आयरन की कमी की चिकित्सा व बचाव

आयरन फेफड़ों से शरीर के अन्‍य अंगों में ऑक्‍सीजन पहुंचाने का काम करता है। शरीर में हीमोग्‍लोबिन की कमी होना अनीमिया कहलाता है। आयरन हमारी मांसपेशियों में ऑक्‍सीजन का प्रयोग और उसे स्‍टोर करने में भी मदद करता है।
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आयरन की कमी की चिकित्सा व बचाव

शरीर में आयरन कमी होने से कई रोग और अनियमिततायें हो सकती हैं। ऐसे में उससे बचना और उसका इलाज करना बेहद जरूरी है। जानिये कैंसे करें आयरन डेफिथ्शियंसी का इलाज और क्‍या हैं इससे बचाव के उपाय।

iron deficiency आयरन क्‍या है और हमें इसकी जरूरत क्‍यों है

आयरन यानी लौह तत्‍व एक खनिज लवण है, जो हमारे शरीर के लिए काफी जरूरी होता है। उदाहरण के लिए, आयरन फेफड़ों से शरीर के अन्‍य अंगों में ऑक्‍सीजन पहुंचाने का काम करता है। शरीर में हीमोग्‍लोबिन की कमी होना अनीमिया कहलाता है। आयरन हमारी मांसपेशियों में ऑक्‍सीजन का प्रयोग और उसे स्‍टोर करने में भी मदद करता है।

आयरन कई एंजाइम्‍स का अहम हिस्‍सा होता है और कोशिकीय एंजाइम्‍स में भी इसका इस्‍तेमाल होता है। एंजाइम्‍स हमारे शरीर में भोजन पचाने में भी मदद करने के साथ ही कई महत्‍वपूर्ण काम करते हैं। शरीर में अगर आयरन की पर्याप्‍त मात्रा न हो, तो इसका असर हमारे शरीर के कई अंगों पर पड़ता है।

आयरन डेफिशियंसी क्‍या है-

आयरन डेफिशियंसी उस परिस्थिति को कहते हैं, जब हमारे शरीर में आयरन की मात्रा बहुत कम हो जाती है। अमेरिका में अनीमिया की सबसे बड़ी वजह आयरन डेफिशियंसी ही है।

कैसे करें आयरन डेफिशियंसी का इलाज

अगर आपको आयरन डेफिशियंसी है, तो आप सबसे पहले डॉक्‍टर की सलाह लें। आपका इलाज कई बातों, जैसे आपकी उम्र, सेहत और आयरन डेफिशियंसी के कारण पर निर्भर करता है।

अगर आपको डॉक्‍टर इस बात को लेकर आश्‍वस्‍त हो जाए कि आपको आयरन डेफिशियंसी है, तो वह आपको आयरन की गोलियां दे सकता है। इन गोलियों का कुछ समय तक सेवन करने के बाद वह आपको दोबारा रक्‍त में हीमोग्‍लोबिन की जांच के लिए बुला सकता है। वह इस बात की पुष्टि करना चाहेगा कि आखिर आपको गोलियों से कितना फायदा हो रहा है।

अगर आपके डॉक्‍टर को लगे कि आपके शरीर में आयरन डेफिशियंसी की वजह आपके आहार में आयरन की कमी होना है, तो आपको अधिक मात्रा में आयरन युक्‍त आहार खाने की सलाह दी जा सकती है। इसके साथ ही डॉक्‍टर आपको कुछ सप्‍लीमेंट भी दे सकता है।

यहां एक बात ध्‍यान देने वाली है कि आयरन डेफिशियंसी का सही कारण जाने बिना इसका इलाज संभव नहीं है। आमतौर पर लोग मानते हैं कि आहार में आयरन युक्‍त खाद्य पदार्थां की कमी ही इसका एकमात्र कारण है, जो सच नहीं है। आयरन डेफिशियंसी के कई ऐसे कारण हो सकते हैं, जिनका आपके आहार से कोई लेना-देना नहीं होता। डॉक्‍टर इसके सही कारण जानकर उसके बाद उसे दूर करने का प्रयास करेगा।

आयरन डेफिशियंसी से बचने के उपाय

आपका आहार आयरन डेफिशियंसी से बचने का सबसे कारगर उपाय है। आपके आहार में आयरन युक्‍त खाद्य पदार्थों की मात्रा अधिक होनी चाहिए। एक स्‍वस्‍थ आहार मं फल व सब्जियां, विशेषकर हरी पत्‍तेदार सब्जियां, साबुत अनाज, कम वसाय युक्‍त दूध व अन्‍य डेयरी उत्‍पाद, लीन मीट, मछली, अण्‍डे और सूखे मेवे आदि शामिल करने चाहिए। आपको संतृप्‍त वसा युक्‍त आहार से दूर रहना चाहिए। साथ ही कोलेस्‍ट्रॉल, नमक और अधिक शर्करा युक्‍त खाद्य पदार्थों का सेवन भी कम से कम करना चाहिए।

आयरन अवशोषण भी है जरूरी

आपके आहार में न केवल अच्‍छी मात्रा में आयरन होना जरूरी है, बल्कि ऐसे खाद्य पदार्थ भी होने चाहिए जो आयरन को आपके शरीर में अवशोषित कर सकें। उदाहरण के लिए आपको आयरन युक्‍त खाद्य पदार्थों के साथ ऐसे फल और सब्जियों का सेवन करें जिनमें विटामिन सी की मात्रा अधिक हो। विटामिन सी आपके शरीर को आयरन अवशोषित करने में मदद करता है।

जानिये कैसे दूर करें आयरन डेफिशियंसी

बच्‍चों में

अगर संभव हो तो नवजात शिशु को कम से कम एक वर्ष तक स्‍तनपान जरूर करवायें। अपने नवजात को भी आयरन युक्‍त दलिया व अन्‍य खाद्य पदार्थ खिलायें। दिन में दो बार इस प्रकार का आहार उसके आयरन की जरूरत को पूरा करने के लिए काफी है। जब आपका बच्‍चा छह महीने का हो जाए, तो उसे विटामिन सी युक्‍त आहार का सेवन करायें, जिनमें नॉन-हीम आयरन हो। इससे उनकी पाचन क्रिया अच्‍छी होती है।

  • अगर आप स्‍तनपान नहीं करवा सकती हैं, तो आयरन से भरपूर फॉर्मूला अपने बच्‍चे को दें-
  • जब तक आपका बच्‍चा एक वर्ष का नहीं हो जाता, तब तक उसे गाय, बकरी और सोया मिल्‍क न दें, क्‍योंकि इनमें आयरन की मात्रा कम होती है।
  • अगर बच्‍चे का जन्‍म समय से पहले हुआ है, तो आप डॉक्‍टर से पूछकर उसे आयरन ड्रॉप भी दे सकते हैं।
  • इसके अलावा बच्‍चे के आहार से जुड़ी किसी भी आशंका के लिए डॉक्‍टर से जरूर बात करें।

 

एक से पांच वर्ष की आयु के बच्‍चे

जब आपका बच्‍चा एक वर्ष का हो जाए, तो उसे रोजाना 80 से 200 ग्राम से गाय, बकरी और सोया दूध न दें। जब बच्‍चा दो वर्ष या उससे अधिक हो जाए, तो उसे नॉन फैट मिल्‍क देना चाहिए। विटामिन डी से भरा दूध कैल्शियम और विटामिन डी का अच्‍छा स्रोत है, आयरन का नहीं।

प्रसव उम्र की किशोरियां और महिलायें

ऐसे आहार का सेवन करें, जिसमें विटामिन सी भरपूर मात्रा में हो। विटामिन सी आपके शरीर में आयरन को अवशोषित करने में मदद करता है। आपको लीन रेड मीट, अण्‍डे और मछली आदि का सेवन भी करना चाहिए। इनमें पर्याप्‍त मात्रा में आयरन होता है। शरीर के लिए इस आयरन को अवशोषित करना, फलों और सब्जियों से मिलने वाले आयरन के मुकाबले आसान होता है।

गर्भवती महिलायें

ऐसी महिलाओं को उच्‍च आयरन युक्‍त आहार का सेवन करना चाहिए। इन महिलाओं को सामान्‍य से अधिक आयरन की जरूरत होती है, ऐसे में उन्‍हें आयरन की गोलियां भी लेनी चाहिये। आप डॉक्‍टर से पूछकर अपने लिए उपयुक्‍त आहार योजना भी बनवा सकती हैं।


आयरन युक्‍त आहार

  • फलियां
  • पालक और अन्‍य हरी पत्तेदार सब्जियां,
  • किशमिश और खुबानी जैसे सूखे फल,
  • अंडे
  • आयरन की प्रमुखता वाले अनाज
  • मटर
  • रेड मीट
  • मछली

 

विटामिन सी युक्‍त आहार

  • ब्रोक्कोली
  • चकोतरा
  • कीवी
  • पत्तेदार साग
  • आम
  • ख़रबूजा
  • संतरा 
  • मिर्च
  • स्ट्रॉबेरी
  • टमाटर

 

 

 

 

 इन सब उपायों को आजमाकर आप स्‍वयं को और अपने परिवार को आयरन डेफिशियंसी का इलाज कर सकते हैं। और साथ ही स्‍वयं को इस बीमारी से दूर भी रख सकते हैं।

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