हर माता पिता चाहते हैं कि वो अपने बच्चों को अच्छी परवरिश दें। जबकि आजकल माता-पिता व्यस्त होने के चलते बच्चों पर उतना ध्यान नहीं दे पाते हैं जितना कि उन्हें देना चाहिए। कामकाजी महिलाओं को हमेशा ऑफिस और बच्चों की जिम्मेदारियों के बीच तालमेल बिठाने में काफी मुश्किल होती है। अगर वो बच्चों का ध्यान रखती है तो ऑफिस के काम छूटने लगते हैं और अगर ऑफिस के काम को तवज्जों दें तो बच्चों को पर्याप्त समय नहीं दे पाती हैं।
ऐसी स्थिति में बच्चे मनमानी करने लगते हैं और माता पिता की बातों को नजरअंदाज करते हैं। लेकिन घबराइए नहीं इन मुश्किलों के बीच भी आप खुद को स्थिर कर बच्चों और ऑफिस की जिम्मेदारियों को बखूबी निभा सकती हैं। आज हम आपको बता रहे हैं कि क्यों प्यार के साथ बच्चों के साथ सख्ती बरतना भी जरूरी है।
इसे भी पढ़ें : शिशु की परवरिश के वक्त जरूर ध्यान रखें ये 6 बातें

अगर बच्चों के साथ सिर्फ प्यार से ही बात की जाएगी तो हो सकता है कि उन्हें सही गलत का पता ना चल पाए। यानि कि जरूरी है कि आप अपने बच्चों को समझें और उनके साथ कभी कभी सख्ती से भी पेश आएं। ऐसा करने से आपके बच्चे में आत्म विश्वास बढ़ेगा और वह जल्द ही सफलता के कदम चूमेगा। लेकिन याद रखें कि बच्चे पर कभी हाथ ना उठाएं।हाल ही में हुए एक शोध का कहना है कि बात चाहे स्कूल का होमवर्क खत्म करने की हो या फिर अपना कमरा साफ रखने की, ऐसी जिम्मेदारी बचपन से ही बच्चों को देनी चाहिए। इससे वो चीजों को समझते हैं और बचपन से ही जिम्मेदार बनते हैं।
इसे भी पढ़ें : स्वास्थ्य के साथ ही शिशु के मुंह की सफाई भी है जरूरी
बचपन में भले ही आपको लगता रहा हो कि आपके पाता आपके सबसे बड़ी दुश्मन हैं, क्योंकि वो आपको बात-बात में डांटते हैं, लेकिन जब आगे जा के जिंदगी में आप एक सफल इंसान बन जाते है तो आपको इस बात का अहसास होता है कि आपके पापा ने जो भी किया आपके भले के लिए ही किया। इसके अलावा कई शोध में ये भी साफ हो गया है कि जो पेरेंट्स बचपन में अपने बच्चों के साथ प्यार और सख्ती के तालमेल से पेश आते थे उनके बच्चे जीवन में काफी सफल हुए हैं। ऐसा इसलिए भी हुआ क्योंकि उनकी अपने बच्चों से काफी अपेक्षाएं थीं।
ऐसे अन्य स्टोरीज के लिए डाउनलोड करें: ओनलीमायहेल्थ ऐप
Read More Articles On Parenting