बेचैनी (Restlessness) एक ऐसी स्थिति होती है, जिसमें व्यक्ति असामान्य महसूस करता है। ये समस्या ज्यादा कैफीन के सेवन से, चिंता से, कुछ सप्लीमेंट्स लेने से या तंत्रिका संबंधित स्थितियों के कार्य में रुकावट आने से पैदा हो सकती है। यह एक ऐसी प्रक्रिया होती है जो शारीरिक और मानसिक दोनों के तनाव का कारण बन सकती है। ऐसे में न केवल दिल की गति तेज होती है बल्कि सांसे तेज चलने लगती हैं और व्यक्ति ठीक से ध्यान केंद्रित नहीं कर पाता है और उसके रोजमर्रा के कार्यों पर भी प्रभाव पड़ता है। आज हम आपको इस लेख के माध्यम से बेचैनी के लक्षण, कारण और बचाव के उपाय बताएंगे।
बेचैनी के कारण (causes of restlessness)
बेचैनी के मुख्य कारणों की बात की जाए तो मनोवैज्ञानिक कारण या शारीरिक परिस्थिति के कारण इस प्रकार की स्थिति पैदा होती है। जानते हैं इस के निम्न कारण-
1 - ओसीडी यानी ऑब्सेसिव कंपल्सिव डिसऑर्डर के कारण बेचैनी पैदा हो सकती है।
2 - इसके अलावा पोस्ट ट्रॉमा स्ट्रेस भी बेचैनी का एक कारण है।
3 - घबराहट के कारण व्यक्ति जल्दी बेचैन हो जाता है।
4 - जो लोग स्लीप एपनिया यानी नींद से संबंधित विकार या अनिद्रा का शिकार हो जाते हैं वे भी जल्दी बेचैन होते हैं।
5 - नींद संबंधित विकार में रिस्टलेस लेग सिंड्रोम भी शामिल है। ये वह परिस्थिति होती है जिसमें व्यक्ति लगातार बेचैन रहता है। ऐसी परिस्थिति में व्यक्ति अपने पैरों को हिलाना, अपनी उंगलियों के पॉइंट्स को दबाना आदि चीजें करना शुरू कर देता है। इसके कारण शरीर में आईबीएस ईर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम की समस्या पैदा हो जाती है। ये लोग पैरों को इसलिए हिलाते हैं क्योंकि पैरों में खिंचाव महसूस करते हैं जो हिलाने पर सही होता है।
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6 - जब इंसान बोर होने लगता है तब भी आदमी को बेचैनी हो जाती है।
7 - एडीएचडी के कारण भी व्यक्ति जल्दी बेचैन हो जाता है।
8- जो व्यक्ति नशा करते हैं या ड्रग संबंधित चीजें लेते हैं उनके शरीर में दुष्प्रभाव नजर आते हैं जिसमें से बेचैनी भी एक लक्षण है।
9 - हाइपरथायरॉइडिज्म के कारण व्यक्ति जल्दी बेचैन हो जाता है।
बेचैनी के लक्षण (symptoms of restlessness)
बता दें कि बेचैनी में अक्सर लोग हिलना, मन में अशांति और असमानता महसूस करते हैं। उनके बारे में लगातार हिलने की इच्छा जगी रहती है और जब वे हिल नहीं पाती तो अपने हाथ पैरों में अलग से ऐंठन महसूस करते हैं। इससे अलग कुछ और भी लक्षण नजर आते हैं जो कि इस प्रकार है-
1 - शरीर में कंपनता
2 - दिल की धड़कनों का तेज हो जाना
3 - चिंता
4 - अनिद्रा का शिकार हो जाना
5 - किसी भी चीज में ध्यान लगा पाना
6 - हाथ या पैरों को थपथपाते रहना
7 - अतिसक्रियता
8 - खुद को मानसिक बीमार समझना
9- छोटी सी बात पर व्याकुल हो जाना।
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बेचैनी से बचाव prevention of restlessness
बेचैनी से निम्न तरीकों से बचाव किया जा सकता है-
1 - अपनी डाइट में ऐसे कॉन्प्लेक्स कार्बोहाइड्रेट को जोड़ें जो धीरे-धीरे पचते हों।
2 - दिन में सोने और रात को भी सोने जाने से पहले इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का उपयोग ना करें। साथ ही अपनी सोने और जागने के समय को निश्चित करें।
3 -नियमित रूप से व्यायाम करें और ज्यादा से ज्यादा प्राकृतिक प्रकाश के संपर्क में रहें।
4 - शराब का सेवन से बचें साथ ही नशे की लत से दूर रहें।
5- चाय, कॉफी या कोल्डड्रिंक के सेवन से बचें। खासकर कैफीन का सेवन सीमित मात्रा में करें।
नोट - अगर आपको ऊपर दिए लक्षण गंभीर रूप लेते नजर आएं तो डॉक्टर से जांच जरूर करवाएं। डॉक्टर डॉक्टर खून टेस्ट के माध्यम से, थायराइड फंक्शन टेस्ट, सीबीसी, सीटी स्कैन, एमआरआई, ईसीजी आदि की भी जांच करते हैं। यदि उन्हें कोई चिकित्सीय कारण समझ में नहीं आते हैं तो वे आपको मनोवैज्ञानिक के पास जाने की सलाह दे सकते हैं।
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