ब्रोन्किइक्टेसिस फेफड़ों से जुड़ी एक समस्या है, जिसमें मरीज को फेफड़ों के बीच हवा के रास्त में सूजन आ जाती है। ऐसे में मरीजों को पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन नहीं मिल पाती है, जिस कारण कई बार सांस लेने तक में कठिनाई हो सकती है। हाल ही में यूरोपियन रेस्पिरेटरी सोसाइटी, इंटरनेश्नल कॉन्ग्रेस, मिलिन, इटली द्वारा की गई एक स्टडी के मुताबिक बलगम के रंग से ब्रोन्किइक्टेसिस के मरीजों के भविष्य में होने वाली फेफड़ों की सूजन का पता लगाया जा सकता है।
क्या कहती है स्टडी?- What Study Says
दरअसल, ब्रोन्किइक्टेसिस को लेकर हुई इस स्टडी में कुल 31 देशों से 20000 लोगों को शामिल किया गया, जिसमें सभी के बलगम की जांच की गई। स्टडी में साबित होता है कि ब्रोन्किइक्टेसिस के मरीजों में बलगम द्वारा फेफड़ों की सूजन का पता लगाया जा सकता है। ब्रोन्किइक्टेसिस एक लॉन्ग टर्म डिजीज है, इसके लक्षण दिखने पर इस समस्या को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। कई बार यह स्वास्थ्य संबंधी अन्य समस्याओं का कारण भी बन सकता है।
ब्रोन्किइक्टेसिस के लक्षण- Bronchitis Symptoms in Hindi
ब्रोन्किइक्टेसिस के लक्षण समय के साथ बढ़ते जाते हैं।
- खांसी
- बलगम बनना
- संक्रमण में हरा या पीला बलगम
- पुरानी खांसी
- थकावट और कमजोरी
- घरघराहट
- वजन कम होना
- खांसी में खून
ब्रोन्किइक्टेसिस से बचने के तरीके- Prevention Tips for Bronchitis in Hindi
- इससे बचने के लिए आपको इम्यूनिटी बूस्ट करने वाले खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए।
- अपनी डाइट में प्रोटीन और विटामिन सी को शामिल करें।
- संक्रमित व्यक्तियों के संपर्क में आने से बचना चाहिए।
- धूम्रपान और दूषित हवा के संपर्क में आने से दिक्कत बढ़ सकती है। ऐसे में आपको इससे बचना चाहिए।
- खाना पकाने के दौरान निकलने वाले धुएं और केमिकल से भी आपको अपने फेफड़ों को बचना चाहिए।
- बच्चों को इससे बचाने के लिए फ्लू और काली खांसी का टीका जरूर लगवाना चाहिए।