नए साल आ चुका है, ऐसे में लाखों ने सेहत को अपने न्यू ईयर रिजोल्यूशन का हिस्सा बनाया है। अगर, आप भी इस साल सेहत को बेहतर करना चाहते हैं तो आपको कैंसर के आवश्यक टेस्ट अवश्य कराने चाहिए। इससे समय रहते कैंसर की समस्याओं की पहचान हो सकती है। कैंसर को चार चरणों में बांटा जाता है। विशेषज्ञों और डॉक्टरों का कहना है कि पहले चरण में बीमारी की पहचान करने से उसके इलाज को करना बेहद आसान हो जाता है। ऐसे में आप इस साल कैंसर से जुड़ी कुछ उपयोगी स्क्रिनिंग कर सकते हैं। आगे जानते हैं कि साल 2024 में आपको कौन सी स्क्रीनिंग करनी चाहिए।
नए साल में जरूर कराएं Cancer की ये 5 Screening - Cancer Screenings For 2024 To Avoid Cancer Risk In Hindi
आइए उन शीर्ष पांच कैंसर स्क्रिनिंग के बारे में जानें जिन्हें स्वास्थ्य विशेषज्ञ 2024 में कराने की सलाह देते हैं:
सर्वाइकल कैंसर स्क्रीनिंग - Cervical Cancer Screening
सर्वाइकल कैंसर की जांच में एचपीवी परीक्षण और पैप स्मीयर शामिल हैं, दोनों ही सर्वाइकल कैंसर का शीघ्र पता लगाने या इसके विकास को रोकने में प्रभावी होते हैं। 18 साल की उम्र के बाद महिलाएं अपनी उम्र के आधार पर सर्वाइकल कैंसर के खतरे का आकलन करने के लिए इन स्क्रिनिंग को करवा सकती हैं।
मैमोग्राम - Mammogram
स्तन कैंसर का शीघ्र पता लगाने के लिए मैमोग्राम, स्तनों का एक्स-रे करा सकते हैं। नियमित मैमोग्राम डॉक्टरों को समय के साथ परिवर्तनों को जांचने और स्तन कैंसर को महसूस होने से तीन साल पहले तक पहचानने में सक्षम बनाता है। अमेरिकन कैंसर सोसाइटी के अनुसार 40 से 44 वर्ष की आयु वाली महिलाओ को ब्रेस्ट की देखभाल के लिए यह टेस्ट अवश्य कराना चाहिए।
प्रोस्टेट कैंसर स्क्रीनिंग - Prostate Cancer Screening
प्रोस्टेट कैंसर का पता लगाने के लिए प्रोस्टेट-विशिष्ट एंटीजन (पीएसए) रक्त परीक्षण आवश्यक हैं। प्रोस्टेट स्क्रीनिंग के बारे में चर्चा जोखिम कारकों के आधार पर अलग-अलग उम्र में शुरू होनी चाहिए। अमेरिकन कैंसर सोसायटी के अनुसार पुरुषों को 50 साल की उम्र के बाद जोखिम बढ़ जाता है। ऐसे में पुरुषों को 45 से ही प्रोस्टेट कैंसर की स्क्रीनिंग करानी चाहिएं।
कोलोरेक्टल स्क्रीनिंग - Colorectal Screenings
कोलोरक्टल स्क्रीनिंग इस अंग से जुडे कैंसर की पहचान के लिए होती है। पॉलीप्स या कोलोरेक्टल कैंसर का पता लगाने के लिए कोलोनोस्कोपी सहित विभिन्न स्क्रीनिंग उपलब्ध हैं। कोलोनोस्कोपी, जिसका उपयोग अक्सर पॉलीप्स की जांच के लिए किया जाता है।
फेफड़ों के कैंसर की जांच - Lung Cancer Screening
आज के समय में अधिकतर लोगों को स्मोकिंग की आदत होती है। स्मोकिंग करने वाले लोगों को साला में एक बार फेफड़ों की स्क्रीनिंग अवश्य करानी चाहिए। इससे फेफड़ों के कैंसर से बचाव होता है।
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कैंसर की समस्या से बचने के लिए आप नियमित रूप से कुछ टेस्ट करवाने चाहिए। इससे कैंसर की पहचान समय रहते हो सकती है। पहले स्टेज के कैंसर का इलाज करने में अधिक जटिलता नहीं होती है। जबकि बाद के स्टेज के कैंसर को ऑपरेट करने में अधिक समय लग सकता है।