मसाज करवाने से कम हो सकती हैं मानसिक बीमारियां, जानें डिप्रेशन में कैसे है ये फायदेमंद

जब आप शरीर की मालिश करवा रहे होते हैं, तो आपका शरीर आपके उन हार्मोन्स को रिलीज करता है, जो अवसाद और चिंता के लक्षणों में कमी लाते हैं।
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मसाज करवाने से कम हो सकती हैं मानसिक बीमारियां, जानें डिप्रेशन में कैसे है ये फायदेमंद


इस तनावपूर्ण जीवन में अवसाद एक आम बीमारी की तरह फैल रही है। कई मानसिक बीमारियों की बात करें, जिसमें अवसाद, चिंता और तनाव आदि शामिल हैं जो लगभग हर किसी को परेशान कर रही है। इन के मूल कारणों की बात करें तो इनमें एक कारण हार्मोनल डिसबैलेंस भी है। ये मस्तिष्क में कई परिस्थितियों को पैदा करती है, जिसके कारण लोग मानसिक और शारीरिक दोनों रूप से बीमार महसूस करते हैं। वहीं डॉक्टर डिप्रेशन जैसे मानसिक बीमारियों के लिए दवाइयों तो सुझाव देते हैं। लेकिन हाल ही में आए एक शोध से पता चलता है कि डिप्रेशन में मसाज काफी प्रभावी हो सकता है। हार्वे रिसर्च संस्थान जो कि व्यवहार से जुड़े विकारों पर शोध करती है, उन्होंने एक शोध में पाया है कि मसाज यानी कि मालिश से डिप्रशन में 50% की कमी आ सकती है। इस शोध में डॉ. सागर लवानिया, जो वहां मनोचिकित्सा विभाग के प्रमुख हैं और इस विषय पर रिसर्च कर रहे हैं, उनका मानना है कि नियमित मसाज थेरेपी लेने से चिंता और अवसाद जैसे मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों से निपटने में मदद मिल सकती है। हालांकि उनका ये भी कहना है कि तनाव और अवसाद से जुड़े ज्यादा गंभीर मामलों में ये प्रभावी रूप से काम नहीं कर सकता। आइए जानते हैं कि कैसे मसाज डिप्रेशन जैसी मानसिक बीमारियों से लड़ने में मदद करता है।

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मसाज से हैपी हार्मोन रिलीज होते हैं

मसाज करवाने से हैप्पी हार्मोन रिलीज होते हैं, जिससे किसी भी व्यक्ति का स्ट्रेस कम हो जाता है। इसके अलावा मालिश करने से एंडोर्फिन नामक हार्मोन निकलता है। ये व्यक्ति के मूड को ठीक करता है और शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार करने में मदद करता है। इसके साथ ही ये तनाव प्रबंधन में भी मदद करता है। वहीं अगर आम दिनों की भी बात करें, तो किसी भी तरह के मसाज से बॉडी रिलैक्स महसूस करता है और इससे शरीर में चल रही किसी भी तरह की हलचल शांत होने लगती है। 

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तनाव को कम करने में मदद करता है

न केवल मालिश एंडोर्फिन के रिलीज को उत्तेजित करते हैं, बल्कि कोर्टिसोल जो कि एक स्ट्रेस हार्मोन है उसमें भी कमी करते हैं। वहीं एक ऑस्ट्रेलियाई अध्ययन के अनुसार लगभग 30% लोगों में मसाज से होर्मोन के स्वास्थर्य में बदलाव होता है। इस तरह ये होर्मोन में हो रहे अच्छे बदलाव के कारण लोगों में मूड बदलने लगते हैं और वे धीरे-धीरे बेहतर महसूस करने लगते हैं। साथ ही मसाज से मांसपेशियों और जोड़ों में तनाव से भी राहत मिल जाती है।इससे ब्लड सर्कुलेशन में भी बेहतर होने लगता है, जिससे पूरा शरीर रिलैक्स हो जाता है।

अकेलेपन में कमी लाता है

अवसाद और चिंता के सबसे बुरे कारणों में से एक है अकेलापन। जब आप अकेला और अलग-थलग महसूस करते हैं तो धीरे-धीरे ये आपको दुखी करने लगती है। फिर यही दुख अगर लंब समय तक रह जाए तो ये मानसिक बीमारियों का कारण बन जाती हैं। पर जब आप नियमित रूप से मसाज लेते हैं तो ये आपके शरीर में ऑक्सीटोसिन को उत्तेजित कर सकती है, जो कि है लव हार्मोन के रूप में भी जाना जाता है। वहीं ये हार्मोन व्यक्ति के मानसिक सूख के लिए जरूरी है। वहीं कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय के एक अध्ययन के अनुसार जिन व्यक्तियों में ऑक्सीटोसिन की कमी होती है, उनमें मानसिक बीमारियों से पीड़ित होने की संभावना बढ़ने लगती है।

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ऊर्जावान महसूस करवाता है

मालिश के दौरान लगाया गया दबाव आपके लिंफेटिक सिस्टम के लिए अच्छा हो सकता है। इससे लिंफ्स को आराम पहुंचता है, जिससे व्यक्ति एनर्जेटिक फील करने लगता है। मसाज करवाने से जिस तरह से शरीर के ब्लड सर्कुलेशन में बहतरी आती है, इससे  शरीर को डिटॉक्सीफाई होने में आसानी हो जाती है। इस तरह जब शरीर डिटॉक्स हो जाता है तो यह बदले में आपको ताजा और सक्रिय महसूस करने में मदद करता है। इसलिए मसाज सिर्फ मानसिक बीमारियों से पीड़ित लोगों के लिए ही जरूरी नहीं, बल्कि ये सबके लिए जरूरी है।

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 नींद में मदद करता है

एक अध्ययन में पाया गया कि एक बॉडी मसाज एक बेहतर नींद को बढ़ावा देने में मददगार है। दरअसल मसाज से जो सेरोटोनिन हार्मोन निकलता है उससे शरीर को आराम करने में मदद मिलती है। इससे आपकी नींद की गुणवत्ता और बेहतर होने लगती है। बेहतर नींद कई बीमारियों का इलाज है। इससे न सिर्फ मानसिक रूप से आप खुश रह सकते हैं, बल्कि शारीरिक तौर पर भी ये व्यक्ति को स्वस्थ्य और सूखी रहने में मदद करता है।

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