
कोरोनावायरस के नए वैरिएंट ओमिक्रोन का संक्रमण दुनियाभर में तेजी से फैल रहा है। भारत में भी ओमिक्रोन से संक्रमित लोगों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। कोरोना वायरस संक्रमण के अलग-अलग वैरिएंट के लक्षण लगभग समान ही देखे गए थे लेकिन ओमिक्रोन से संक्रमित मरीजों में दिखने वाले लक्षणों को लेकर हेल्थ एक्सपर्ट्स भी हैरान हैं। कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रोन से संक्रमित होने वाले लोगों में मामूली लक्षण देखे जा रहे हैं। कुछ मरीजों में इसके लक्षण न के बराबर हैं। ऐसे में लोगों के मन में कंफ्यूजन की स्थिति बनी हुई है। देश में मिले लगभग सभी मरीजों में जो ओमिक्रोन से संक्रमित थे उनमें कोई भी गंभीर लक्षण नहीं देखा गया है। कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रोन से संक्रमित मरीजों में सांस से जुड़ी परेशानियों के भी लक्षण देखने को नहीं मिल रहे हैं। ऐसा क्यों है और कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रोन के लक्षण क्या हैं? इस पर आइये जानते हैं हेल्थ एक्सपर्ट्स की क्या राय है?
ओमिक्रोन के मरीजों में सांस से जुड़ी समस्या न होने के कारण (Why Breathing Difficulty Is Not Common In Omicron Patient?)
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दक्षिण अफ्रीका में सबसे पहले मिलने वाले कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रोन के मामलों में संक्रमण के कोई भी गंभीर लक्षण देखने को नहीं मिले हैं। कोरोना की दूसरी लहर के दौरान यह देखने को मिला था कि मरीजों में सांस से जुड़ी गंभीर समस्याएं दिखाई दे रही थीं और इसके चलते दुनियाभर में ऑक्सीजन सिलेंडर की मारामारी की स्थिति बनी हुई थी। दिल्ली स्थित एम्स अस्पताल के कम्युनिटी मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर डॉ पुनीत मुसरा के मुताबिक किसी भी वायरस के नए वैरिएंट का मूल वायरस से अलग लक्षण पैदा करना असामान्य नहीं है और ऐसा ही ओमिक्रोन के साथ भी है। कोरोनावायरस के नए वैरिएंट ओमिक्रोन से संक्रमित होने वाले मरीजों में सांस से जुड़ी समस्या न होने का एक प्रमुख कारण यह भी हो सकता है कि यह वायरस फेफड़ों में मल्टीप्ल नहीं हो रहा है। कई शोध और अध्ययन भी इस बात की ओर इशारा करते हैं कि ओमिक्रोन वैरिएंट का असर फेफड़ों पर कम हो रहा है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि ओमिक्रोन से संक्रमित मरीजों में सांस से जुड़ी समस्या नहीं हो सकती या इसका कोई असर फेफड़ों पर नहीं होता है।
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हालांकि ओमिक्रोन का संक्रमण अभी कुछ दिन पहले ही शुरू हुआ है इसलिए इसपर अभी से कोई निष्कर्ष निकाल लेना उचित नहीं होगा। दुनियाभर में ओमिक्रोन के संक्रमण को लेकर शोध और अध्ययन किये जा रहे हैं। हालांकि ओमिक्रोन वैरिएंट को लेकर हुए शुरूआती अध्ययन इस बात की पुष्टि करते हैं कि इसका संक्रमण डेल्टा वैरिएंट की तुलना में काफी तेजी से फैल रहा है और ओमिक्रोन पर वैक्सीन का प्रभाव भी डेल्टा की तुलना में कम हो रहा है।
कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रोन में दिखे ये लक्षण (Omicron Variant Symptoms)
कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रोन के संक्रमण को लेकर वैज्ञानिकों द्वारा किये गए अध्ययन के मुताबिक इससे संक्रमित केवल 50 प्रतिशत लोगों में ही बुखार, खांसी या स्वाद की हानि जैसे लक्षणों का अनुभव किया है। लेकिन सबसे आश्चर्यजनक बात यह है कि इस रिपोर्ट में यह निकलकर सामने आया है कि कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रोन से संक्रमित मरीजों में भूख न लगने का लक्षण सबसे ज्यादा देखने को मिला है। भारत में ओमिक्रोन से संक्रमित 200 से अधिक मामलों में यह लक्षण सबसे कॉमन रहा है। इसके अलावा कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रोन से संक्रमित मरीजों में दिखने वाले सामान्य लक्षण इस प्रकार से हैं।
- सामान्य बुखार।
- शरीर में दर्द।
- जुकाम।
- अत्यधिक थकान।
- गले में खराश।

ओमिक्रोन के मरीज आसान इलाज से हो रहे ठीक (Omicron Variant Treatment)
साउथ अफ्रीकन मेडिकल एसोसिएशन की चेयरपर्सन डॉ एंजेलिक कोएत्जी के मुताबिक दक्षिण अफ्रीका में ज्यादातर मरीज सामान्य और आसान इलाज से ठीक हो रहे हैं। कोरोना वैरिएंट की सबसे पहले पहचान करने वाले वैज्ञानिक डॉ एंजेलिक के मुताबिक कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रोन से संक्रमित मरीजों का उपचार काफी आसान है। उन्होनें कहा है कि मरीजों में बुखार और मांसपेशियों में दर्द को दूर करने वाली दवाओं से ही उनके लक्षण एकदम सही हो जा रहे हैं। इसके अलावा डॉ एंजेलिक ने कहा कि कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रोन के अब तक रिपोर्ट किये गए मामलों में कोई भी गंभीर लक्षण देखने को नहीं मिला है।
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