
रयूमेटायड अर्थराइटिस जोड़ों से संबंधित बीमारी है जो एक बार होने के बाद पूरे शरीर को प्रभावित करती है। इस बीमारी का दर्द असहनीय होता है खासकर सर्दियों के समय और सुबह के वक्त।
इस बीमारी के लक्षण दिखाई दें तो तुरंत हड्डी रोग विशेषज्ञ से संपर्क करना चाहिए। हालांकि कुछ सावधानी बरतने से इस बीमारी का दर्द कम किया जा सकता है। यदि रात में सोने के दौरान अधिक दर्द हो तो गरम पानी के बैग से इसकी सिकांई करने से आराम मिलता है। नियमित व्यायाम करने से इस बीमारी से बचाव किया जा सकता है। आइए हम आपको इस बीमारी के उपचार के बारे में बताते हैं।
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रयूमेटाइड अर्थराइटिस का निदान
हालांकि रयूमेटाइड अर्थराइटिस के लक्षण के आधार पर इसका निदान किया जाता है। इसके निदान के लिए चिकित्सक आपसे पूरी जानकारी ले सकता है। यदि आपके परिवार में किसी को भी यह बीमारी है तो उस आधार पर रयूमेटाइड अर्थराइटिस का निदान किया जायेगा। इसके निदान के लिए खून का नमूना जांच कि लिए भी भेजा जा सकता है।
इसमें एक असामान्य प्रतीरक्षी यानी इम्यून पर्दाथ जिसे रयूमेटाइड फैक्टर कहते हैं, यह 70-80 प्रतिशत रयूमेटाइड आर्थराइटिस से ग्रस्त लोगों में पाया जाता है। लेकिन यह जरूरी नहीं कि अगर आपके खून में इसके फैक्टर मौजूद हैं तो यह बीमारी आपको है। ऐसे बहुत से लोग हैं जिनमें इस फैक्टर के होने के बाद भी उनमें रयूमेटाइड आर्थराइटिस नही है। एन्टी साइकलिक सिट्रूलिनेटिड प्रोटीन जैसे इम्यूनिटी पदार्थ की मौजूदगी इस बीमारी का सूचक है। इसके निदान के लिए गुर्दे की भी जांच की जा सकती है।
रयूमेटाइड अर्थराइटिस का उपचार
घरेलू नुस्खों द्वारा
घरेलू नुस्खों को आजमाकर भी रयूमेटाइड अर्थराइटिस का उपचार किया जा सकता है। अधिक दर्द हो तो आप सन बॉथ ले सकते हैं। 5 से 10 ग्राम मेथी के दानों का चूर्ण बना कर सुबह पानी के साथ लें। 4 से 5 लहसुन की कलियों को एक पाव दूध में डाल कर उबाल कर पीने से आराम मिलता है। लहसुन के रस को कपूर में मिला कर मालिश करने से दर्द में आराम मिलता है। लाल तेल से मालिश करना भी आरामदायक होता है। गर्म दूध में हल्दी मिला कर दिन में दो से तीन बार पीने से फायदा होता है।
खानपान के जरिए
रयूमेटाइड अर्थराइटिस की समस्या हो तो अपने खानपान पर विशेष ध्यान दीजिए। अपने आहार में 25 प्रतिशत फल व सब्जियों को शामिल कीजिए। फलों में संतरे, मौसमी, केले, सेब, नाश्पाती, नारियल, तरबूज और खरबूज शामिल कीजिए। हरी और ताजी सब्जियों का सेवन कीजिए, सब्जियों में मूली, गाजर, मेथी, खीरा, ककड़ी आदि शामिल कीजिए। चोकरयुक्त आटे का प्रयोग करें क्योंकि इसमें फाइबर अधिक मात्रा में होता है।
दवायें भी लें
कुछ दवाए रयूमेटाइड आर्थराइटिस के दर्द से राहत दिला सकती हैं। अधिक दर्द और सूजन हो तो आप चिकित्सक की सलाह से इन दवाओं का प्रयोग कर सकते हैं। चिकित्सक आपको नॉन स्टाराइडल एंटी इनफ्लेमेटरी दवायें खाने की सलाह दे सकता है। लेकिन इन दवाओं का साइड इफेक्ट भी हो सकता है जिसके कारण पेट में गडबडी, अल्सर, किडनी के काम करने कि क्षमता में कमी और एलर्जी की समस्या हो सकती है।
सावधानियां भी बरतें
इन दवाओं का प्रयोग करने के बाद चिकित्सक डिजीज मोडिफाइंग एन्टी रयूमेटिक दवा रिमिट्रीव थेरपी की सलाह दे सकते हैं। विशेषज्ञ कहते हैं कि रयूमेटाइड आर्थराइटिस के निदान के तुरन्त बाद ही डीएमआरडी शुरू कर देना चाहिए ताकि जोड़ों का नुकसान कम हो सके।
इस बीमारी के दर्द को कम करने के लिए खानपान और दवाओं के अलावा नियमित व्यायाम को अपनी दिनचर्या में शामिल कीजिए। कुछ योगासन भी इसके दर्द से राहत दिलाने में मदद कर सकते हैं।
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