हाल में हुए एक नये अध्ययन के मुताबिक, प्रीबायोटिक्स तनाव और अनिद्रा की शिकायत से लड़ने में मददगार हो सकते हैं। यह शोध चूहों पर किया गया, जिसमें शोधकर्ताओं के अनुसार, हाई फाइबरयुक्त खाद्य पदार्थों और डेयरी प्रॉडक्ट्स में पाए जाने वाले इन "प्रीबायोटिक्स" हाई डाइट से शरीर में एक शक्तिशाली "सिम्बीऑटिक रिश्ता'' या सहजीवी संबंध का समर्थन होता है, जो बेहतर नींद और कम तनाव को बढ़ावा देता है।
क्या कहते हैं अध्ययन?
पहले हुए अध्ययन के परिणाम मे, प्रीबायोटिक्स में उच्च आहार के सेवन से व्यक्ति में तनाव और खराब नींद का सामना करना पड़ सकता है। यह दोनों ही मानसिक समस्याओं, याददाश्त और समय से पहले उम्र बढ़ने तक असंख्य स्वास्थ्य समस्याओं को पैदा कर सकते हैं। जबकि नए अध्ययन के मुताबिक हाई प्रीबायोटिक्स युक्त आहार तनाव और अनिद्रा से निपटने में मदद कर सकते हैं।
नए अध्ययन और कोलोराडो विश्वविद्यालय की शोधकर्ता मोनिका फ्लेशनेर ने कहा, "इस जानकारी के साथ, हम एक लक्षित थेरेपी विकसित करने में सक्षम हो सकते हैं, जो तनाव को और नींद को कम करने वाले अणुओं को बढ़ाता है।''
तनाव और अनिद्रा को कम करने में कैसे मददगार हैं प्रीबायोटिक्स?
प्रीबायोटिक्स पेट के बैक्टीरिया-बढ़ाने वाले प्रोबायोटिक्स के रूप में प्रसिद्ध नहीं हो सकते हैं। लेकिन वे हमारे आहार में सर्वव्यापी हैं, जैसे कि ओट्स और लहसुन के रूप में विविध खाद्य पदार्थों में ये पाए जा सकते हैं। लेकिन प्रोबायोटिक्स के विपरीत, मानव वास्तव में प्रीबायोटिक्स को पचा नहीं सकता है। फिर भी, वे एक महत्वपूर्ण कार्य करते हैं। प्रीबायोटिक्स लाखों सूक्ष्मजीवों को खिलाते हैं, जो हमारी पेट मे रहते हैं औ यह हैप्पी बैक्टिीरिया और पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देते हैं। इस प्रकार यह पारिस्थितिकी तंत्र, आंत माइक्रोबायोम, और हमारे मस्तिष्क के कार्य और व्यवहार को बदले में प्रभावित कर सकता है।
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प्रीबायोटिक्स के सकारात्मक प्रभाव सेल मेटाबालिज्म के दौरान उत्पन्न अणुओं के बीच संचार की वजह से होता है, जिन्हें मेटाबोलाइट्स और मस्तिष्क के रूप में जाना जाता है। प्रीबायोटिक्स, मेटाबोलाइट्स के उत्पादन को बढ़ावा देते हैं, जो तनाव और खराब नींद के खिलाफ एक बफर के रूप में कार्य करते हैं। एक ही समय में, प्रीबायोटिक्स कम मेटाबोलाइट्स इन समस्याओं से जुड़ा हुआ है।
कैसे किया गया अध्ययन?
इस शक्तिशाली प्रभाव के तंत्र को समझने के लिए, शोधकर्ताओं ने चार प्रीबायोटिक्स में एक आहार पर 26 चूहों को रखा। जिसमें गैलेक्टुलिगोसैकेराइड्स, पॉलीडेक्स्ट्रोस, लैक्टोफेरिन, और दूध फैट और प्रोटीन शामिल था। 5 पांच हफ्तों में, शोधकर्ताओं ने इन चूहों की नींद की गुणवत्ता और इन 26 चूहों की तनाव प्रतिक्रिया की तुलना में एक मानक चाउ डाइट खिलाया। प्रयोग से पहले और बाद में, शोधकर्ताओं ने चूहों के मल के नमूने लिए, उनके मल में मेटाबोलाइट्स का विश्लेषण किया।
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परिणाम
प्रीबायोटिक-डाइट वाले चूहों में फैट एसिड, शुगर और स्टेरॉयड सहित मानक चाउ समूह की तुलना में उनके मल के नमूनों सक दर्जनों अतिरिक्त मेटाबोलाइट्स थे। जिन चूहों ने मानक चाउ आहार खाया, उनमें नींद में खलल भी देखी गई, जबकि प्रीबायोटिक समूह में ऐसा नहीं था।
शोधकर्ताओं का कहना है, निष्कर्ष बताते हैं कि प्रीबायोटिक समूह में पाए जाने वाले अतिरिक्त, "अच्छे" मेटाबोलाइट्स चूहों के दिमाग के साथ संचार कर रहे हैं और तनाव के प्रति उनकी लचीलापन को बढ़ाते हैं, और अच्छी नींद को बढ़ावा देते हैं।
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