बच्चे आमतौर पर काफी एक्टिव रहते हैं और खेल-कूद जैसी गतिविधियों में शामिल रहते हैं, लेकिन कुछ बच्चों में फीजिकल एक्टिविटी बेहद कम होती है। हाल ही में 2023 ESC Congress द्वारा हुई एक स्टडी के मुताबिक बच्चो में फीजिकली इनएक्टिविटी आगे चलकर उनमें कार्डियोवैस्कुलर डिजीज यानि हार्ट से जुड़ी समस्याओं का कारण भी बन सकता है।
आगे चलकर बन सकता है हार्ट अटैक का कारण
शोधकर्ताओं के मुताबिक फीजिकल इनएक्टिव रहने से बच्चों में आगे चलकर हार्ट अटैक, स्ट्रोक या फिर अन्य कार्डियोवैस्कुलर डिजीज का खतरा बना रहता है। शारीरिक गतिविधियों में शामिल नहीं होने से बच्चों में मोटापा और ब्लड प्रेशर की समस्या होने लगती है, जो आगे चलकर हार्ट से जुड़ी समस्याओं को भी बढ़ा सकती है। शोधकर्ताओं ने इस शोध में 11, 15 और 24 वर्ष के बच्चों को शामिल किया गया था। इन बच्चों को लगातार फॉलो अप किया गया। ऐसे में इनके द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले स्मार्टफोन का वाचटाइम भी देखा गया। ऐसे में शारीरिक रूप से इनएक्टिव रहने वाले बच्चों के कार्डियोवैस्कुलर फंक्शन्स में कुछ बदलाव पाए गए। जिससे पता लगता है कि बच्चों में यह आदत फॉलो करने से हार्ट डैमेज या फिर हार्ट अटैक होने का खतरा बढ़ता है।
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बच्चों को एक्टिव कैसे बनाएं?
इस विषय पर अधिक जानकारी पाने के लिए हमने गेटवे ऑफ हीलिंग साइकोथेरेपिस्ट डॉ. चांदनी (Dr. Chandni Tugnait, M.D (A.M.) Psychotherapist, Lifestyle Coach & Healer) से बातचीत की। उन्होंने बताया कि बच्चों को जितना एक्टिव बनाया जाए वह उनकी सेहत के लिए उतना ही लाभकारी होता है। इसके लिए सबसे पहले बच्चों में समार्टफोन इस्तेमाल करने की आदत छुड़ाएं। ऐसे में उन्हें नियमित तौर पर वॉक कराए, उन्हें पैदल स्कूल भेजें। खाना खाने के बाद उनमें टहलने की आदत डालें। बच्चों को डांसिंग क्लास जॉइन कराना भी उन्हें एक्टिव बनाने में अहम भूमिका निभाती है। उन्हें स्पोर्ट्स एक्टिविटीज में शामिल होने के लिए प्रेरित करें। अगर तमाम कोशिशों के बाद भी बच्चा एक्टिव नहीं हो रहा है तो ऐसे में डॉक्टर से जरूर सलाह लें।
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