
बाजार में आज कई तरह के परफ्यूम उपलब्ध हैं। ऐसे में हमें कोशिश करनी चाहिए कि खरीदने से पहले हम उनके इन इंग्रीडिएंट्स को भी बढ़ लें।
परफ्यूम और इत्र का इस्तेमाल हर कोई करता है। एक तरीके से ये दोनों, हमारी ड्रेसिंग रूटीन का हिस्सा हैं। पर क्या आपने कभी सोचा है कि परफ्यूम आपको परेशान कर सकता है? नहीं न! पर ऐसा हो सकता है। दरअसल परफ्यूम में जिन एक्टिव इंग्रीडिएंट्स का इस्तेमाल होता है, वो शरीर में कई चीजों के साथ मिल कर रिएक्टेंट्स का काम कर सकते हैं। यहां तक कि ये सांस लेने में तकलीफ और अस्थमा के अटैक का कारण भी बन सकते हैं। साथ ही स्किन के प्रकार के हिसाब से भी ये लोगों को अलग-अलग तरीके से नुकसान पहुंचाते हैं। तो इसलिए जरूरी है कि आप परफ्यूम से होने वाले नुकसानों को जानें। पर सबसे पहले आइए जानते हैं परफ्यूम के कुछ हानिकारक इंग्रीडिएंट्स के बारे में।
परफ्यूम के हानिकारक इंग्रीडिएंट्स
आमतौर पर लोग परफ्यूम के हानिकारक इंग्रीडिएंट्स को देखते भी नहीं हैं। जबकि हमें परफ्यूम खरीदने से पहले इन हानिकारक इंग्रीडिएंट्स के प्रतिशत को जरूर जानना चाहिए। जैसे कि किसी भी खुशबू वाले स्प्रे में सबसे जहरीले तत्व के रूप में
- -इथेनॉल
- -आइसोप्रोपिल अल्कोहल
- -इथाइलीन ग्लाइकॉल
- - एसीटैल्डिहाइड होते हैं।
खासतौर पर इथेनॉल और आइसोप्रोपिल अल्कोहल का इस्तेमाल परफ्यूम के सुगंधित तत्व की खुशबू को संरक्षित करने यानी कि लंबे समय तक बनाए रखने के लिए उपयोग किया जाता है। पर असल में ये अल्कोहल हानिकारक होते हैं और 30 मिलीलीटर से अधिक मात्रा में लगा लेने पर परेशानी पैदा करते हैं।
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परफ्यूम लगाने के बाद होने वाली 3 परेशानियां (Perfume Health Risks In Hindi)
1.साइनस की परेशानी
पर्यावरण कार्य समूह (EWG) द्वारा किए गए एक अध्ययन में पाया लगाया गया है कि परफ्यूम में अक्सर पाए जाने वाले इंग्रीडिएंट्स आपके नाक के लिए सेंसिटिव होते हैं। इसके कारण ये नाक में खुजली और बेचैनी पैदा करते हैं, जिसकी वजह से लोगों को लगातार छींक आने लगती है। वहीं कई लोगों के लिए तो ये साइनस की परेशानी को बढ़ावा देने का काम करते हैं। इसलिए अगर परफ्यूम लगाने के बाद आपकी नाक बहने लगे या जुकाम हो जाए, तो आपको परफ्यूम का इस्तेमाल बंद कर देना चाहिए।
2.अस्थमा के लक्षणों को ट्रिगर करे
परफ्यूम लगाने के बाद अगर किसी को लगता है कि ये सांस की नली में सेंसिटिविटी पैदा कर रहा है और आपको परेशानी हो रही है, तो ये परफ्यूम से होने वाला नुकसान है। दरअसल परफ्यूम के कुछ हानिकारक इंग्रीडिएंट्स में शामिल इथाइलीन ग्लाइकॉल और एसीटैल्डिहाइड लोगों में सांस लेने की दिक्कत पैदा करती है। कई बार तो ये दोनों अस्थमा के लक्षणों को भी ट्रिगर करते हैं। ये सांस लेने में दिक्कत पैदा करके सीने में जकड़न महसूस करवाते हैं, जिससे व्यक्ति को बेचैनी महसूस होती है। ऐसे में अगर आपको ज्यादा दिक्कत लगे तो तुरंत इनहेलर का इस्तेमाल करें।
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3.हार्मोन सेंसिटाइजर
कई लोगों को किसी परफ्यूम के कुछ इंग्रीडिएंट्स से एलर्जी महसूस हो सकती है, तो कई लोगों के लिए ये हार्मोन सेंसिटाइजर के रूप में काम करता है। दरअसल ये एंडोक्राइन सिस्टम को ऑवर एक्टिवेट कर देता है, जिससे व्यक्ति को मूड स्विंग्स से जुड़ी गड़बड़ियां होती हैं।
इन तमाम चीजों के अलावा कई बार लोगों को परफ्यूम लगाने के कारण सुस्ती या ऊर्जा की कमी भी महसूस हो सकती है। साथ ही इसके कुछ सीक्रेट इंग्रीडिएंट्स आपके प्रजनन तंत्र के लिए हानिकारक होते हैं। वहीं बात अगर गर्भवती महिलाओं की करें, तो उन्हें इसके इस्तेमाल से बचना चाहिए। ऐसा इसलिए कि ये उनमें उल्टी और मितली की परेशानी को बढ़ा सकते हैं। तो अब जब भी बाजार में परफ्यूम खरीदने जाएं, तो कोशिश करें कि कम अल्कोहल वाला परफ्यूम ही खरीदें।
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