रिक संबंधित परेशानियां नहीं होती। यही नहीं मिट्टी के मटके में बहुत सारे छेद होते हैं जो पानी को काफी लंबे समय तक ठंडा और ताजा रखने में मदद करते हैं। इससे आपकी स्किन की समस्याएं दूर होती हैं। मिट्टी के घड़े में रखे गए पानी को पीने से किसी तरह के केमिकल्स शरीर में नहीं जाते हैं। जिससे आपके शरीर का मेटाबॉलिज्म अच्छा रहता है। इस मौसम में मटके का पानी पीना बेस्ट रहता है। क्योंकि इसका तापमान हमारे शरीर के लिए एकदम आदर्श होता है और आपके गले को नुकसान भी नहीं पहुंचाता। अगर आप पहली बार मिट्टी के मटके का प्रयोग कर रहे हैं तो पहले एक घंटे के लिए घड़े को पानी में धो कर रख दें। इस बर्तन को धोने के लिए नींबू और गर्म पानी का प्रयोग करें।

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कॉपर (तांबे) के बर्तन का पानी पीना भी होता है फायदेमंद

कॉपर एक एंटीऑक्सीडेंट युक्त तत्व होता है और यह आपके शरीर को फ्री रेडिकल्स से होने वाले नुकसान से बचाता है। फ्री रेडिकल्स के कारण आपको कैंसर का खतरा हो सकता है। कॉपर आपको UVA जैसी हानिकारक कारणों से भी बचाता है और आपकी स्किन को भी बेहतर रखने में मदद करता है। अगर आपका ब्लड प्रेशर अधिक रहता है तो आप कॉपर के बर्तन में पानी स्टोर करके पी सकते हैं। इससे आपके बीपी को नियंत्रित होने में मदद मिलती है।

कॉपर आपका वजन कम करने में भी लाभदायक होता है। क्योंकि यह आपके शरीर में मौजूद अधिक फैट को डिसॉल्व कर देता है। लेकिन अधिक कॉपर के कारण कुछ नुकसान भी हो सकते हैं। अगर आपको ब्लीडिंग डिसऑर्डर है तो कॉपर का प्रयोग न करें। आयुर्वेद के मुताबिक आपको रसोई में कॉपर के केवल गोल बर्तनों को ही रखना चाहिए।

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पीने वाले पानी का तापमान कितना होना चाहिए?

आपको केवल रूम तापमान पर ही पानी का सेवन करना चाहिए और अगर आप मिट्टी के मटके का पानी पीते हैं तो आपको कभी फ्रिज के पानी की जरूरत ही महसूस नहीं होगी। न ही यह आपको गर्मी लगने देगा। इसलिए इन दोनों में से किसी एक तरीके का प्रयोग पानी को स्टोर करने के लिए जरूर करें। इससे आपकी हाइड्रेशन की मात्रा भी पूरी होती है।

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