pranayam for low bp: आज के समय में ब्लड प्रेशर की समस्या आम हो गई है। कुछ लोग हाई बीपी तो कुछ लो बीपी का सामना कर रहे हैं। तनाव, भागदौड़ भरी जिंदगी के कारण बीपी लो हो जाता है। इसे हाइपोटेंशन (hypotension) भी कहा जाता है। बीपी लो होने पर बेहोशी, धुंधला दिखना, उल्टी आना, थकान, सांस की दिक्कत और कंसंट्रेशन में कमी जैसे लक्षण (low blood pressure symptoms) देखने को मिल सकते हैं। लेकिन लो बीपी को कंट्रोल किया जा सकता है। इसके लिए आप कुछ प्राणायाम का अभ्यास कर सकते हैं। योग विज्ञान संस्थान, पंजाब के फाउंडर और चेयरमैन डॉक्टर विकास (Dr. Vikas, Founder and Chairman, Yog Vigyan Sansthan, Punjab) से जानें लो ब्लड प्रेशर के लिए प्राणायाम-
लो बीपी के कारण होने वाली समस्याएं (diseases due to low blood pressure)
ब्लड प्रेशर कम होने के कारण फेफड़ों, ब्रेन और किडनी खून की सप्लाई नहीं हो पाती है। इस वजह से ऑर्गन ठीक से काम नहीं कर पाते हैं। लो ब्लड प्रेशर हार्ट अटैक और ब्रेन स्ट्रोक का भी कारण बनता है। एनीमिया, हार्ट की बीमारियां, ब्लड इंफेक्शन, डिहाइड्रेशन, थायराइड और स्ट्रेस भी लो बीपी के कारण हो सकता है। अगर किसी व्यक्ति के ब्लड प्रेशर की रीडिंग 80 और 60 से कम है, तो वह लो ब्लड प्रेशर की श्रेणी में आता है।
लो ब्लड प्रेशर के लिए प्राणायाम (pranayam for low bp)
1. कपालभाति करने की विधि (kapalbhati method)
कपालभाति करना स्वास्थ्य के लिए काफी फायदेमंद होता है। यह पेट से जुड़े सभी रोगों को दूर करने में मदद करता है। कपालभाति से शरीर को कई लाभ मिलते हैं। जानें कपालभाति करने का तरीका-
- कपालभाति करने के लिए सबसे पहले योग मैट पर सुखासन में बैठ जाएं।
- अपनी रीढ़ की हड्डी को बिल्कुल सीधा रखें।
- अब दोनों हथेलियों को आकाश की तरफ घुटने पर रखें।
- इसके बाद लंबी गहरी सांस लें।
- सांस छोड़ते हुए पेट को अंदर की तरफ खींचें।
- आप इस प्राणायाम को अपनी क्षमतानुसार कर सकते हैं।
- इस प्राणायाम को नियमित रूप से करने से ब्लड प्रेशर कंट्रोल में रहेगा।
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2. भस्त्रिका प्राणायाम (bhastrika pranayama steps)
- भस्त्रिका प्राणायाम करने के लिए आप सबसे पहले पद्मासन या सुखासन में बैठ जाएं।
- इस दौरान अपनी पीठ, गर्दन, कमर और रीढ़ की हड्डी को एकदम सीधा रखें।
- शरीर को स्थिर रखें। अब दोनों नासिका छिद्रों से आवाज करते हुए सांस लें।
- इसके बाद आवाज करते हुए सांस छोड़ दें।
- इस प्राणायाम का अभ्यास आप 10-15 मिनट तक लगातार कर सकते हैं।
3. भ्रामरी प्राणायाम की विधि (bhramari pranayama steps)
- भ्रामरी प्राणायाम करने के लिए सबसे पहले आप पद्मासन या सिद्धासन में बैठ जाएं।
- अपनी दोनों आंखें बंद कर लें।
- इसके बाद अपने दोनों अंगूठों से कान बंद कर लें।
- अपनी तर्जनी उंगुली को माथे पर रखें। बाकि उंगुलियों को आंखों पर रखें।
- अब मुहं भी बंद करें और लंबी गहरी सांस लें।
- सांस छोड़ते समय गुनगुनाने वाली ध्वनि निकालें।
- इसका अभ्यास करने से लो बीपी में सुधार होगा।
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4. उज्जायी प्राणायाम की विधि (ujjayi pranayama Steps)
- उज्जायी प्राणायाम लो बीपी के मरीजों के लिए काफी लाभकारी होता है।
- इसे करने के लिए सबसे पहले किसी शांत वातावरण में एक मैट बिछा लें।
- इस पर ध्यान मुद्रा में बैठ जाएं। आंखें बंद कर लें।
- इस दौरान अपनी रीढ़ की हड्डी को बिल्कुल सीधा रखें।
- अब नाक से लंबी सांस लें।
- फिर मुंह खोलकर ‘हा’ की ध्वनि निकालते हुए सांस छोड़ दें।
- इस अभ्यास को आप कई बार दोहरा सकते हैं।
5. उद्गीथ प्राणायाम (udgeeth pranayama benefits)
- उद्गीथ प्राणायाम करने के लिए सबसे पहले सुखासन में बैठ जाएं।
- अब लंबी सांस लें और छोड़ें।
- इसमें आपको सांस छोड़ते समय ओम का उच्चारण करना होता है।
- ओमममम की ध्वनि निकालते हुए सांस छोड़ें।
- इस प्रक्रिया को 10-15 बार दोहराया जा सकता है।
बीपी को कंट्रोल (low Blood Pressure) करने के लिए आप शशकासन, कोणासन, तिर्यक ताड़ासन, ताड़ासन और सूर्य नमस्कार भी कर सकते हैं। किसी भी प्राणायाम और योगासन को करने से पहले योगा एक्सपर्ट की राय जरूर लें। लेकिन अगर इससे भी फर्क न मिले, तो डॉक्टर से जरूर कंसल्ट करें।
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