
Patra Pind Sweda In Hindi: खराब लाइफस्टाइल की वजह से लोगों को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। खासतौर पर, डेस्क जॉब वाले लोगों का ज्यादातर समय लैपटॉप के सामने काम करते हुए बीतता है। इसकी वजह से उन्हें अक्सर गर्दन, कंधों और कमर में दर्द की समस्या से जूझना पड़ता है। ऐसा ही कुछ 2 साल पहले मेरे साथ भी हुआ था। यह बात है साल 2021 की, जब कोविड-19 के कारण वर्क फ्रॉम होम चल रहा था। मैं दिनभर कभी चेयर पर, तो कभी बेड पर बैठकर लैपटॉप पर ऑफिस का काम करती रहती थी। लगातार लंबे समय तक गलत पॉश्चर में बैठने के कारण मेरे गर्दन और कंधों में दर्द होने लगा था। शुरुआत में मैंने इसे नॉर्मल थकान समझकर नजरअंदाज किया। लेकिन धीरे-धीरे यह दर्द बढ़ता ही गया। साथ ही, मेरी गर्दन में सूजन भी हो रही थी। लेकिन ऑफिस के काम की वजह से मैं इसे इग्नोर करती रही। जब ज्यादा दर्द होता, तो मैं पेन किलर खा लेती थी। लेकिन इससे भी थोड़ी देर के लिए ही राहत मिलती थी। एक दिन जब मैं सुबह सोकर उठी, तो मुझे गर्दन में असहनीय दर्द होने लगा। तब मैं ओखला स्थित होली फैमिली हॉस्पिटल गई। वहां जांच के बाद डॉक्टर ने मुझे बताया कि मुझे सर्वाइकल हो गया है। उन्होंने मुझे यह भी बताया कि अगर मैं शुरुआत में ही इलाज करवा लेती, तो शायद दर्द और सूजन इतनी ज्यादा ना बढ़ती। डॉक्टर ने मुझे कुछ दवाइयां दी और पत्र पिंड स्वेदन थेरेपी लेने की सलाह दी। आज ओनलीमायहेल्थ की 'आरोग्य विद आयुर्वेद सीरीज' के तहत मैं आपके साथ पत्र पिंड स्वेदन थेरेपी का अपना पूरा अनुभव साझा करने जा रही हूं। इस लेख में मैं आपको पत्र पिंड स्वेदन थेरेपी की प्रक्रिया, फायदे और लागत से जुड़ी जानकारी साझा करूंगी -
आयुर्वेद में पत्र पिंड स्वेदन का क्या महत्व है, इसके बारे में ज्यादा जानकारी प्राप्त करने के लिए मैंने जालंधर स्थित आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉ रितु चड्ढा (BAMS) से बात की। उन्होंने इस प्रक्रिया का अर्थ समझाया। साथ ही, यह थेरेपी किन-किन समस्याओं में फायदेमंद है, इसके बारे में भी जानकारी दी। आइए, जानते हैं विस्तार से -
पत्र पिंड स्वेदन क्या है? - What Is Patra Pind Sweda Therapy
डॉ रितु चड्ढा बताती हैं कि पत्र पिंड स्वेदन, एक विशेष प्रकार की आयुर्वेदिक स्वेदन क्रिया है। इसमें पत्र का मतलब पत्ते, पिंड का मतलब गोलाकार खंड और स्वेदन का मतलब पसीना पैदा करने वाला उपचार है। इसका प्रयोग जोड़ों और मांसपेशियों की सूजन, अकड़न और दर्द को दूर करने के लिए किया जाता है। आमतौर पर, सर्वाइकल, मस्कुलर पेन, साइटिका और अर्थराइटिस की समस्या में डॉक्टर यह थेरेपी लेने की सलाह देते हैं।
पत्र पिंड स्वेदन थेरेपी की प्रक्रिया - Patra Pind Sweda Therapy Process
इस उपचार की प्रक्रिया काफी सरल है। इसमें आपकी बीमारी के प्रकार के आधार पर औषधीय जड़ी-बूटियों को चुना जाता है। फिर उन्हें हर्बल तेल में पकाया जाता है और कपड़े में एक पिंड स्वरूप में बांधा जाता है। इस प्रक्रिया के लिए आमतौर पर निर्गुंडी पत्र, निम्ब पत्र, अर्क पत्र, करंज पत्र, सैंधव लवण तथा एरंड पत्र का उपयोग किया जाता है। फिर इस पिंड को गर्म हर्बल तेलों में डुबोया जाता है। इसके बाद रोगी को लिटाकर परिचारक अभ्यंग (मालिश) शुरू करते हैं। आमतौर पर, दोनों तरफ से दो परिचारक एक समान हाथों को चलाते हुए मालिश करते हैं। पत्र पिंड स्वेद का उद्देश्य पसीना पैदा करना है, इसलिए मालिश तब तक चलती रहती है, जब तक कि रोगी को पसीना न आ जाए। यह आपके शरीर में रक्त परिसंचरण (ब्लड सर्कुलेशन) को बढ़ाने में मदद करता है और दोषों के असंतुलन से छुटकारा दिलाता है। पत्र पिंड स्वेदन में डीप टिश्यू मसाज से मांसपेशियां मजबूत होती हैं, विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद मिलती है और सूजन कम होती है।
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पत्र पिंड स्वेदन थेरेपी का मेरा अनुभव
पत्र पिंड स्वेदन थेरेपी लेने से पहले मेरे दिमाग में काफी सारे सवाल थे। कई लोगों की तरह मेरी भी यह धारणा थी कि आयुर्वेदिक दवाओं और थेरेपी का असर काफी देर से होता है। लेकिन थेरेपी के दूसरे सेशन से ही मुझे काफी आराम मिल गया था। मुझे दर्द से काफी हद तक राहत मिल गई थी और सूजन भी कम होने लगी थी।
1400 रुपए में लिया पत्र पिंड स्वेदन थेरेपी का 1 सेशन
मैंने पत्र पिंड स्वेदन थेरेपी के कुल 6 सेशन लिए थे। हफ्ते में 2 थेरेपी सेशन लेती थी, जिसमें एक सेशन की लागत 1400 रुपए थी। इस तरह से पूरी थेरेपी के लिए मुझे 8,400 रुपए देने पड़े थे। दिल्ली के कई अस्पतालों और आयुर्वेदिक सेंटर्स में यह थेरेपी 1200-1700 रुपए में की जाती है।
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पत्र पिंड स्वेदन थेरेपी के फायदे - Patra Pind Sweda Therapy Benefits In Hindi
- मांसपेशियों के दर्द, गंभीर पीठ दर्द, गठिया, साइटिका, जोड़ों की अकड़न, अर्थराइटिस, स्लिप डिस्क और सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस में अक्सर पत्र पिंड स्वेद की सिफारिश की जाती है।
- पत्र पिंड स्वेदन आपको फिर से जीवंत करने में मदद करता है। इस मालिश से आपके शरीर और मन को आराम मिला है। यह आपको तनाव से मुक्त करने में मददगार हो सकता है।
- पत्र पिंड स्वेदन आपकी रीढ़ और पीठ को मजबूत बनाता है और मांसपेशियों को टोन करता है। इससे शरीर में मौजूद विषाक्त पदार्थ बाहर निकल जाते हैं और आप हल्का व ऊर्जावान महसूस करते हैं।
अगर आप भी सर्वाइकल की समस्या से परेशान हैं और पत्र पिंड स्वेदन थेरेपी लेने का विचार कर रहे हैं, तो पहले आयुर्वेदाचार्य से जरूर परामर्श लें। आयुर्वेदिक उपचारों और डाइट से जुड़े लेख पढ़ने के लिए हमारी 'आरोग्य विद आयुर्वेद' सीरीज के साथ जुड़े रहें। अगर आपको इस लेख में दी गई जानकारी पसंद आई हो, तो इसे अपने दोस्तों और परिचितों के साथ जरूर शेयर करें।