शोधकर्ताओं ने खोजा ब्राउन फैट सेल्स की मदद से फैट बर्न करने का नायाब तरीका, वजन घटाने में मिलेगी मदद

शोधकर्ताओं ने अब एक नए तरीके की पहचान की है, जिसके द्वारा ब्राउन फैट सेल्‍स एनर्जी बर्न कर सकती हैं। 
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शोधकर्ताओं ने खोजा ब्राउन फैट सेल्स की मदद से फैट बर्न करने का नायाब तरीका, वजन घटाने में मिलेगी मदद


जब हमारा शरीर ठंड या व्यायाम के संपर्क में होता है, तो हमारे शरीर में ब्राउन फैट सेल्‍स के छोटे समूह ऊर्जा को जलाने लगते हैं। लेकिन जोसलिन डायबिटीज सेंटर और अन्य संस्थानों के शोधकर्ताओं ने पाया कि फैट का यह सहायक रूप वयस्कों में सक्रिय हो सकता है, तो वैज्ञानिकों ने मोटापा, डायबिटीज और अन्य मेटाबॉलिज्‍म से जुड़ी स्थितियों के इलाज के लिए इन सेल्‍स से गर्मी को बढ़ाने की कोशिश की है। इस नए अध्ययन का नेतृत्व जोसेलिन की यू-हुआ त्सेंग, के पीएचडी की प्रयोगशाला में किया गया था, जो कि सीनियर इंवेस्टिगेटर सेक्‍शन ऑफ इंटीग्रेटिव फिजियोलॉजी और मेटाबॉलिज्म थे।

क्‍या कहती है रिसर्च? 

Brown Fat Cells

त्सेंग लैब में एक पोस्टडॉक्टोरल सहयोगी और एक नेचर कम्‍युनिकेशन के निष्कर्षों का वर्णन करने वाले एक लेखक, फ़र्नाज़ शम्सी के अनुसार, चूहों में किए गए नए प्रयोग से पता चला है कि ब्राउन या व्‍हाइट फैट सेल्‍स वसा को संचित करने के लिए कोशिकाओं को धक्का दिए बिना इन कोशिकाओं की गर्मी पैदा करने की क्षमता को बढ़ाती हैं। जिससे कि आपको फैट बर्न कर वजन घटाने में भी मदद मिलती है।  

ब्राउन फैट सेल्‍स से होगा फैट बर्न 

त्सेंग ने समझाया, जो हार्वर्ड मेडिकल स्कूल में मेडिसिन के एसोसिएट प्रोफेसर हैं कि रिसर्च UCP1 नामक एक प्रोटीन से शुरू हुई, जो कोशिका के पावरहाउस, माइटोकॉन्ड्रिया पर स्थित है। UCP1 को ब्राउन फैट सेल्‍स को सक्रिय करने में एक महत्वपूर्ण घटक के रूप में जाना जाता है। 

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रिसर्च टीम ने ब्राउन फैट की प्रीकर्सर सेल्‍स यानि पूववर्ती कोशिकाओं में UCP1 उत्पादन को बढ़ाने वाले कारकों की पहचान करने के लिए 5,000 से अधिक स्तनधारी प्रोटीनों की जांच की। स्क्रीन ने FGF6 और FGF9 नामक दो प्रोटीनों की पहचान की, यह "फाइब्रोब्लास्ट ग्रोथ फैक्टर" प्रोटीन के परिवार के सदस्य हैं, जो सेल विकास सहित विभिन्न जैविक प्रक्रियाओं को विनियमित करने में मदद कर सकते हैं।

Weight Loss

इसके बाद, शोधकर्ताओं ने चूहों के ब्राउन फैट सेल्‍स दो प्रोटीनों के स्तर को बढ़ाने और इस प्रकार UCP1 उत्पादन को बढ़ाने की कोशिश की। वैज्ञानिकों को उम्मीद थी कि ये कोशिकाएँ फैट और अन्य लिपिडों को जमा करना शुरू कर देंगी, और परिपक्व या मजबूत ब्राउन फैट सेल्‍स में विकसित होंगी - लेकिन आश्चर्यजनक रूप से ऐसा नहीं हुआ।

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जब जोसलिन के वैज्ञानिकों ने मानव फैट टिश्‍यू के नमूनों का विश्लेषण किया, तो उन्होंने इस रास्‍ते को पहचान लिया। उनके परिणामों के बीच, FGF9 और FGF3 (यह दोनों एफजीएफ 9 और एफजीएफ 6 दोनों सक्रिय होने वाले रिसेप्टर प्रोटीन) के स्तर मानव ब्राउन और व्‍हाइट फैट में UCP1 के उच्च स्तर से जुड़े थे। अधिक स्पष्ट रूप से, मानव व्‍हाइट फैट में FGFR3 की अभिव्यक्ति नकारात्मक रूप से व्यक्ति के बॉडी मास इंडेक्स (मोटापे का एक उपाय) और इंसुलिन प्रतिरोध के साथ जुड़ा है।

त्सेंग ने कहा, "यह बताता है कि अगर हम इस मार्ग को सक्रिय कर सकते हैं, तो हम संभावित रूप से मोटापे, डायबिटीज और मेटाबॉलिक डिजीज से पीड़ित लोगों को लाभान्वित कर सकते हैं। " 

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