निमोनिया के लक्षण क्या हैं? निमोनिया होने पर सांस लेने में परेशानी होती है, बुखार आता है, दिल की धड़कन बढ़ सकती है, भूख कम लगेगी या छाती में तेज दर्द हो सकता है। इन लक्षणों की त्रीवता और भी गंभीर हो सकती है अगर मरीज डायबिटीज जैसी बीमारी का शिकार हो। डायबिटीज के अलावा किडनी, हार्ट या लीवर की बीमारी, अस्थमा, सिस्टिक फाइब्रोसिस से पीड़ित मरीजों के लिए निमोनिया के लक्षण गंभीर हो सकते हैं। समय पर इलाज न होने पर मरीज की जान पर जोखिम बन सकता है। अगर डायबिटीज रोगी को निमोनिया हो जाता है तो बाकि अंगों को भी नुकसान पहुंच सकता है इसलिएउ सही चिकित्सा देखभाल जरूरी है। इस लेख में हम डायबिटीज के साथ निमोनिया होने के खतरे और बचाव के उपायों पर चर्चा करेंगे। इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने लखनऊ के केयर इंस्टिट्यूट ऑफ लाइफ साइंसेज की एमडी फिजिशियन डॉ सीमा यादव से बात की।
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डायबिटीज में निमोनिया का ज्यादा खतरा क्यों है? (Risk of pneumonia in diabetes)
निमोनिया संक्रमण के कारण होने वाली एक बीमारी है। निमोनिया के कारण फेफड़ों पर प्रेशर पड़ता है और सांस लेने में समस्या होती है। कई लोग ऐसा मानते हें कि निमोनिया ठंडे मौसम के कारण होता है जबकि निमोनिया एक प्रकार का बैक्टीरियल इंफेक्शन होता है। जिन लोगों को डायबिटीज की समस्या होती है उन्हें ठंड, फ्लू या बैक्टीरियल इंफेक्शन जल्दी हो जाता है क्योंकि उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है। खासकर जिन लोगों को टाइप 1 डायबिटीज होती है उन्हें इंफेक्शन का खतरा ज्यादा हो सकता है। डायबिटीज के मरीजों के शरीर में मौजूद शुगर ब्लड सर्कुलेशन को प्रभावित करती है जिससे ऑक्सीजन और पोषक तत्व, संक्रमण को रोकने में प्रयास में सफल नहीं हो पाते और बीमारी का जोखिम बढ़ जाता है।
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डायबिटीज के दौरान निमोनिया का इलाज (Treatment of pneumonia in diabetes)
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अगर आप डायबिटीज के मरीज हैं और आपको निमोनिया हो गया है तो आपका इलाज निमोनिया के आम मरीज की तरह ही किया जाएगा। निमोनिया होने पर मरीज को ज्यादा से ज्यादा आराम करने की सलाह दी जाती है। इसके अलावा कम लक्षण नजर आने पर एंटीबायोटिक्स दी जाती हैं और वहीं लक्षण गंभीर होने पर अस्पताल में कई दिनों तक भर्ती रहने की जरूरत पड़ सकती है। निमोनिया के साथ-साथ डायबिटीज रोगियों को इंफ्लुएंजा, गले के इंफेक्शन, साइनस इंफेक्शन, यीस्ट इंफेक्शन आदि से भी बचाव करना चाहिए।
मेडिकल इमरजेंसी कब होती है?
निमोनिया होने पर एक या दोनों फेफड़ों में इंफेक्शन हो सकता है पर निमोनिया के लक्षण व्यक्ति की उम्र और उसे कौनसा निमोनिया हुआ है इस बात पर निर्भर करता है। जिन लोगों को निमोनिया के माइल्ड लक्षण होते हैं वो एक महीने के भीतर ठीक हो जाते हैं पर गंभीर निमोनिया होने पर मरीज को ठीक होने में ज्यादा समय लग सकता है। अगर आपको सांस लेने में समस्या हो रही है या खांसी के साथ खून आ रहा है तो आपको तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए। वहीं अगर मरीज बेहोश हो जाए या बहुत ठंड लगे और स्किन के रंग में फर्क आए तो भी डॉक्टर को संपर्क करें। इन मामलों में तुरंत इलाज की जरूरत होती है।
डायबिटीज के मरीज निमोनिया से कैसे बचें? (How to control diabetes)
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- निमोनिया से बचने के लिए आपको आपका ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल में रखना होगा। आपके ब्लड में शुगर की मात्रा जितनी कंट्रोल रहेंगे, बाहरी बैक्टीरिया उतना ही कम नुकसान पहुंचाएंगे।
- डायबिटीज है और निमोनिया से बचना चाहते हैं तो अच्छी आदतों को अपनाते हुए धूम्रपान का सेवन न करें, इससे हानिकारक बैक्टीरिया आपके शरीर में जा सकते हैं और फेफड़ों को नुकसान पहुंचा सकते हैं इसलिए निमोनिया से बचने के लिए फेफड़ों को स्वस्थ रखें।
- डायबिटीज होने पर आप ऑयली या फास्ट फूड से दूर रहें, इस तरह के खाने से डायबिटीज कंट्रोल नहीं कर पाएंगे।
- आपको ज्यादा से ज्यादा फल और ताजी सब्जियों का सेवन करना चाहिए ताकि शरीर में फाइबर इंटेक बढ़ने से इम्यूनिटी बढ़ सके।
- डायबिटीज के मरीज आर्टिफिशियल शुगर का इस्तेमाल न करें, आपको चाय या अन्य डिशेज में चीनी के किसी भी प्रकार का सेवन अवॉइड करना चाहिए, शुगर का सेवन न करने से आप डायबिटीज कंट्रोल में रख सकते हैं।
- डायबिटीज मरीजों को हर दिन कसरत करना चाहिए, आप हल्की जॉगिंग से लेकर वर्कआउट अपनी सुविधा अनुसान चुन सकते हैं।
निमोनिया से बचने के लिए टीकाकरण जरूरी है
निमोनिया संक्रमण एक से दूसरे व्यक्ति में फैल सकता है इसलिए डायबिटीज रोगियों को भी निमोनिया से बचने के लिए टीकाकरण करवाना चाहिए। निमोनिया की वैक्सीन को न्यूमोकोकल के नाम से जाना जाता है। ये दो तरह की होती है पहली पीसीवी 13 जो शिशुओं को लगाई जाती है और दूसरी पीसीवी 23 जो दो साल से अधिक वर्ष के लोगों को दी जाती है। इस वैक्सीन को लगाने से हल्का बुखार, मांसपेशियों में दर्द की शिकायत हो सकती है पर ये लक्षण कुछ ही समय के लिए होते हैं।
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डायबिटीज के मरीज साफ-सफाई पर ध्यान दें
आपको बता दें कि निमोनिया एक से दूसरे व्यक्ति में फैल जाता है जिसके कारण संक्रमित व्यक्ति के फेफड़े, स्पाइन, दिमाग, ब्लड आदि पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है खासकर उन लोगों पर जिनकी उम्र ज्यादा है। स्ट्रेप्टोकोकस निमोने (Streptococcus Pneumoniae) के कारण निमोनिया होता है और कुछ बेहद गंभीर केस में मरीज को निमोनिया के कारण खून का संक्रमण भी हो सकता है। निमोनिया से बचने के लिए डायबिटीज मरीज खानपान और व्यक्तिगत तौर पर सफाई पर ध्यान दें। अपने कपड़ों को धोने के लिए डिसइंफेक्टेंट यूज़ करें और खाने के बाद व पहले हाथों को साबुन और पानी से साफ करें।
- डायबिटीज के मरीज हैं तो आप केवल घर का बना साफ और सादा खाना ही खाएं।
- बाहर का खाना या ज्यादा तला-भुना खाना अवॉइड करें क्योंकि इससे आपकी इम्यूनिटी और कमजोर हो सकती है।
- डायबिटीज के मरीजों को अपनी चीजों को दूसरों के साथ शेयर नहीं करना चाहिए, इससे संक्रमण का जोखिम बढ़ जाता है।
निमोनिया जैसी गंभीर बीमारियों का खतरा कम करने के लिए आपको अपनी दवाओं का सेवन समय पर लेना चाहिए और अपने आसपास सफाई का ध्यान रखें।
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