ओमेगा -3 फैटी एसिड (Omega-3 fatty acids) शरीर के लिए कुछ सबसे जरूर पोषक तत्वों में से एक है। ये शरीरिक और मानसिक स्वास्थ्य, दोनों के लिए ही फायदेमंद है। ओमेगा -3 फैटी एसिड पॉलीअनसेचुरेटेड फैटी एसिड (PUFAs) के रूप में भी जाना जाता है, जो कि हृदय स्वास्थ्य से जुड़ा हुआ है। ओमेगा -3 एसिड तीन प्रकार के फैटी एसिड होते हैं जो हमारे शरीर को सूजन को कम करने जैसे जरूरी कामों को करने में मदद करते हैं और कई बीमारियों से बचाते हैं। ओमेगा 3 फैटी एसिड की कमी (Omega-3 deficiency) होने पर आपको हार्मोनल असंतुलन और इम्यूनिटी आदि से जुड़े कई स्थितियों से गुजरना पड़ सकता है। तो, आज हम ओमेगा -3 फैटी एसिड की कमी के 10 लक्षणों और इसके उपचार के बारे में जसलोक अस्पताल और GOQii स्मार्ट हेल्थकेयर विशेषज्ञ आरोशी गर्ग (Arooshi Garg) से जानेंगे।
ओमेगा -3 फैटी एसिड की कमी का कारण- Omega-3 deficiency causes
ओमेगा -3 फैटी एसिड की कमी का सबसे बड़ा कारण होता है आपकी डाइट। आपकी डाइट ओमेगा-3 से भरपूर चीजों का ना होना शरीर में इसकी कमी से जुड़े कुछ लक्षण पैदा करता है। इसके अलावा कुछ आहार और डाइट प्लानआपको इस कमी का शिकार बना सकती हैं। उदाहरण के लिए, रेड मीट और पोल्ट्री लेने से ये ओमेगा -3 फैटी एसिड को लेने से रोकते हैं। साथ ही जिन लोगों को फैट नहीं पचता उनमें भी ओमेगा -3 फैटी एसिड की कमी के लक्षण देखे जाते हैं।
ओमेगा -3 फैटी एसिड की कमी के लक्षण-Omega-3 deficiency symptoms
1. दिल की बीमारियां
ओमेगा -3 हृदय स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण हैं। यह हृदय रोग से बचाता है और आपके हानिकारक कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है। साथ ही ये दिल का दौरा और स्ट्रोक जैसी बीमारियों को होने से रोकता है। इसके अलावा ये ट्राइग्लिसराइड्स को कम करता है और ब्लड प्रेशर को बैलेंस करने में मदद करता है। ओमेगा -3 उच्च रक्तचाप वाले लोगों में रक्तचाप के स्तर को कम कर सकता है एचडीएल कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ा सकता है। साथ ही ये ब्लड क्लॉटिंग और दिल के सेल्स और टिशूज में सूजन को रोकता है।
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2. कमजोर इम्यूनिटी
ओमेगा -3 की कमी से लोगों की इम्यूनिटी कमजोर होने लगती हैं। दरअसल, कमजोर इम्यूनिटी के कारण शरीर में सूजन बढ़ता है और शरीर कई बीमारियों से लड़ नहीं पाता। इसके अलावा ये शरीर के कई अंगों को अंदर से बीमार करने लगता है, जिसकी वजह से कई बार लोग ओमेगा -3 की कमी वाले लोगों में आप सुस्ती और आलस जैसे लक्षण देखेंगे।
3. पीरियड्स और प्रेग्नेंसी की मुश्किलें
महिलाओं के मुश्किल पीरियड्स को ओमेगा-3 आसान बना सकता है। जिन महिलाओं को लंबे समय तक, भारी पीरियड्स का अनुभव होता है, उन्हें ओमेगा -3 का सेवन बढ़ाने से राहत मिल सकती है। साथ ही प्रेग्नेंसी में ओमेगा-3 का सेवन बच्चे के दिमाग को तेज करने के साथ उसके विकास में मदद करता है।
4. एकाग्रता और ध्यान में कमी
ओमेगा-3 की कमी से आप एकाग्रता और ध्यान में कमी महसूस कर सकते हैं। साथ ही आपके बच्चों में ये एडीएचडी के लक्षणों का भी कारण बन सकता है। ये चिड़चिड़ापन और चिंता को भी कम करने में मदद करता है। जिन बच्चों और वयस्कों को बिना किसी कारण के जल्दी गुस्सा आता है, वे वास्तव में ओमेगा -3 की कमी से पीड़ित हो सकते हैं। ऐसे में ऐसे लोगों को एंग्जायटी और एंगर से बचने के लिए ओमेगा-3 का सेवन करना चाहिए।
5. किडनी की समस्याएं
ओमेगा-3 का सेवन किडनी के काम काज को बेहतर बनाता है। ये रेनल फंक्शन को सही करता है और शरीर को डिटॉक्स करने में मदद करता है। साथ ही ओमेगा-3 के सेवन से आप बढ़ती हुई उम्र के साथ भी अपने किडनी के फंक्शन को बेहतर बना सकते हैं।
6. आंखों की समस्या
डीएचए नामक ओमेगा -3 फैटी एसिड आंखों के लिए बेहद जरूरी है। ये आपको मोतियाबिंद से बचा सकता है। साथ ही जिन लोगों को ड्राई आईज की समस्या रहती है उनके लिए भी ये काफी फायदेमंद है। मछली जैसे ओमेगा-3 से भरपूज चीजों का रेगुलर सेवन कर आप अपने आंखों की रोशनी बढ़ा सकते हैं। साथ ही ये आपकी आंखों के नर्व्स और सेल्स को भी बढ़ाने में मदद करते हैं।
7. जोड़ों का दर्द और अकड़न
ऑस्टियोपोरोसिस और गठिया दो सामान्य विकार हैं जो आपको ओमेगा-3 की कमी के कारण हो सकती है। दरअसल, ओमेगा -3 आपकी हड्डियों में कैल्शियम की मात्रा को बढ़ाकर हड्डियों की ताकत में सुधार कर सकता है, जिससे ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा कम हो सकता है। ओमेगा -3 एस गठिया का भी इलाज कर सकता है। ओमेगा -3 को रेगुलर लेने से जोड़ों के दर्द को कम किया जा सकता है।
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8. बालों का झड़ना और पतला होना
बालों के झड़ने के पीछे ओमेगा-3 का एक बड़ा हाथ है। पहली बात की ओमेगा-3 कमी से आपके बालों को रंग और टैक्चर खराब होने लगता है। दूसरा इसकी कमी इसकी बालों की बनावट और घनत्व में परिवर्तन करता है। साथ ही इसकी कमी से आपके बाल तेजी से झड़ने लगते हैं और पतले हो जाते हैं। ऐसे में अगर आपके बाल सूखे और डैमेज हैं तो, आपको ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर फूड्स का सेवन करना चाहिए।
9. डिप्रेशन
ओमेगा -3 फैट मस्तिष्क का एक आवश्यक घटक है और न्यूरोप्रोटेक्टिव और एंटी इंफ्लेमेटी प्रभाव के लिए जाना जाता है। ये अल्जाइमर जैसे न्यूरोडीजेनेरेटिव रोगों और मस्तिष्क विकारों के इलाज में भी मदद करता है। इसके अलावा ओमेगा-3 की कमी वाले लोगों में मूड स्विंग्स और क्रेविंग जैसे गतिविधियां ज्यादा होती हैं।
10. रूखी त्वचा और त्वचा की अन्य समस्याएं
रूखी त्वचा और त्वचा की अन्य समस्याएं जैसे एक्जिमा, सूजन और घाव का कारण ओमेगा-3 फैटी एसिड हो सकता है। इसकी कमी से आपकी त्वचा ज्यादा संवेदनशील, ड्राई और मुंहासे वाली हो सकती है। साथ ही ओमेगा -3 फैट त्वचा में नमी के नुकसान को रोकते हैं और इसे जलन से बचाते हैं।
ओमेगा-3 की कमी का उपचार और डाइट टिप्स - Treatment and Diet Tips
विशेषज्ञ आरोशी गर्ग कहती हैं कि हमारे विशिष्ट भारतीय आहार में फैट के मुख्य स्रोत वनस्पति तेल, घी दूध और डेयरी उत्पाद हैं। हाालंकि डॉक्टर उपचार के लिए आपको ओमेगा-3 सप्लीमेंट्स दे सकते हैं। पर इसके अलावा आप कुछ डाइट की मदद से भी शरीर में ओमेगा-3 की कमी को दूर कर सकते हैं। जैसे कि
- आप फैटी फिश ले सकते हैं जैसे हेरिंग, सार्डिन, सैल्मन, ट्राउट।
-सीफूड जैसे सीप, क्लैम और मसल्स भी ओमेगा-3 के अच्छे विकल्प हैं।
-चिया सीड्स, फ्लैक्स सीड्स, अखरोट, सोयाबीन, एवोकाडो और कैनोला ऑयल ले सकते हैं।
इसलिए, हमें वजन संतुलित करने से लेकर इम्यूनिटी बढ़ाने तक कई कार्यों को बनाए रखने के लिए इन आवश्यक फैटी एसिड की जरूरत होती है। साथ ही अगर आप बहुत लो और डिप्रेस्ड जैसी मानसिक सम्याओं से जूझ रहे हैं तो आपको ओमेगा-3 से भरपूर चीजों का सेवन करना चाहिए।
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