पश्चिमी सभ्यता आज हम पर बुरी तरह से हावी होती जा रही है। आज हम हर चीज विदेशी ब्रांड को खोजते हैं यहां तक की टॉयलेट भी इनमें से एक है। पहले केवल ऑफिसों में ही वेस्टर्न टॉयलेट का इस्तेमाल होता था, लेकिन अब लोग घरों में भी इसका इस्तेमाल कर रहे हैं। अगर आप वेस्टर्न स्टाइल का टॉयलेट इस्तेमाल करते हैं तो कहीं ना कहीं पेट साफ ना रहने की शिकायत आपके बैठने के तरीके से जुड़ी है। इसलिए आपको टॉयलेट में बैठने के सही तरीके की जानकारी होनी चाहिए। टॉयलेट सीट पर सही तरीके से बैठकर आप पेट संबंधी सभी समस्याओं से बच सकते है।
टॉयलेट सीट पर बैठने सही तरीके
- हम में से ज्यादातर लोग टॉयलेट सीट पर नब्बे डिग्री के एंगल में बैठते हैं। आप भी कुछ इसी तरीके से वेस्टर्न टॉयलेट में बैठते होगें। लेकिन क्या आप जानते है कि टॉयलेट में बैठने का यह सबसे गलत तरीका होता है।
- इस तरीके से बैठने से मलाशय कहीं ना कहीं परेशानी आने लगती है। क्योंकि आंतें उस प्रवाह में काम नहीं कर पाती जिस तरीके से करना चाहिए। देखा जाए तो इंडियन स्टाइल में बैठने के तरीके को ही सही माना जाता है।
- इंडियन टॉयलेट के स्टाइल में बैठने से कब्ज, गैस, पेट-दर्द, कोलोन कैंसर आदि होने की संभावनाएं काफी कम हो जाती है। इंडियन स्टाइल से टॉयलेट सीट में बैठने से हमारा कूल्हा 35 डिग्री तक झुक जाता है और मलाशय का रास्ता इस अवस्था में बेहतर तरीके से काम करता है।
- इसलिए अगर आप वेस्टर्न टॉयलेट का ही इस्तेमाल करते हैं, तो आसान तरीके से खुद को स्वस्थ रख सकते हैं। बस आपको करना इतना है कि वेस्टर्न टॉयलेट में बैठने के बाद अपने पैरों को एक छोटे स्टूल के ऊपर रख लें। ऐसे में आप खुद को पीछे की तरफ धकेलेंगे और आपकी पोजिशन खुद-ब-खुद ही इंडियन स्टाइल हो जाएगी।
इस तरीके से वेस्टर्न टॉयलेट सीट पर बैठने से आपको पेट संबंधी कोई समस्या नहीं होगी आप फिट रहेंगे और गलत तरीके से टॉयलेट इस्तेमाल करना भी बंद कर देंगे।
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